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राष्ट्रीय महिला विधायक सम्मेलन 2022

26 मई, 2022 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) में राष्ट्रीय महिला विधायक सम्मेलन-2022 का उद्घाटन किया।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • केरल विधानसभा द्वारा प्रथम बार राष्ट्रीय महिला विधायक सम्मेलन 2022 का आयोजन किया गया था।
  • स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के एक हिस्से के रूप में राष्ट्रीय महिला विधायक सम्मेलन 2022 का आयोजन किया गया।
  • राष्ट्रीय महिला विधायक सम्मेलन 2022 में संसद एवं राज्य विधानसभाओं की बिभिन्न महिला विधायकों के भाग लिया|
  • इस सम्मेलन में केंद्रीय मंत्रियों, लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा के उपाध्यक्ष तथा संसद सदस्यों ने भी भाग लिया।
  • इस सम्मेलन 2022 में संविधान एवं महिला अधिकार, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका, महिला अधिकार एवं विधिक अंतराल और निर्णय निर्माण निकायों में महिलाओं का अल्प प्रतिनिधित्व आदि विषयों पर चर्चा की गई|
  • भारत सरकार द्वारा 2016 में नई दिल्ली में प्रथम महिला विधायकों का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था।

स्टॉकहोम+50

2 से 3 जून, 2022 को स्टॉकहोम+50 (Stockholm+50) का आयोजन स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम किया गया है। यह मानव पर्यावरण पर 1972 के संयुक्त राष्ट्र (UN) सम्मेलन (स्टॉकहोम सम्मेलन के रूप में भी जाना जाता है) के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाया गया है।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस अंतरराष्ट्रीय बैठक का आयोजन किया था।
  • इस बैठक का विषय "सभी की समृद्धि के लिए एक स्वस्थ ग्रह - हमारी जिम्मेदारी, हमारा अवसर" (A Healthy Planet for the Prosperity of All – Our Responsibility, Our Opportunity) थी।

स्टॉकहोम सम्मेलन के बारे में

  • मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन 5 जून से 16 जून 1972 के मध्य स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में आयोजित किया गया था।
  • यह 'केवल एक पृथ्वी' (Only One Earth)विषय के साथ ग्रहीय पर्यावरण पर इस तरह का पहला विश्वव्यापी सम्मेलन था।
  • इसके परिणामस्वरूप स्टॉकहोम घोषणा हुई, जिसमें पर्यावरण नीति के लिए सिफारिशें और एक कार्य योजना शामिल थी।
  • इस सम्मेलन में भाग लेने वाले 122 प्रतिभागी देशों में से 70 जो विकासशील और गरीब देशों ने स्टॉकहोम घोषणा को अपनाया।
  • यह पहला वैश्विक रूप से मान्यता प्राप्त दस्तावेज़ था, जिसने ‘विकास, गरीबी और पर्यावरण के बीच अंतर्संबंधों’ को मान्यता दी।

शिक्षा मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन

1 से 2 जून, 2022 तक गुजरात में दो दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अन्य केंद्रीय मंत्री शामिल हुए थे।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • इस सम्मेलन में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों ने हिस्सा लिया।
  • इस सम्मेलन में धर्मेंद्र प्रधान ने पीएम श्री स्कूल (PM Shree school) स्थापित करने की योजना की घोषणा की। जिसका उद्देश्य छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना और यह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की प्रयोगशाला होगी।
  • इसका उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, स्कूल कौशल और डिजिटल परियोजनाओं जैसे राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा वास्तुकला एवं राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करना है।

भारत - नेपाल संबंध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर 16 मई, 2022 को लुंबिनी की आधिकारिक यात्रा पर रहे।

महत्वपूर्ण तथ्य: प्रधानमंत्री ने बुद्ध के जन्म स्थान लुंबिनी में 'इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर एंड मेडिटेशन हॉल' में आयोजित 2566वें बुद्ध जयंती समारोह में भाग लिया।

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के साथ लुंबिनी मठ क्षेत्र में 'भारत अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र' के निर्माण के लिए शिलान्यास किया।
  • इस बौद्ध संस्कृति केंद्र का निर्माण अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संघ (IBC), नई दिल्ली द्वारा किया जाएगा। यह एक आधुनिक इमारत होगी, जो ऊर्जा, जल और अपशिष्ट प्रबंधन के मामले में नेट जीरो के मानकों के अनुरूप होगी, और इसमें प्रार्थना कक्ष और ध्यान केंद्र होंगे।
  • प्रधानमंत्री ने लुंबिनी में मायादेवी मंदिर के दर्शन भी किए, जो बुद्ध की माता को समर्पित है।

समझौते: बौद्ध अध्ययन के लिए डॉ. अम्बेडकर पीठ की स्थापना पर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद और लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन।

  • भारतीय अध्ययन की आईसीसीआर पीठ की स्थापना पर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) और काठमांडू विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन।
  • मास्टर स्तर पर संयुक्त डिग्री कार्यक्रम के लिए काठमांडू विश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के बीच समझौता।
  • अरुण 4 परियोजना के विकास और कार्यान्वयन के लिए एसजेवीएन लिमिटेड और नेपाल विद्युत प्राधिकरण के बीच एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए।

जीएम फसल अनुसंधान मानदंडों में ढील

भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने 20 मई, 2022 को आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) फसलों में अनुसंधान के लिए मानदंडों को आसान बनाने और फसलों की रूपरेखा (प्रोफाइल) को बदलने के लिए विदेशी जीन का उपयोग करने संबंधी चुनौतियों को दूर करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

आनुवंशिक रूप से संशोधित पादपों के सुरक्षा आकलन हेतु दिशा-निर्देश 2022: पौधे के जीनोम को संशोधित करने के लिए ‘जीन-संशोधन तकनीक’ (Gene-Editing Technology) का उपयोग करने वाले शोधकर्ताओं को ‘जेनेटिक इंजीनियरिंग आंकलन समिति’ (Genetic Engineering Appraisal Committee- GEAC) से अनुमोदन प्राप्त करने से छूट दी गई है।

  • GEAC जीएम पादप/फसलों में अनुसंधान का मूल्यांकन करता है और खेती के लिए इसकी सिफारिश करता है या इसे अस्वीकृत करता है।
  • हालांकि अंतिम निर्णय पर्यावरण मंत्री के साथ-साथ उन राज्यों द्वारा लिया जाता है, जहां ऐसे पादप/फसलों की खेती की जाती है।
  • पर्यावरण मंत्रालय ने भी इस छूट को मंजूरी दे दी है।

जीनोम संशोधन (Genome editing): इसमें उन तकनीकों का प्रयोग शामिल है, जिनके माध्यम से जीनोम में विशेष स्थानों पर आनुवंशिक सामग्री को प्रविष्ट कराया जाता है, हटाया या परिवर्तित किया जा सकता है।

  • जीनोम संशोधन के लिए कई पद्धति विकसित की गई हैं। इनमें प्रमुख है - 'क्रिस्पर-कैस9’ (CRISPR-Cas9), जो Clustered regularly interspaced short palindromic repeats and CRISPR-associated protein 9 का संक्षिप्त रूप है।

भारत का पहला 5जी टेस्टबेड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 मई, 2022 को देश के पहले '5जी टेस्टबेड' (5G testbed) का उद्घाटन किया, जिससे स्टार्टअप और उद्योग जगत स्थानीय स्तर पर अपने उत्पादों का परीक्षण कर सकेंगे और विदेशी सुविधाओं पर निर्भरता कम होगी।


(Image Source: https://news2news.in/)

महत्वपूर्ण तथ्य: 5जी टेस्टबेड को लगभग 220 करोड़ रुपए की लागत से आईआईटी मद्रास परिसर में स्थापित किया गया है।

  • 5जी टेस्टबेड को आईआईटी मद्रास के नेतृत्व में आठ संस्थानों द्वारा एक बहु-संस्थान सहयोगी परियोजना के रूप में विकसित किया गया है।
  • टेस्टबेड की सुविधा 5 अलग-अलग स्थानों पर उपलब्ध होगी।
  • 5जी टेस्टबेड की अनुपस्थिति में, स्टार्टअप और उद्योग जगत को 5जी नेटवर्क के लिए अपने उत्पादों का परीक्षण दूसरे देशों में करना पड़ता था।
  • 19 मई को भारत ने दूरसंचार क्षेत्र में एक ऐतिहासिक तकनीकी सफलता हासिल की, जब केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आईआईटी मद्रास में देश की पहली 5जी कॉल की।

माया पिट वाइपर

हाल में मेघालय के री-भोई जिले के उमरोई मिलिट्री स्टेशन से उभयसृपविज्ञानवेत्ताओं या हर्पेटोलॉजिस्ट (herpetologists) की एक टीम ने जहरीले सांप की एक नई प्रजाति 'माया पिट वाइपर' (Maya’s Pit viper) की खोज की है।

(Image Source: https://www.thehindu.com/)

महत्वपूर्ण तथ्य: इस विषैले सांप की लंबाई लगभग 750 मिमी है। इसका वैज्ञानिक नाम 'त्रिमेरेसुरस मायाए' (Trimeresurus mayaae) है।

  • यह देखने में 'पोप्स पिट वाइपर' (Pope’s Pit Viper) से काफी मिलता-जुलता है लेकिन इसकी आंखों का रंग अलग है।
  • माया पिट वाइपर और पोप्स पिट वाइपर के हेमेपेनिस यानी मैथुन संबंधी अंग (hemepenis) भी अलग- अलग प्रकार के हैं।
  • सेना के एक अधिकारी की दिवंगत मां 'माया' के नाम पर सांप को 'माया पिट वाइपर' नाम दिया गया है।
  • हर्पेटोलॉजी (Herpetology) उभयचरों और सरीसृपों के अध्ययन से संबंधित प्राणी विज्ञान की शाखा है।
  • एक अनुमान के अनुसार भारत में पिछले दो दशकों में लगभग 12 लाख लोग सर्पदंश के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं और कई अन्य लोगों ने अपने अंग खो दिए हैं।

यूएनसीसीडी कॉप-15

संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय- यूएनसीसीडी (United Nations Convention to Combat Desertification: UNCCD) के पक्षकारों का सम्मेलन कॉप-15 (COP-15) 9 से 20 मई, 2022 तक आबिदजान, कोट डी आइवर (आइवरी कोस्ट) में आयोजित किया गया।

(Image Source: https:// https://www.unccd.int/)

कॉप-15 का विषय: 'भूमि, जीवन, विरासत: अभाव से समृद्धि की ओर' (Land, Life, Legacy: From scarcity to prosperity)।

महत्वपूर्ण तथ्य: केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने UNCCD के पक्षकारों के सम्मेलन के 15वें सत्र में राष्ट्र की ओर से वक्तव्य दिया।

  • भारत ने 2019 में नई दिल्ली में UNCCD के चौदहवें सत्र की मेजबानी की थी।

कॉप-15 में प्रमुख नई प्रतिबद्धतायें: 2030 तक एक अरब हेक्टेयर अवक्रमित भूमि (degraded land की बहाली में तेजी लाना;

  • शुष्क भूमि के विस्तार की पहचान करके, राष्ट्रीय नीतियों में सुधार करके और पूर्व चेतावनी, निगरानी और मूल्यांकन करके सूखे के प्रति अनुकूलन को बढ़ावा देना;
  • 2022-2024 के लिए सूखे पर एक अंतर सरकारी कार्य समूह की स्थापना करना;
  • मरुस्थलीकरण और भूमि क्षरण से प्रेरित प्रवासन और विस्थापन के समाधान का प्रयास करना;
  • भूमि प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी में सुधार करना और;
  • रेत और धूल भरी आंधी और अन्य बढ़ते आपदा जोखिमों से निपटना।

अन्य तथ्य: UNCCD और उसके सहायक निकायों के लिए पक्षकारों के सम्मेलन की भविष्य की बैठकें सऊदी अरब (2024 में COP-16) और मंगोलिया (2026 में COP-17) में आयोजित की जाएंगी।

संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय (UNCCD): इसकी स्थापना 1994 में हमारी भूमि की रक्षा और बहाली और एक सुरक्षित, न्यायपूर्ण और अधिक टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित करने के लिए की गई थी।

  • यह मरुस्थलीकरण और सूखे के प्रभावों को दूर करने के लिए स्थापित एकमात्र कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता है। यह यूरोपीय संघ (ईयू) और 196 देशों द्वारा अनुमोदित है।

कनाडा का 'ऑनलाइन समाचार अधिनियम'

मई 2022 में कनाडा ने गूगल जैसे डिजिटल समाचार मध्यस्थों (intermediaries) को विनियमित करने के लिए एक ऑनलाइन समाचार अधिनियम बनाया है।

महत्वपूर्ण तथ्य: इसमें गूगल जैसे मध्यस्थ द्वारा उपलब्ध कराई गई खबरों के लिए समाचार व्यवसायों को उचित मुआवजे के प्रावधान की परिकल्पना की गई है।

  • ज्ञात हो कि गूगल इन समाचार पत्रों के डिजिटल संस्करणों द्वारा उत्पन्न सामग्री पर भारी मात्रा में विज्ञापन राजस्व अर्जित करता है।

भारत पर प्रभाव: भारत में गूगल के खिलाफ इसी तरह की लड़ाई में डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (DNPA) द्वारा शीर्ष भारतीय समाचार पत्रों और उनके डिजिटल संस्करणों का प्रतिनिधित्व किया जा रहा है।

  • भारतीय समाचार पत्रों का आरोप है कि गूगल द्वारा कोई उचित भुगतान या राजस्व का बंटवारा नहीं किया गया है, जिससे भारत में समाचार प्रकाशकों को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है।
  • कनाडा में यह आदेश ऐसे समय में आया है जब भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने DNPA की ओर से दर्ज शिकायत के आधार पर गूगल को नोटिस जारी किया है।

टोमैटो फ्लू

मई 2022 में केरल और ओडिशा राज्यों में 'टोमैटो फ्लू' (Tomato flu) के मामले सामने आए हैं।

(Image Source: https://www.bbc.com/)

महत्वपूर्ण तथ्य: यह फ्लू (बुखार) पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है। फ्लू से संक्रमित बच्चे के शरीर पर टमाटर की तरह चकत्ते बन आते हैं, जो आमतौर पर लाल रंग के होते हैं, इसलिये इसे 'टोमैटो फ्लू' या 'टोमैटो फीवर' कहा जाता है।

  • इस फ्लू के लक्षणों में लाल रंग के चकत्ते, त्वचा में जलन और निर्जलीकरण शामिल हैं।
  • फ्लू के कारण थकान, जोड़ों में दर्द, पेट में ऐंठन, मतली, उल्टी, दस्त, खाँसी, छींकना, नाक बहना, तेज बुखार और शरीर में दर्द भी हो सकता है। कुछ मामलों में, यह पैरों और हाथों का रंग भी बदल सकता है।
  • फ्लू के अन्य मामलों की तरह, 'टोमैटो फीवर' भी संक्रामक है। अगर कोई इस फ्लू से संक्रमित है, तो उसे अलग-थलग रखने की जरूरत है क्योंकि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैल सकता है।
  • इसके लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है। उचित देखभाल और स्वच्छता से लक्षण अपने आप समाप्त हो जाते हैं।
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