सूर्य के कोरोनल मास इजेक्शन के प्रभावों का प्रत्यक्ष अवलोकन
- 22 Oct 2025
19 अक्टूबर, 2025 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने घोषणा की कि उसके चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने पहली बार सूर्य के कोरोनल मास इजेक्शन (Coronal Mass Ejections–CMEs) के चंद्रमा पर प्रभाव का प्रत्यक्ष अवलोकन किया। यह उपलब्धि भारत की सौर और चंद्र विज्ञान में महत्त्वपूर्ण प्रगति है।
मुख्य तथ्य:
- अवलोकन घटना: 10 मई, 2024 को हुए दुर्लभ सौर CME घटनाक्रम के दौरान चंद्रयान-2 पर स्थापित चंद्र वायुमंडलीय संरचना एक्सप्लोरर 2 (Atmospheric Composition Explorer 2 OR, CHACE-2) उपकरण ने चंद्र एक्सोस्फीयर में दाब और परमाणु घनत्व में असाधारण वृद्धि दर्ज की।
- वैज्ञानिक निष्कर्ष: दिन की दिशा वाले चंद्र एक्सोस्फीयर में कुल दाब और न्यूट्रल परमाणुओं की घनता में दस गुना से अधिक वृद्धि पाई गई, जिससे पुराने सैद्धांतिक मॉडल प्रतिपादित सिद्ध हुए।
- मिशन पृष्ठभूमि: 22 जुलाई, 2019 को लॉन्च किए गए चंद्रयान-2 में आठ वैज्ञानिक पेलोड हैं; 7 सितंबर 2019 को विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के बावजूद ऑर्बिटर 100×100 किमी के कक्ष में आज भी कार्यरत है।
- लेख प्रकाशन: यह अध्ययन 16 अगस्त, 2025 को ज्योग्राफिकल रिसर्च लेटर्स (Geophysical Research Letters)में चंद्र बहिर्मंडल पर कोरोनाल मास इजेक्शन का प्रभाव(Impact of a Coronal Mass Ejection on the Lunar Exosphere) शीर्षक से प्रकाशित हुआ।
- वैज्ञानिक महत्व: यह खोज न केवल चंद्रमा के अंतरिक्ष मौसम की समझ को गहरा करती है, बल्कि भविष्य के मानवयुक्त चंद्र मिशनों के डिज़ाइन और सुरक्षा हेतु जानकारी प्रदान करती है।
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