2024 में सर्वाधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन भारत में
- 12 Nov 2025
10 नवंबर, 2025 को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2024 में भारत ने कुल उत्सर्जन में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की, और वह चीन एवं अमेरिका के बाद विश्व में तीसरा सबसे बड़ा ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जक बना। बावजूद इसके, भारत का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन वैश्विक औसत से आधे से भी कम है, जो देश की अपेक्षाकृत कम उत्सर्जन तीव्रता को दर्शाता है।
मुख्य तथ्य:
- वैश्विक उत्सर्जन स्तर: 2024 में कुल 57,700 मीट्रिक टन CO2 समतुल्य (MtCO2e) मानवजनित GHG उत्सर्जन हुआ, जो अब तक का सबसे अधिक है।
- जीवाश्म ईंधन प्रभाव: कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस से पैदा हुआ CO2 2024 में GHG उत्सर्जन का 69% हिस्सा था, जिसमें बिजली उत्पादन सबसे बड़ा स्रोत है।
- मीथेन उत्सर्जन: कृषि एवं अपशिष्ट प्रबंधन से उत्पन्न मानवजनित मीथेन उत्सर्जन 16% तक रहा, जो दूसरा सबसे बड़ा योगदान है।
- भूमि उपयोग परिवर्तन: कटाई व भूमि उपयोग परिवर्तन ने भी उत्सर्जन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- भारत का उत्सर्जन आंकड़ा: भारत का प्रति व्यक्ति GHG उत्सर्जन 3 टन CO2e था, जबकि विश्व औसत 6.4 टन CO2e। भारत का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन 2023 से 2024 के बीच 3.7% बढ़ा, जो वैश्विक औसत 0.04% से अधिक है। भारत ने कुल वृद्धि में 165 MtCO2e से योगदान दिया, जो सभी देशों में सबसे अधिक है, जबकि चीन ने 126 MtCO2e का योगदान किया।
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