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करेंसी स्वैप
हाल ही में, भारत तथा जापान ने 75 अरब अमेरिकी डॉलर का "करेंसी स्वैप" समझौता किया है। इस करेंसी स्वैप के क्या लाभ होंगे?
- भारतीय रिजर्व बैंक की 393 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा कोष में 75 बिलियन डॉलर की वृद्धि होगी।
- कम अवधि की तरलता विसंगतियों को तुरंत से दूर किया जा सकता है।
- इससे बाजार भाव में सुधार होगा तथा रुपये पर सट्टा दबाव को रोकने में मदद मिलेगी।
निम्नलिखित कोड में से सही कथन / कथनों का चयन करें
A |
केवल 1 और 2
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B |
केवल 3
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C |
1, 2, 3
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D |
केवल 2 और 3
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Explanation :
करेंसी स्वैप समझौतों के अंतर्गत स्थानीय मुद्राओं में व्यापार करने का प्रावधान किया गया है। दोनों देश आयात एवं निर्यात व्यापार के लिए पूर्व निर्धारित विनिमय दर से भुगतान कर सकते हैं और इस विनिमय के लिए किसी तीसरे देश की मुद्रा जैसे अमेरिकी डॉलर का उपयोग नहीं किया जाएगा। इसलिए, दोनों देशों के केंद्रीय बैंक 75 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के बराबर धन अपनी घरेलू मुद्राओं में लेने के लिए समझौता करेंगे। इसलिए, यह स्पष्ट है कि भारतीय रिज़र्व बैंक की 393 अरब डॉलर के कोष में बढ़ोतरी होगी (पैसे वापस लेने पर ही ब्याज के साथ शुल्क लिया जाएगा) और इससे भारतीय मुद्रा रुपया मजबूत होगा और इस प्रकार रुपये पर सट्टे (जो इसके मूल्यह्रास के कारणों में से एक था) का दबाव कम होगा। इस तंत्र द्वारा वर्तमान खाता घाटे को कम करने में भी मदद मिलेगी (क्योंकि करेंसी स्वैप में स्थानीय मुद्राओं में व्यापार भी शामिल है)।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
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