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संसदीय विशेषाधिकार
संसदीय विशेषाधिकार के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- संसदीय विशेषाधिकार (Parliamentary Privileges), संसद सदस्यों को, व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से, प्राप्त कुछ अधिकार और उन्मुक्तियां होते हैं, ताकि वे “अपने कार्यों का प्रभावी ढंग से निर्वहन” कर सकें।
- संविधान के अनुच्छेद 205 में स्पष्ट रूप से दो विशेषाधिकारों का उल्लेख किया गया है। ये हैं: संसद में वाक्-स्वतंत्रता और इसकी कार्यवाही के प्रकाशन का अधिकार।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A |
केवल 1
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B |
केवल 2
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C |
1 और 2 दोनों
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D |
न तो 1 और न ही 2
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Your Ans is
Right ans is A
Explanation :
- हाल ही में, संसद की ‘विशेषाधिकार एवं नैतिकता समिति’ (Privileges and Ethics Committee) ने नवनीत राणा की गिरफ्तारी के मामले में महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, डीजीपी महाराष्ट्र, मुंबई पुलिस आयुक्त और महिला जिला जेल अधीक्षक, भायखला (मुंबई) को मौखिक रूप से गवाही देने के लिए उनके सामने पेश होने को कहा है।
- संसदीय विधेषधिकार, उन कुछ विशेषाधिकारों को कहा जाता है जिनका, संसदों और राष्ट्रीय विधायिकाएं, दुनिया भर में विशिष्ट रूपसे आनंद लेते हैं, जो उनके अधिकार, स्वतंत्रता और गरिमा को बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
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