फोर्टिफाइड चावल

  • 14 Apr 2022

8 अप्रैल, 2022 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2024 तक चरणबद्ध तरीके से विभिन्न योजनाओं के तहत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Targeted Public Distribution System: TPDS) के माध्यम से फोर्टिफाइड (पोषणयुक्त) चावल की आपूर्ति के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।

(Image Source: https://twitter.com/mygovindia/)

महत्वपूर्ण तथ्य: भारत सरकार की इन योजनाओं में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, एकीकृत बाल विकास सेवाएं, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण-पीएम पोषण (पूर्व नाम- मध्याह्न भोजन योजना) और अन्य कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं।

  • चावल के फोर्टिफिकेशन की पूरी लागत (लगभग 2,700 करोड़ रुपये प्रति वर्ष) जून 2024 तक इसके पूर्ण कार्यान्वयन होने तक खाद्य सब्सिडी के हिस्से के रूप में भारत सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
  • इस पहल के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए तीन चरणों की परिकल्पना की गई है-
  1. चरण- I: मार्च 2022 तक पूरे देश में एकीकृत बाल विकास सेवाओं और पीएम पोषण को कवर किया जाएगा।
  2. चरण- II: उपरोक्त चरण I के साथ-साथ मार्च 2023 तक सभी आकांक्षी और स्टंटिंग की समस्या से व्यापक रूप से प्रभावित कुल 291 जिलों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को कवर किया जाएगा।
  3. चरण-III: उपरोक्त चरण II के साथ-साथ मार्च 2024 तक देश के शेष जिलों को कवर किया जाएगा।

पृष्ठभूमि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त, 2021) पर अपने संबोधन में चावल के फोर्टिफिकेशन पर घोषणा की थी ताकि हर गरीब व्यक्ति को पोषण प्रदान किया जा सके।

  • इससे पहले, 2019-20 से ‘सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चावल के फोर्टिफिकेशन और इसके वितरण’ पर केंद्र प्रायोजित प्रायोगिक योजना को 3 साल की अवधि के लिए लागू किया गया था।