- होम
- सामयिक
- समसामयिकी प्रश्न
- ग्रेनाइट
ग्रेनाइट
यह मंदिर "ग्रेनाइट" से बना है और यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा है जिसे "महान चोल मंदिर" के रूप में जाना जाता है और कभी-कभी इसे "दक्षिण मेरु" भी कहा जाता है। यह अपनी मूर्तिकला की गुणवत्ता के साथ-साथ उस स्थान के रूप में भी प्रसिद्ध है, जिसने 11वीं शताब्दी में भगवान शिव के नटराज स्वरुप को नृत्य के स्वामी के रूप में पेश किया था।
उपरोक्त संदर्भ निम्नलिखित में से किस मंदिर के संबंध में हैं?
A |
बृहदीश्वर मंदिर
|
|
B |
गंगायकोंडा चोलापुरम मंदिर
|
|
C |
एयरवतेश्वर मंदिर
|
|
D |
मीनाक्षी मंदिर
|
Explanation :
बृहदीश्वर मंदिर, जिसे राजराजेश्वर मंदिर भी कहा जाता है, यह तंजावुर में स्थित भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। यह दक्षिण भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है और पूर्ण रूप से द्रविड़ वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है जिसे "दक्षिण मेरु" भी कहा जाता है। 1003 और 1010 ई. के बीच चोल शासक प्रथम द्वारा निर्मित, यह मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा है जो कि चोल राजवंश युग के गंगायकोंडा चोलपुरम मंदिर और एयरवतेश्वर मंदिर के साथ "महान चोल मंदिर" के रूप में जाना जाता है। भगवान शिव के नटराज स्वरुप को समर्पित बृहदीश्वर मंदिर का निर्माण ग्रेनाइट पत्थर से किया गया था।
स्रोत: सीसीआरटी, द हिन्दू
सामयिक खबरें
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे