अमेरिका-चीन अस्थायी व्यापार समझौता
- 13 May 2025
12 मई , 2025 कोअमेरिका और चीन ने जिनेवा में वार्ता के बाद एक अस्थायी व्यापार समझौते की घोषणा की, जिसके तहत दोनों देशों ने एक-दूसरे पर लगाए गए टैरिफ में 115 प्रतिशत अंकों की कटौती की। अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर टैरिफ 145 प्रतिशत से घटाकर 30% और चीन ने अमेरिकी वस्तुओं sपर टैरिफ 125 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया। यह व्यवस्था 90 दिनों के लिए लागू रहेगी और दोनों देश आगे भी वार्ता जारी रखेंगे।
मुख्य तथ्य:
- टैरिफ कटौती और अवधि: अमेरिका ने चीन पर टैरिफ 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत और चीन ने अमेरिका पर 125 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किया; यह कटौती 90 दिनों के लिए अस्थायी रूप से लागू है।
- भारत पर संभावित प्रभाव: टैरिफ अंतर कम होने से भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त कम हो सकती है, जिससे अमेरिका और अन्य बाजारों में भारतीय निर्यात पर दबाव बढ़ सकता है।
- निर्यात और निवेश पर असर: विशेषज्ञों के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, रसायन, फार्मास्युटिकल API, रत्न-आभूषण, इंजीनियरिंग वस्तुएँ, ऑर्गेनिक केमिकल्स, और IT सेवाओं जैसे क्षेत्रों में भारत को अवसर मिल सकते हैं, लेकिन कई कंपनियाँ चीन में फिर से निवेश कर सकती हैं, जिससे 'चाइना प्लस वन' रणनीति कमजोर हो सकती है।
- भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर दबाव: अमेरिका-चीन समझौते के बाद अमेरिकी वार्ताकारों की स्थिति मजबूत हुई है, जिससे भारत के लिए द्विपक्षीय व्यापार समझौते में रियायतें हासिल करना कठिन हो सकता है; अमेरिका भारत से ऑटोमोबाइल, व्हिस्की और कृषि उत्पादों पर टैरिफ घटाने की मांग कर रहा है।
- भारत का व्यापार संतुलन: 2024-25 में भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष 41.18 अरब डॉलर रहा, जबकि चीन के साथ व्यापार घाटा 99.2 अरब डॉलर तक बढ़ गया। अमेरिका भारत के कुल निर्यात में 18% और चीन 4 प्रतिशत का हिस्सा रखता है, जबकि चीन से आयात 15 प्रतिशत है।
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