भारत की पहली स्वदेशी मलेरिया वैक्सीन: एडफाल्सीवैक्स
- 21 Jul 2025
20 जुलाई, 2025 को भारत ने मलेरिया के खिलाफ अपनी पहली स्वदेशी वैक्सीन एडफाल्सीवैक्स विकसित करने में सफलता प्राप्त की।
मुख्य तथ्य:
- मलेरिया वैक्सीन निर्माण: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के भुवनेश्वर स्थित क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित एडफाल्सीवैक्स मलेरिया फैलाने वाले प्लाजमोडियम फेल्सीपेरम के विरुद्ध कारगर है।
- सामुदायिक संक्रमण रोकथाम: वैक्सीन मच्छरों के जरिए मलेरिया के सामुदायिक प्रसार को रोकती है; प्लाजमोडियम के दो परजीवी चरणों को लक्षित करके व्यापक सुरक्षा प्रदान करती है।
- तकनीकी विशेषता: बैक्टीरिया लैक्टोकोकस लैक्टिस की मदद से विकसित; यह आमतौर पर दही व पनीर में प्रयुक्त होता है; प्री-क्लिनिकल सत्यापन ICMR-NIMR, अन्य संस्थानों एवं राष्ट्रीय इम्यूनोलाजी संस्थान के सहयोग से हुआ।
- दीर्घकालिक प्रभाव: वैक्सीन कमरे के तापमान पर 9 महीने तक प्रभावी रहती है; दीर्घकालिक प्रतिरक्षा एवं सुरक्षा में बेहतर साबित हुई है।
- मलेरिया नियंत्रण का लक्ष्य: 2015-2023 में भारत में मलेरिया के मामलों में 80.5% और मृत्यु दर में 78.38% की गिरावट आई; 2024 में WHO के हाई बर्डन टू हाई इम्पैक्ट (HBHI) समूह से भारत बाहर; लक्ष्य 2027 तक शून्य मलेरिया मामला और 2030 तक मलेरिया उन्मूलन।
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