सामयिक

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सड़क पर रहने वाले जानवरों के लिए भारत की पहली एम्बुलेंस

पशु कल्याण चैरिटी 'द ब्लू क्रॉस ऑफ इंडिया' (The Blue Cross of India) ने 28 फरवरी चेन्नई में सड़क पर रहने वाले जानवरों (स्ट्रीट एनिमल्स) के लिए भारत की पहली मोबाइल एम्बुलेंस लॉन्च की है।


(Image Source: https:// twitter.com/MrCoff333)

महत्वपूर्ण तथ्य: ब्लू क्रॉस ऑफ इंडिया ने अंतरराष्ट्रीय पशु कल्याण संगठन 'फोर पाव' (Four Paw) के सहयोग से यह परियोजना शुरू की है।

  • मद्रास उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति डॉ. अनीता सुमंत द्वारा इसे लॉन्च किया गया।
  • यह आवारा जानवरों के लिए देश की पहली इस प्रकार की एम्बुलेंस सुविधा है। यह उनके उपचार के लिए पूरी तरह से सुसज्जित और अनुकूलित है।
  • घायल और बीमार आवारा जानवरों को साइट पर उपचार प्रदान करने के लिए इसमें पशु चिकित्सक होंगे।
  • इस एम्बुलेंस में एक उपचार तालिका, एक इन्वर्टर, दो पंखे, एक फ्रिज, पट्टियाँ और अन्य चिकित्सा उपकरण हैं। इसके अलावा इसमें चलायमान पिंजरे (removable cages) और कुत्तों को पकड़ने वाले उपकरण भी हैं।
  • चेन्नई स्थित चैरिटी को हर दिन जानवरों की देखभाल के लिए लगभग 500 अनुरोध प्राप्त होते हैं, लेकिन पिक-अप और परिवहन की कमी के कारण वे पहले लगभग 60 जानवरों का ही उपचार कर पाते थे।

स्कॉच स्टेट ऑफ गवर्नेंस रैंकिंग 2021

8 मार्च, 2022 को जारी 'स्कॉच स्टेट ऑफ गवर्नेंस रैंकिंग 2021' (Skoch State of Governance ranking 2021) में आंध्र प्रदेश सरकार ने एक बार फिर शीर्ष रैंक हासिल की है।

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महत्वपूर्ण तथ्य: रैंकिंग मूल्यांकन नई दिल्ली स्थित भारत के अग्रणी थिंक टैंक स्कॉच द्वारा किया गया है। ‘स्कॉच स्टेट ऑफ गवर्नेंस रिपोर्ट’ एक वार्षिक रिपोर्ट है, जो भारत के विभिन्न राज्यों में परियोजना-स्तरीय परिणामों का अध्ययन करती है।

  • राज्यों को चार श्रेणियों में बांटा गया है - स्टार, परफॉर्मर (Performer), कैचिंग-अप (Catching-up) और अन्य राज्य।
  • आंध्र प्रदेश लगातार चौथे साल रैंकिंग में 'स्टार' रहा है। स्टार रैंकिंग 1 से 5 रैंक वाले राज्यों को दी जाती है।
  • पश्चिम बंगाल दूसरे, ओडिशा तीसरे, गुजरात चौथे और महाराष्ट्र पांचवें स्थान पर रहा। तेलंगाना छठे स्थान पर रहा।
  • आंध्र प्रदेश ने पुलिस और सुरक्षा, कृषि, जिला प्रशासन और ग्रामीण विकास में भी शीर्ष स्थान हासिल किया।
  • शीर्ष 10 में तेलंगाना के बाद उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, असम और हिमाचल रहे। ये सभी (रैंक 6 से रैंक 10 वाले राज्य) 'परफॉर्मर' श्रेणी के राज्य हैं।
  • 'कैचिंग-अप' श्रेणी (रैंक 11 से रैंक 15 वाले राज्य) में बिहार, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, छत्तीसगढ़ और राजस्थान हैं।
  • ओडिशा, असम और हिमाचल प्रदेश को 2020 और 2021 के बीच रैंकिंग में उनके असाधारण सुधार के लिए 'ट्रेलब्लेजर' (Trailblazers) माना गया।
  • 2020 में भी, आंध्र प्रदेश ने गवर्नेंस में शीर्ष स्थान हासिल किया था। आंध्र प्रदेश 2018 में गवर्नेंस में दूसरे स्थान पर और 2019 में चौथे स्थान पर था।

इंडिया वाटर पिच-पायलट-स्केल स्टार्ट-अप चैलेंज

केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 12 मार्च, 2022 को मंत्रालय के ‘कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन 2.0’ (अमृत 2.0) के अंतर्गत 'इंडिया वाटर पिच-पायलट-स्केल स्टार्ट-अप चैलेंज' (India Water Pitch-Pilot-Scale Start-up Challenge) का शुभारंभ किया।

(Image Source: https://innovateindia.mygov.in/)

महत्वपूर्ण तथ्य: मंत्रालय ने 12 मार्च को इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित 'इंडिया वाटर पिच-पायलट-स्केल स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव' के दौरान इस चैलेंज का शुभारंभ किया।

  • इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य जल क्षेत्र में स्टार्ट-अप के साथ संचार शुरू करना था।
  • इस चैलेंज के तहत, मंत्रालय 100 स्टार्ट-अप का चयन करेगा, जिन्हें वित्तीय सहायता के साथ-साथ मेंटरशिप के रूप में 20 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे।
  • स्टार्ट-अप शहरी जल समस्याओं के लिए व्यावहारिक और विस्तारित समाधान प्रदान करेंगे।
  • प्रधानमंत्री ने भारतीय शहरों को 'आत्मनिर्भर' और 'जल सुरक्षित' बनाने के उद्देश्य से 1 अक्टूबर, 2021 को ‘अमृत 2.0’ की शुरुआत की थी।
  • स्टार्टअप्स को 'प्रौद्योगिकी भागीदार' के रूप में शामिल करने के लिए प्रौद्योगिकी उप-मिशन को अमृत 2.0 के अंतर्गत अनुमोदित किया गया है।
  • प्रौद्योगिकी उप-मिशन देश में शहरी जल समस्याओं को हल करने में मदद करने के लिए स्टार्ट-अप को वित्तीय सहायता प्रदान करने के साथ-साथ सलाह देने पर केंद्रित है।

अखिल भारतीय कार्यक्रम 'झरोखा'

आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में संस्कृति मंत्रालय और वस्त्र मंत्रालय द्वारा 8 से 14 मार्च, 2022 तक ‘झरोखा - भारतीय हस्तशिल्प/हथकरघा, कला और संस्कृति का संग्रह’ (Jharokha-Compendium of Indian handicraft/ handloom, art and culture) का आयोजन किया गया।

(Image Source: https://amritmahotsav.nic.in/)

  • महत्वपूर्ण तथ्य: यह कार्यक्रम 13 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में 16 स्थानों पर आयोजित किया गया।
  • झरोखा कार्यक्रम में देश भर के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों को प्रदर्शित किया गया।
  • झरोखा के तहत पहला कार्यक्रम भोपाल में 8 मार्च को रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर आयोजित किया गया।
  • यह पहला कार्यक्रम नारीत्व और कला, शिल्प एवं संस्कृति के क्षेत्र में महिलाओं के योगदानके उत्सव को समर्पित था।
  • कार्यक्रम के तहत सभी स्टालों को महिला कारीगरों द्वारा स्थापित किया गया।
  • इस कार्यक्रम के दौरान स्थानीय टीमों और कलाकारों द्वारा लोक नृत्य और गायन प्रदर्शन सहित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया।
  • रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का नाम मध्य प्रदेश के गोंड राजघराने की बहादुर और निडर रानी कमलापति के नाम पर रखा गया है।

राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज में मिलेगा बालिका कैडेटों को प्रवेश

केंद्र द्वारा राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) को लड़कियों के लिए प्रवेश की अनुमति दिए जाने के बाद राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (RIMC) ने अपने 100 साल के इतिहास में पहली बार छात्राओं को प्रवेश देने का फैसला किया है।

  • महत्वपूर्ण तथ्य: राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज में आठवीं कक्षा से छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। यह जुलाई 2022 से पांच छात्राओं को प्रवेश देगा।
  • देहरादून स्थित राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय ने 13 मार्च, 2022 को अपना शताब्दी संस्थापना दिवस भी मनाया।
  • RIMC एक अंतर सेवा श्रेणी 'ए' प्रतिष्ठान है, जिसे रक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में सेना प्रशिक्षण कमान के माध्यम से प्रशासित किया जाता है।
  • प्रिंस ऑफ वेल्स रॉयल इंडियन मिलिट्री कॉलेज के नाम से, इसका उद्घाटन 13 मार्च, 1922 को प्रिंस ऑफ वेल्स, प्रिंस एडवर्ड VIII द्वारा किया गया था।
  • RIMC राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला, अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी, चेन्नई और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून जैसे संस्थानों के लिए 'नेतृत्व की नर्सरी' है।
  • कॉलेज 11½ से 18 वर्ष की आयु के युवाओं को विशेष रूप से अखिल भारतीय प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से स्कूली शिक्षा प्रदान करता है।

आईसीएमआर और ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 9 मार्च, 2022 को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन को मंजूरी प्रदान की।

समझौता ज्ञापन का उद्देश्य:भारतीय वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए क्षमता निर्माण, अंतरराष्ट्रीय मानकों और नियामक आवश्यकताओं के अनुरूप डेटा का संग्रह और क्षमता विकास के लिए एक क्षेत्रीय केंद्र बनने की दिशा में भारत का विकास करना है।

महत्वपूर्ण तथ्य: इस समझौता ज्ञापन पर नवंबर 2021 में हस्ताक्षर किए गए थे।

  • दोनों पक्षों ने उन्मूलन के चरण में तीन वेक्टर जनित रोगों मलेरिया, काला जार, फाइलेरिया व उभरते संक्रमणों पर विचारों के आदान-प्रदान व साझा करने पर सहमति जताई है।
  • दोनों पक्ष डेटा प्रबंधन, डेटा साझाकरण और समान शासन ढांचे के विकास के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं का समर्थन भी करेंगे।
  • इसके अलावा दोनों पक्ष अनुसंधान कार्यक्रमों पर सहयोग के अवसरों का पता लगाने व क्षमता सुदृढ़ीकरण पर तीन वर्षीय कार्य योजना विकसित करने पर भी सहमत हुए हैं।

महिला पुलिस कर्मियों के लिए स्थापित किए जाएंगे शिशु-गृह

महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने 8 मार्च, 2022 को कहा कि देश भर में महिला पुलिस कर्मियों के लिए जिला स्तर पर शिशु-गृह यानी क्रेच (creches) स्थापित किए जाएंगे ताकि उन्हें काम के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने में मदद मिल सके।

(Image Source: https://www.thehindu.com/)

महत्वपूर्ण तथ्य: सामाजिक सुरक्षा पर श्रम संहिता, 2020 के अनुसार, 50 या अधिक कर्मचारियों वाले प्रत्येक प्रतिष्ठान में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित दूरी के भीतर एक शिशु गृह की सुविधा होनी चाहिए।

  • नियोक्ता को नर्सिंग ब्रेक (स्तनपान और आराम आदि के उद्देश्य हेतु) सहित महिला को एक दिन में चार बार शिशु गृह में जाने की अनुमति देनी चाहिए।
  • 2013 में, महिला सशक्तीकरण पर संसदीय समिति ने 'पुलिस बल में महिलाओं की कामकाजी परिस्थितियों' पर अपनी 21वीं रिपोर्ट में दृढ़ता से सिफारिश की थी कि सरकार पर्याप्त शौचालय सुविधा सुनिश्चित करे और उनके लिए अतिरिक्त धन आवंटित करे।
  • ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के अनुसार, भारतीय पुलिस महिलाओं को आकर्षित करने में विफल रही है और उनका प्रतिनिधित्व मात्र 10% है।
  • हालांकि, हाल ही में नीतिगत पहल जैसे कि गृह मंत्रालय द्वारा 2009 में राज्यों को पुलिस में महिलाओं के 33% प्रतिनिधित्व के लक्ष्य को प्राप्त करने की सलाह के कारण, उनकी संख्या 2010 में 4% से दोगुनी हो गई है।

नीट-अंडर ग्रेजुएट के लिए ऊपरी आयु सीमा हटाई गई

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने 9 मार्च, 2022 को जारी एक परिपत्र के माध्यम से राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट- अंडर ग्रेजुएट प्रवेश परीक्षा) में भाग लेने के लिए ऊपरी आयु सीमा हटा दी है।

महत्वपूर्ण तथ्य: NMC ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) से नीट-अंडर ग्रेजुएट के सूचना बुलेटिन से अधिकतम आयु मानदंड को हटाने के लिए कहा है।

  • राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग देश में चिकित्सा शिक्षा का शीर्ष नियामक निकाय है, जो देश में चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सा पेशेवरों को विनियमित करता है।
  • इस संबंध में स्नातक चिकित्सा शिक्षा 1997 के विनियमों में उपयुक्त संशोधन करने की आधिकारिक अधिसूचना जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
  • इससे पहले सामान्य श्रेणी के आवेदकों के लिए अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष और आरक्षित श्रेणी के आवेदकों के लिए अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष थी।

मानवाधिकार परिषद में रूस की निंदा वाले प्रस्‍ताव पर भारत ने बनाई दूरी

भारत ने 4 मार्च, 2022 को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में उस प्रस्ताव से संबंधित प्रक्रिया में भाग नहीं लिया, जिसमें परिषद ने यूक्रेन में रूस की कार्रवाइयों की जांच के लिए एक अंतरराष्ट्रीय आयोग का गठन करने का फैसला किया है।

महत्वपूर्ण तथ्य: संयुक्त राष्ट्र प्रणाली द्वारा अभी तक अपनाए जाने वाले सबसे मजबूत प्रस्ताव में रूस द्वारा की गई कार्रवाई की 'कड़ी निंदा' की गई है।

  • भारत संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों से चुने गए 47 सदस्यीय परिषद के उन 13 देशों में शामिल था, जो प्रस्ताव से दूर रहे।
  • 32 देशों, या लगभग दो-तिहाई परिषद ने उस प्रस्ताव के लिए मतदान किया, जिसमें एक वर्ष के लिए तीन मानवाधिकार विशेषज्ञ नियुक्त करने के लिए कहा गया है।
  • केवल रूस और इरिट्रिया ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद: यह संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर एक अंतर-सरकारी निकाय है, जो दुनिया भर में मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण को मजबूत करने और मानवाधिकारों के उल्लंघन की स्थितियों की जांच करने के लिए जिम्मेदार है।

  • इसे 2006 में स्थापित किया गया था। परिषद का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है।

स्वतंत्र सैनिक सम्मान योजना

केंद्र सरकार ने 7 मार्च, 2022 को ‘स्वतंत्र सैनिक सम्मान योजना’ और उसके घटकों को वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2025-26 के लिए जारी रखने की मंजूरी दी है।

(Image Source: https://knowindia.india.gov.in/)

महत्वपूर्ण तथ्य: योजना को जारी रखने का प्रस्ताव गृह मंत्रालय से प्राप्त हुआ है।

  • स्वतंत्रता सेनानियों और उनके पात्र आश्रितों के लिए स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन की स्वीकृति दी गई है।
  • वर्तमान में, इस योजना के तहत देश भर में 23,566 लाभार्थी शामिल हैं।
  • पेंशन की राशि को समय-समय पर संशोधित किया गया है और 15 अगस्त, 2016 से महंगाई राहत भी दी जा रही है।

पृष्ठभूमि: भारत सरकार ने पोर्ट ब्लेयर की सेलुलर जेल में बंद स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में 1969 में 'अंडमान के पूर्व राजनीतिक कैदियों के लिए पेंशन योजना’ शुरू की थी।

  • 1972 में, स्वतंत्रता की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में, स्वतंत्रता सेनानियों को पेंशन देने की एक नियमित योजना शुरू की गई थी।
  • तत्पश्चात, 1 अगस्त, 1980 से, 'स्वतंत्र सैनिक सम्मान पेंशन योजना 1980' नामक एक उदार योजना लागू की गई।
  • वित्तीय वर्ष 2017-18 से योजना का नाम बदलकर 'स्वतंत्र सैनिक सम्मान योजना' कर दिया गया है।
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