सामयिक

राष्ट्रीय:

शिक्षा मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन

1 से 2 जून, 2022 तक गुजरात में दो दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अन्य केंद्रीय मंत्री शामिल हुए थे।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • इस सम्मेलन में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों ने हिस्सा लिया।
  • इस सम्मेलन में धर्मेंद्र प्रधान ने पीएम श्री स्कूल (PM Shree school) स्थापित करने की योजना की घोषणा की। जिसका उद्देश्य छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना और यह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की प्रयोगशाला होगी।
  • इसका उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, स्कूल कौशल और डिजिटल परियोजनाओं जैसे राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा वास्तुकला एवं राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करना है।

उन्नत हल्का हेलीकाप्टर एमके -III स्क्वाड्रन

भारतीय तटरक्षक बल ने 4 मई, 2022 को कोच्चि के नेदुंबसेरी में तटरक्षक एयर एन्क्लेव में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्नत हल्के हेलीकाप्टर एमके-III (ALH Mk III) के अपने दूसरे एयर स्क्वाड्रन '845 स्क्वाड्रन(सीजी)' को कमीशन किया।

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महत्वपूर्ण तथ्य: तटरक्षक महानिदेशक वी. एस. पठानिया ने इस नये एयर स्क्वाड्रन को कमीशन किया।

  • ALH Mk III हेलीकॉप्टरों के दूसरे स्क्वाड्रन का उद्देश्य पश्चिमी समुद्री तट की सुरक्षा को और बढ़ाने के साथ ही साथ भारत की खोज और बचाव क्षमता को बढ़ाना है।
  • स्वदेशी रूप से विकसित ALH Mk III हेलीकॉप्टर अत्याधुनिक सेंसर की एक शृंखला से सुसज्जित है, जो तटरक्षक बल के समुद्री कौशल में इजाफा करती हैं।
  • यह बहुआयामी हेलीकॉप्टर उन्नत संचार प्रणाली, स्वचालित पहचान प्रणाली, खोज और बचाव होमर और स्वचालित उड़ान नियंत्रण प्रणाली और आधुनिक निगरानी रडार / इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल उपकरण से सुसज्जित हैं।
  • तटरक्षक बल का पहला ALH Mk-III स्क्वाड्रन भुवनेश्वर में है।

मार्तंड सूर्य मंदिर पूजा विवाद

8 मई, 2022 को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में मार्तंड सूर्य मंदिर के संरक्षित स्थल में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम विवादों में घिर गया है।

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महत्वपूर्ण तथ्य: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का कहना है कि मुख्य संरक्षित क्षेत्र परिसर में पूजा करने की अनुमति नहीं ली गई थी और इसे नियमों का उल्लंघन माना है।

  • भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, जो संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्य करता है, संरक्षित स्मारकों का संरक्षक है।

क्या है नियम? नियमों के अनुसार, अगर पुरातत्व विभाग द्वारा किसी स्थान या परिसर को अपनी सुपुर्दगी में लिए जाने के समय वहां कोई धार्मिक अनुष्ठान, पूजा या अन्य कोई समारोह होता है तो ही पुरातत्व विभाग द्वारा संबंधित स्थान को अधिकार में लिए जाने के बाद भी ऐसे कार्यक्रम जारी रहेंगे।

  • निर्जीव स्मारकों (non-living monument) पर कोई धार्मिक अनुष्ठान नहीं किया जा सकता है। निर्जीव स्मारक ऐसे स्मारक हैं, जहां ASI संरक्षित स्थल बनने पर पूजा/ धार्मिक अनुष्ठान की निरंतरता न रही हो।

मार्तंड सूर्य मंदिर: मार्तंड सूर्य मंदिर को जब 20वीं शताब्दी में ASI को सुपुर्द किया गया था, तो वहां कोई पूजा या हिंदू अनुष्ठान नहीं किया जा रहा था। इसलिए मार्तंड सूर्य मंदिर को एक निर्जीव स्मारक माना जाता है।

  • 'मार्तंड' हिंदू सूर्य-देवता का संस्कृत में एक नाम है। मंदिर का निर्माण कार्कोट राजवंश के शासक ललितादित्य मुक्तापीड ने 8वीं शताब्दी में करवाया था।
  • हालांकि यह अब खंडहर में तब्दील हो गया है, ऐसा माना जाता है कि इसे मुस्लिम शासक सिकंदर शाह मिरी के आदेश पर नष्ट कर दिया गया था।

अन्य तथ्य: एक जीवित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण स्मारक (living ASI monument) का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण आगरा में ताजमहल है, जहां हर शुक्रवार को नमाज अदा की जाती है।

भारत-बांग्लादेश सीमा पर फ्लोटिंग सीमा चौकियां

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सुंदरबन के दुर्गम क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए 5 मई, 2022 को भारत-बांग्लादेश सीमा पर तीन फ्लोटिंग (तैरती हुई) सीमा चौकियों (Border Outposts: BOP) का उद्घाटन किया।

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महत्वपूर्ण तथ्य: केंद्रीय गृह मंत्री ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर हरिदासपुर सीमा चौकी (BOP) पर 'मैत्री संग्रहालय' की आधारशिला रखी और 'सीमा प्रहरी सम्मेलन' को संबोधित किया। इसके अलावा उन्होंने 'फ्लोटिंग बोट एम्बुलेंस' को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

  • कोच्चि शिपयार्ड द्वारा तीन फ्लोटिंग सीमा चौकियों ‘सतलुज’, ‘कावेरी’ और ‘नर्मदा’ का निर्माण किया गया है। प्रत्येक BOP की लागत 38 करोड़ रुपए और वजन लगभग 53000 मीट्रिक टन है।
  • इन BOP के अगले हिस्से को जवानों की सुरक्षा के लिए बुलेट प्रूफ बनाया गया है, साथ ही खाने-पीने की भरपूर व्यवस्था की गई है।
  • ये BOP एक महीने तक बिना ईंधन (पेट्रोल और डीजल) के डीजी सेट (डीजल जेनसेट) के साथ तैर सकते हैं।
  • सुंदरबन, जिसका एक हिस्सा भारत और दूसरा बांग्लादेश में है, देश की सुरक्षा के लिए बहुत संवेदनशील क्षेत्र है।
  • एक BOP के साथ 6 छोटी नावें होती हैं और इसमें घुसपैठ और तस्करी दोनों को रोकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है।

मैत्री संग्रहालय: 1970 के दशक में जब पड़ोसी देश में मानवाधिकारों का हनन हुआ था, तब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारतीय सेना ने क्षेत्र में मानवाधिकारों की रक्षा की और बांग्लादेश के सृजन में मदद की थी।

  • इस उपलब्धि की एक चिरकालीन स्मृति के लिए यहां पर एक 'मैत्री संग्राहलय' की स्थापना की जा रही है।

राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति

6 मई, 2022 को 'राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति' (National Sagarmala Apex Committee: NASC) ने नई दिल्ली में 'सागरमाला कार्यक्रम' की प्रगति की समीक्षा की और विभिन्न एजेंडे पर विचार-विमर्श किया।

महत्वपूर्ण तथ्य: राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति (NASC) पत्तन आधारित विकास-सागरमाला परियोजनाओं के लिए नीति निर्देश और मार्गदर्शन प्रदान करने वाली शीर्ष संस्था है और यह इसके कार्यान्वयन की समीक्षा करती है।

  • NASC का गठन 13 मई, 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा किया गया था।
  • NASC की अध्यक्षता पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री करते हैं। वहीं हितधारक केंद्रीय मंत्रालयों के कैबिनेट मंत्री और समुद्र तटीय राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र-शासित प्रदेशों के प्रशासक इसके सदस्य होते हैं।
  • समीक्षा बैठक के दौरान जहाजरानी मंत्रालय ने सागरमाला कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं की संख्या बढ़ाकर 1537 कर दी है, जिनकी कुल अनुमानित लागत 6.5 लाख करोड़ रुपए है।
  • नया सागरमाला कार्यक्रम एक नई पहल 'सागर तट समृद्धि योजना' के माध्यम से तटीय क्षेत्रों के समग्र विकास पर जोर देगा।
  • सागरमाला कार्यक्रम के तहत 5.5 लाख करोड़ रुपए की 802 परियोजनाओं को 2035 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कुल 802 परियोजनाओं में से वर्तमान में 99,281 करोड़ रुपए की 202 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।

सागरमाला: राष्ट्रीय कार्यक्रम सागरमाला का उद्देश्य भारत की 7,516.6 किमी लंबी तट रेखा और 14,500 किमी संभावित नौगम्य जलमार्ग की क्षमता का उपयोग करके देश में आर्थिक विकास को गति देना है।

  • सागरमाला की घोषणा 2014 में प्रधानमंत्री द्वारा की गई थी और 25 मार्च, 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इसे मंजूरी दी थी।

राज्य स्तरीय न्यायिक अवसंरचना विकास प्राधिकरण

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने 30 अप्रैल, 2022 को कहा कि देश के न्यायिक ढांचे को मजबूत करने के लिए ‘राज्य स्तर पर न्यायिक अवसंरचना विकास प्राधिकरण’ (State level Judicial Infrastructure Development Authority) का गठन किया जाएगा।

महत्वपूर्ण तथ्य: 30 अप्रैल को नई दिल्ली में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन के दौरान इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया है।

  • राज्य स्तर पर मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों या उनके नामितों की भागीदारी से इस निकाय की स्थापना की जाएगी।
  • भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा है कि न्यायिक अवसंरचना की कमी न्याय देने में देरी के मुख्य कारणों में से एक है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष से अधिक समय से लंबित मामलों का निपटारा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी उपाए किए जाएंगे।
  • न्यायपालिका के लिए बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए केंद्र प्रायोजित योजना को 9,000 करोड़ रुपए के बजटीय परिव्यय के साथ वर्ष 2025-26 तक विस्तारित किया गया है, जिसमें केंद्र की 5,307 करोड़ की हिस्सेदारी है।
  • केंद्र सरकार राज्य सरकारों / केंद्र-शासित प्रदेशों को निर्धारित फंड साझेदारी प्रारूप में वित्तीय सहायता प्रदान करके जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए वर्ष 1993-94 से एक केंद्र प्रायोजित योजना का क्रियान्वयन कर रही है

लोकपाल को मिलेगा नया कार्यालय

भारत के लोकपाल का कार्यालय आखिरकार दक्षिण दिल्ली के नौरोजी नगर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में शुरुआत के लिए तैयार है।

महत्वपूर्ण तथ्य: लोकपाल के प्रशासनिक मंत्रालय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के अनुसार, 59,504 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैले, दो मंजिलों वाले कार्यालय को 254.88 करोड़ रुपए में खरीदा गया है।

  • 19 मार्च, 2019 को, न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को आठ अन्य सदस्यों के साथ भारत का पहला लोकपाल नियुक्त किया गया।
  • लोक सेवकों की कुछ श्रेणियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए 2013 में लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम पारित होने के पांच साल बाद यह नियुक्ति की गई थी।
  • कोई भी व्यक्ति जो प्रधानमंत्री हो या प्रधानमंत्री रहा हो, या केंद्र सरकार में मंत्री, या संसद सदस्य के साथ ही केंद्र सरकार के ग्रुप ए, बी, सी और डी के अधिकारियों के खिलाफ लोकपाल भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर सकता है।
  • लोकपाल ऐसे किसी भी बोर्ड या स्वायत्त निकाय के अध्यक्षों, सदस्यों, अधिकारियों और निदेशकों के खिलाफ शिकायतों की भी जांच कर सकता है, जो या तो संसद के किसी अधिनियम और किसी भी सोसाइटी या ट्रस्ट द्वारा स्थापित किए गए हों या जो 10 लाख रुपए से अधिक का विदेशी योगदान प्राप्त करता हो।

लद्दाख में जन्म के समय सर्वाधिक लिंगानुपात

3 मई, 2022 को केंद्र सरकार द्वारा जारी नागरिक पंजीकरण प्रणाली 2020 रिपोर्ट (Civil Registration System 2020) के आधार पर महत्वपूर्ण सांख्यिकी पर वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार लद्दाख ने 2020 में देश में जन्म के समय सबसे अधिक लिंगानुपात दर्ज किया है।

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महत्वपूर्ण तथ्य: नागरिक पंजीकरण प्रणाली 2020 रिपोर्ट 'भारत के महापंजीयक' (Registrar-General of India) द्वारा जारी की गई है।

  • जन्म के समय उच्चतम लिंग अनुपात लद्दाख (1,104), अरुणाचल प्रदेश (1,011), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (984), त्रिपुरा (974) और केरल (969) में दर्ज किया गया।
  • जन्म के समय लिंगानुपात प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या है।
  • सबसे कम लिंगानुपात मणिपुर (880), उसके बाद दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव (898), गुजरात (909), हरियाणा (916) और मध्य प्रदेश (921) में दर्ज किया गया।
  • लिंगानुपात पर महाराष्ट्र, सिक्किम, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से अपेक्षित जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई। उन्होंने 2019 में भी उक्त डेटा उपलब्ध नहीं कराया था।
  • किसी भी राज्य या केंद्र-शासित प्रदेश ने जन्म के समय लिंगानुपात 880 से कम नहीं दर्ज किया है।
  • 2019 में, जन्म के समय उच्चतम लिंगानुपात अरुणाचल प्रदेश (1,024) और सबसे कम लिंगानुपात गुजरात (901) में दर्ज किया गया था।
  • नागरिक पंजीकरण प्रणाली 2020 रिपोर्ट के अनुसार 2020 में 1,43,379 शिशु मृत्यु दर्ज की गई, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों की हिस्सेदारी केवल 23.4% थी, जबकि कुल पंजीकृत शिशु मृत्यु में शहरी क्षेत्रों की हिस्सेदारी 76.6% थी।

हाफलोंग हिंदी

पूर्वोत्तर के हाई स्कूलों में भाषा के 'मानकीकृत' रूप के साथ हिन्दी को अनिवार्य करने के केंद्र के कदम के बीच असम के एकमात्र हिल स्टेशन से जुड़ी एक 'देशी' हिंदी के अस्तित्व को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है।

(Image Source: https://thehindu.com/)

महत्वपूर्ण तथ्य: इस 'देशी' हिन्दी का नाम 'हाफलोंग हिंदी' (Haflong Hindi) है। हाफलोंग हिंदी भारत के असम राज्य के दीमा हसाओ जिले की भाषा है।

  • 1800 के दशक के उत्तरार्ध में हिंदी मुख्य रूप से व्यापारियों और निर्माण श्रमिकों के माध्यम से दीमा हसाओ तक पहुँची, जो एक पहाड़ी रेलवे लाइन पर काम करते थे।
  • इस दौरान यहां बसने वाले गैर-आदिवासी और पहाड़ी क्षेत्र के विविध स्थानीय समुदायों ने आपस में संवाद के लिए एक मिश्रित भाषा (pidgin) विकसित की। इसे ही 'हाफलोंग हिंदी' के नाम से जाना जाता है।
  • इसका नाम दीमा हसाओ जिले के मुख्यालय हाफलोंग के नाम पर रखा गया, जहां प्रमुखतया 'दिमासा' (Dimasa) समुदाय के लोग रहते हैं।
  • 'हाफलोंग हिंदी' हिंदी व्याकरण के बजाय तिब्बती-बर्मन व्याकरण का अनुसरण करती है और इसमें नेपाली और बंगाली शब्द हैं।
  • हिंदी भाषा की संख्याओं के बजाय इसके अपने चिन्ह हैं।
  • दीमा हसाओ, जिले को पहले 'उत्तरी कछार हिल्स' के नाम से जाना जाता था।

भारत की पी-75आई परियोजना

फ्रांसीसी कंपनी नेवल ग्रुप (Naval Group) ने 3 मई, 2022 को कहा कि वह एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (एआईपी) सिस्टम से संबंधित रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) में उल्लिखित शर्तों के कारण 'भारत की पी-75आई परियोजना' (India’s P-75I submarine project) का हिस्सा नहीं बन पाएगा।

महत्वपूर्ण तथ्य: इस पी-75आई परियोजना के तहत भारतीय नौसेना के लिए बेहतर सेंसर एवं हथियारों से लैस और एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम (AIP) के साथ छ: पारंपरिक पनडुब्बियों का घरेलू स्तर पर निर्माण किया जाना था।

  • जून 2021 में, रक्षा मंत्रालय ने पी-75आई परियोजना को मंजूरी दी थी और दो शॉर्टलिस्ट की गई भारतीय कंपनियों - निजी कंपनी लार्सन एंड टुब्रो और राज्यसंचालित मझगांव डॉक्स लिमिटेड को आरएफपी जारी किए गए थे।
  • आरएफपी की शर्तों के अनुसार फ्यूल सेल एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम समुद्र के लिए सिद्ध (sea proven) होने चाहिए, लेकिन नेवल ग्रुप के मामले में ऐसा नहीं है क्योंकि फ्रांसीसी नौसेना इस तरह की प्रणोदन प्रणाली का उपयोग नहीं करती है
  • जून 1999 में, सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने 2030 तक 24 पनडुब्बियों का स्वदेशी रूप से निर्माण करनेऔर शामिल करने के लिए नौसेना के लिए 30-वर्षीय योजना को मंजूरी दी थी।
  • पहले चरण में, उत्पादन की दो लाइनें स्थापित की जानी थीं - पहली, पी-75 (P-75) तथा दूसरी पी -75 आई (P-75I)। प्रत्येक परियोजना को छ: पनडुब्बियों का निर्माण करना था।
  • पी-75 के तहत अंतिम पनडुब्बी वाग्शीर को अप्रैल 2022 में लॉन्च किया गया था, जिसे 2023 के अंत तक कमीशन किया जाएगा।
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