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CPEC
हाल ही में, पाकिस्तान ने सऊदी अरब को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) में तीसरा साझेदार बनने के लिए आमंत्रित किया है। CPEC के सम्बंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- CPEC के "1+4 सहयोग ढांचे" के तहत, 1 CPEC का प्रतिनिधित्व करता है और बाकि 4 कतर, चीन, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की कराकोरम रेंज से गुज़रता है।
- यह "वन बेल्ट" और "वन रोड" के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता है।
नीचे दिए गए कूट से सही कथन का चयन करें:
A |
केवल II
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B |
केवल II और III
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C |
I, II, III
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D |
केवल I और II
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Explanation :
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC), चीन को यूरोप के साथ जोड़ने वाली चीन की महत्वाकांक्षी पहल वन बेल्ट वन रोड (OBOR) का हिस्सा है। यह झिंजियांग प्रांत के काशगर को पाकिस्तान के ग्वादर से जोड़ेगा। OBOR के समुद्री मार्ग को "वन रोड" और रेशम मार्ग को "वन बेल्ट" कहा जाता है। CPEC इन दोनों को आपस में जोड़ेगा इसलिए, कथन-III सही है। भारत को इस बेल्ट और रोड पहल (OBOR / BRI) पर आपत्ति है क्योंकि यह कराकोरम रेंज से गुज़रती है, इसलिए भारत इस OBOR में शामिल नहीं हुआ है। अतः कथन-2 भी सही है।
CPEC के '1 + 4' सहयोग ढांचे के तहत, '1' 'CPEC' का प्रतिनिधित्व करता है और बाकि 4 में ऊर्जा समेत, ग्वादर बंदरगाह, परिवहन का बुनियादी ढांचा और औद्योगिक सहयोग शामिल हैं। अतः कथन-। गलत है।
स्रोत : द हिन्दू, इंडियन एक्सप्रेस
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