भारतीय आईटी उद्योग का कार्बन पदचिह्न रिपोर्ट
- 30 Oct 2025
28 अक्टूबर, 2025 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आईटी उद्योग सबसे अधिक व्यापारिक हवाई यात्रा का कारण बनती है। यह रिपोर्ट सी बैलेंस (cBalance.in) द्वारा तैयार की गई है, जो जलवायु संकट के प्रभाव के प्रबंधन और कम करने में रणनीतियाँ विकसित करती है।
मुख्य तथ्य:
- उड़ान गतिविधि का पर्यावरणीय प्रभाव: एक 1,000 किलोमीटर की यात्रा में, हवाई यात्री 285 किलोग्राम CO2 उत्सर्जित करता है, जबकि रेल का यात्री 30 किलोग्राम और बस का 70 किलोग्राम उत्सर्जित करता है।
- कार्बन फुटप्रिंट: आईटी कंपनियों द्वारा की जाने वाली उड़ानें, विशेषकर लंबी दूरी की यात्राएं, भारत के कुल व्यवसाय-आधारित वायु यात्रा के सबसे बड़े कारक हैं।
- सिफारिशें: सतत यात्रा नीति का पालन कराना, जैसे कि ईकोनोमिकल फ्लाइट, नॉन-स्टॉप उड़ान का चयन, ट्रेन या बस का प्रयोग और बार-बार उड़ान भरने से बचना।
- पर्यावरणीय प्रभाव: उड़ान से उत्सर्जन का योगदान भारत के कुल कार्बन उत्सर्जन में महत्वपूर्ण भाग है, जिसमें सबसे अधिक प्रदूषण करने वाली यात्रा वायु यात्रा है।
- नीतिगत कदम: इस रिपोर्ट में उद्योगों को सलाह दी गई है कि वे अपने कर्मचारियों के लिए पर्यावरण-अनुकूल यात्रा का विकल्प अपनाएँ।
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