समसामयिकी -04 June 2022

पीआईबी न्यूज राष्ट्रीय

युद्धपोत 'सूरत' और 'उदयगिरी'


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 17 मई, 2022 को मझगांव डॉक्स लिमिटेड (एमडीएल), मुंबई में भारतीय नौसेना के दो अग्रिम मोर्चे के युद्धपोतों - 'सूरत' और 'उदयगिरी' का शुभारंभ (जलावतरण) किया।

महत्वपूर्ण तथ्य: नौसेना डिजाइन निदेशालय (डीएनडी) द्वारा इन दोनों युद्धपोतों को इन-हाउस डिजाइन किया गया है।

सूरत: 'सूरत' परियोजना 15बी (15B) का चौथा विध्वंसक जहाज है, जो परियोजना '15 ए' (P15A) (कोलकाता क्लास) विध्वंसक में एक महत्वपूर्ण बदलाव की शुरुआत करता है।

  • इसका नाम गुजरात राज्य की वाणिज्यिक और मुंबई के बाद पश्चिमी भारत के दूसरे सबसे बड़े व्यापारिक केंद्र ‘सूरत’ के नाम पर रखा गया है।है।
  • परियोजना 15बी श्रेणी के जहाज भारतीय नौसेना की अगली पीढ़ी के स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर (stealth guided missile destroyers) हैं, जिन्हें मझगांव डॉक्स लिमिटेड, मुंबई में निर्मित किया जा रहा है।

उदयगिरि: इसका नाम आंध्रप्रदेश की पर्वत शृंखला के नाम पर रखा गया है। यह परियोजना 17ए (P17A) युद्धपोत शृंखला का तीसरा जहाज है।

  • यह पूर्ववर्ती 'उदयगिरी' (लिएंडर श्रेणी के पनडुब्बी रोधी युद्धपोत) का नया रूप है, जिसने 1976 से 2007 तक तीन दशकों में कई चुनौतीपूर्ण अभियानों के दौरान देश की सेवा की।
  • परियोजना 17ए कार्यक्रम के तहत, मझगांव डॉक्स लिमिटेड में 4 और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स में 3 जहाज निर्माणाधीन हैं।

सामयिक खबरें अंतर्राष्ट्रीय

कनाडा का 'ऑनलाइन समाचार अधिनियम'


मई 2022 में कनाडा ने गूगल जैसे डिजिटल समाचार मध्यस्थों (intermediaries) को विनियमित करने के लिए एक ऑनलाइन समाचार अधिनियम बनाया है।

महत्वपूर्ण तथ्य: इसमें गूगल जैसे मध्यस्थ द्वारा उपलब्ध कराई गई खबरों के लिए समाचार व्यवसायों को उचित मुआवजे के प्रावधान की परिकल्पना की गई है।

  • ज्ञात हो कि गूगल इन समाचार पत्रों के डिजिटल संस्करणों द्वारा उत्पन्न सामग्री पर भारी मात्रा में विज्ञापन राजस्व अर्जित करता है।

भारत पर प्रभाव: भारत में गूगल के खिलाफ इसी तरह की लड़ाई में डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (DNPA) द्वारा शीर्ष भारतीय समाचार पत्रों और उनके डिजिटल संस्करणों का प्रतिनिधित्व किया जा रहा है।

  • भारतीय समाचार पत्रों का आरोप है कि गूगल द्वारा कोई उचित भुगतान या राजस्व का बंटवारा नहीं किया गया है, जिससे भारत में समाचार प्रकाशकों को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है।
  • कनाडा में यह आदेश ऐसे समय में आया है जब भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने DNPA की ओर से दर्ज शिकायत के आधार पर गूगल को नोटिस जारी किया है।

सामयिक खबरें विज्ञान-प्रौद्योगिकी

टोमैटो फ्लू


मई 2022 में केरल और ओडिशा राज्यों में 'टोमैटो फ्लू' (Tomato flu) के मामले सामने आए हैं।

(Image Source: https://www.bbc.com/)

महत्वपूर्ण तथ्य: यह फ्लू (बुखार) पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है। फ्लू से संक्रमित बच्चे के शरीर पर टमाटर की तरह चकत्ते बन आते हैं, जो आमतौर पर लाल रंग के होते हैं, इसलिये इसे 'टोमैटो फ्लू' या 'टोमैटो फीवर' कहा जाता है।

  • इस फ्लू के लक्षणों में लाल रंग के चकत्ते, त्वचा में जलन और निर्जलीकरण शामिल हैं।
  • फ्लू के कारण थकान, जोड़ों में दर्द, पेट में ऐंठन, मतली, उल्टी, दस्त, खाँसी, छींकना, नाक बहना, तेज बुखार और शरीर में दर्द भी हो सकता है। कुछ मामलों में, यह पैरों और हाथों का रंग भी बदल सकता है।
  • फ्लू के अन्य मामलों की तरह, 'टोमैटो फीवर' भी संक्रामक है। अगर कोई इस फ्लू से संक्रमित है, तो उसे अलग-थलग रखने की जरूरत है क्योंकि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैल सकता है।
  • इसके लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है। उचित देखभाल और स्वच्छता से लक्षण अपने आप समाप्त हो जाते हैं।

सामयिक खबरें विज्ञान-प्रौद्योगिकी

मंकीपॉक्स


दुनिया भर से सामने आ रहे मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मामलों ने सभी के लिए चिंतायें बढ़ा दी हैं। वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम, स्पेन और पुर्तगाल सहित 19 देशों से 200 से अधिक पुष्ट मामले सामने आए हैं।

(Image Source: https://www.who.int/)

महत्वपूर्ण तथ्य: यह 'मंकीपॉक्स वायरस' के कारण होता है जो 'पोक्सविरिडे' (Poxviridae) परिवार के ऑर्थोपॉक्सवायरस (orthopoxvirus) जीनस से संबंधित है।

  • मंकीपॉक्स कोई नया वायरस नहीं है। पहली बार इस वायरस की पहचान 1958 में बंदरों में की गई थी। इसी कारण इसे 'मंकीपॉक्स' नाम दिया गया।
  • 1970 में कांगो (Democratic Republic of the Congo) में एक बच्चे में पहले मानव मामले की पहचान की गई थी।
  • मंकीपॉक्स में चेचक (smallpox) के समान लक्षण होते हैं, हालांकि यह कम गंभीर होते हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, दाने और गांठ के जरिये उभरता है और इससे कई प्रकार की चिकित्सा जटिलताएं पैदा हो सकती हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मंकीपॉक्स के दो अलग-अलग क्लैड (समूह) की पहचान की गई- वेस्ट अफ्रीकन क्लैड और कांगो बेसिन क्लैड (जिसे सेंट्रल अफ्रीकन क्लैड के रूप में भी जाना जाता है)।
  • मंकीपॉक्स जूनोसिस (zoonosis) है, यानी एक बीमारी जो संक्रमित जानवरों से मनुष्यों में फैलती है। हालांकि, मानव-से-मानव संक्रमण सीमित है।
  • रोग के लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक दिखते हैं, जो अपने आप दूर होते चले जाते हैं। लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर भी हो सकता है।
  • मंकीपॉक्स पर 'द लैंसेट' में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार कुछ एंटीवायरल दवाओं में लक्षणों को कम करने की क्षमता हो सकती है।

सामयिक खबरें विज्ञान-प्रौद्योगिकी

चन्द्रमा की मिट्टी में पहली बार उगाये गए पौधे


फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पहली बार चंद्रमा की मिट्टी में पौधे उगाए हैं। ये मिट्टी के नमूने 1969 और 1972 में नासा के मिशन के दौरान पृथ्वी पर लाये गए थे।

(Image Source: https://www.thehindu.com/ & Photo Credit: Reuters/)

महत्वपूर्ण तथ्य: 12 मई को उन्होंने अरबिडोप्सिस थालियाना (Arabidopsis thaliana) नामक पौधे की प्रजाति चंद्र मिट्टी में उगाई गई। चंद्र मिट्टी में लगाए गए सभी बीज अंकुरित हो गए हैं।

  • चंद्र मिट्टी को 'चंद्र रेगोलिथ' (lunar regolith) भी कहा जाता है। ‘रेगोलिथ’ को अपोलो 11, अपोलो 12 और अपोलो 17 मिशनों के दौरान एकत्र किया गया था।
  • चंद्र रेगोलिथ, अपने तेज कणों (sharp particles) और कार्बनिक पदार्थों की कमी के साथ, पृथ्वी की मिट्टी से बहुत अलग है, इसलिए यह अज्ञात था कि क्या बीज अंकुरित होंगे।
  • अरबिडोप्सिस थालियाना का पौधा यूरेशिया और अफ्रीका का मूल निवासी है। इसे 'थेल क्रेस' (thale cress) भी कहा जाता है और यह वैज्ञानिक अनुसंधान में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

सामयिक खबरें पर्यावरण

ई- कचरा प्रबंधन के लिए मसौदा अधिसूचना


केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने मई 2022 में जनता की प्रतिक्रिया के लिए इलेक्ट्रॉनिक कचरा प्रबंधन के लिए मसौदा अधिसूचना जारी की है।

महत्वपूर्ण तथ्य: भारत में इलेक्ट्रॉनिक कचरा प्रबंधन के लिए नियमों का एक औपचारिक समूह है, पहली बार 2016 में इन नियमों की घोषणा की गई थी और 2018 में इसमें संशोधन किया गया। नवीनतम नियम अगस्त 2021 तक लागू होने की संभावना है।

  • उपभोक्ता वस्तुओं से संबंधित कंपनियों और इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं के विनिर्माताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि 2023 तक उनके इलेक्ट्रॉनिक कचरे का कम से कम 60% एकत्र और पुनर्नवीनीकरण किया जाए और उन्हें 2024 और 2025 में क्रमशः 70% और 80% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा जाए।
  • नियम कार्बन क्रेडिट के समान प्रमाणपत्रों में व्यापार की एक प्रणाली का भी प्रावधान करते हैं, जो कंपनियों को अस्थायी रूप से कमी को दूर करने में मदद करेगा।
  • ऐसी कंपनियां, जो अपने वार्षिक लक्ष्यों को पूरा नहीं करेंगी, उन्हें 'पर्यावरण मुआवजे' के तौर पर जुर्माना देना होगा।
  • लक्ष्य निर्दिष्ट करने के साथ, ही नियमों में कंपनियों के लिए 'विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व' (ईपीआर) प्रमाणपत्र हासिल करने की एक व्यवस्था है। ये प्रमाणपत्र किसी कंपनी द्वारा किसी विशेष वर्ष में एकत्रित और पुनर्नवीनीकरण किए गए ई-कचरे की मात्रा को प्रमाणित करते हैं।
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) निगरानी करेगी कि कंपनियां अपने लक्ष्यों को पूरा कर रही हैं या नहीं।
  • 'ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर 2017' (Global E-Waste Monitor 2017) के अनुसार, भारत सालाना लगभग 2 मिलियन टन (एमटी) ई-कचरा उत्पन्न करता है और अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद ई-कचरा उत्पादक देशों में पांचवें स्थान पर है।

सामयिक खबरें पर्यावरण

बार्ब्स मछली प्रजातियों की कृत्रिम प्रजनन तकनीक


केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज एंड ओशन स्टडीज (KUFOS) के वैज्ञानिकों के एक दल ने ऑलिव बार्ब्स (कुरुवा परल) और फिलामेंट बार्ब (कलक्कोडियान) के कृत्रिम प्रजनन के लिए तकनीकों का मानकीकरण किया है, और हाईफिन बार्ब (कूरल) और कर्नाटक कार्प (पचिलावेट्टी) के लिए ब्रूड स्टॉक (brood stocks) विकसित किया है।

(Image Source: https://www.thehindu.com/)

महत्वपूर्ण तथ्य: मीठे पानी की ये मछली की प्रजातियां इदमालयार बांध, भूतथनकेट्टू और त्रिशूर जिले के ‘कोल’ (Kol) क्षेत्रों में व्यापक रूप से पाई जाती हैं।

  • हालांकि, अंधाधुंध मत्स्यन और आवास परिस्थितियों में बदलाव से ये प्रजातियां, विशेष रूप से ‘कुरुवा परल’ विलुप्ति के कगार पर पहुँच चुकी हैं।
  • केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज द्वारा इन मछली प्रजातियों के लिए किए जा रहे संरक्षण उपायों को 'संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) - इंडिया हाई रेंज लैंडस्केप परियोजना' के तहत सहयोग प्रदान किया जाता है। यह परियोजना जनवरी 2020 में शुरू की गई थी।
  • इस परियोजना का उद्देश्य इन मीठे पानी की प्रजातियों की मत्स्य कृषि के लिए आदिवासियों के बीच प्रशिक्षित जल कृषकों (aquaculturists) की मदद करना भी है।

संक्षिप्त खबरें सार-संक्षेप चर्चित दिवस

अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 2022 (18 मई)


2022 का विषय: 'संग्रहालयों की शक्ति' (The Power of Museums)।

महत्वपूर्ण तथ्य: इस दिवस का उद्देश्य महत्वपूर्ण सांस्कृतिक आदान-प्रदान, संस्कृतियों के संवर्द्धन, और लोगों के बीच आपसी समझ, सहयोग और शांति को बढ़ावा देने में संग्रहालयों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

राज्य समाचार महाराष्ट्र

महाराष्ट्र जिव्हाला योजना


महाराष्ट्र कारागार विभाग ने राज्य भर की जेलों में सजा काट रहे कैदियों के लिए एक ऋण/ क्रेडिट योजना ' जिव्हाला' (Jivhala) शुरू की है।

(Image Source: https://indianexpress.com/)

  • महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने 1 मई, 2022 को पुणे के यरवदा सेंट्रल जेल में जिव्हाला योजना की शुरुआत की।
  • जिव्हाला नामक क्रेडिट योजना ‘महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक’ द्वारा पेश की जा रही है।
  • कैदियों के लिए मौजूदा ऋण पहल उनकी जेल की अवधि पूरी होने के बाद पुनर्वास के लिए है।
  • पुणे में यरवदा सेंट्रल जेल में कैदियों के लिए प्रायोगिक तौर पर शुरू किए जाने के बाद इसे धीरे-धीरे राज्य भर की लगभग 60 जेलों में विस्तारित किया जाएगा।
  • जिव्हाला का अर्थ मराठी में 'स्नेह' है, जिसे मुख्य रूप से उन दोषी कैदियों के लिए शुरू किया गया है, जो तीन साल से अधिक की जेल की सजा काट रहे हैं।
  • शुरुआती चरण में 7 फीसदी ब्याज दर पर 50,000 रुपए का कर्ज दिया जाएगा। बैंक द्वारा अर्जित किए जाने वाले ब्याज में से 1 प्रतिशत का योगदान बैंक द्वारा 'कैदी कल्याण कोष' में किया जाएगा।