सुरक्षा परिषद में सुधार


प्रश्न: क्या सरकार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का स्थायी सदस्य बनने के लिए कोई कदम उठा रही है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (3 फरवरी, 2023)

उत्तर: बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों की प्रणाली में सुधार करना भारत की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है। भारत सरकार विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (Expanded United Nations Security Council) में भारत कि स्थायी सदस्यता प्राप्त करने को सर्वोच्च प्राथमिकता (Highest Priority) दे रही है।

  • सरकार ने इस दिशा में भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन जुटाने के उद्देश्य से विभिन्न पहलें शुरु की हैं, जो निम्नलिखित हैं-
    • द्विपक्षीय बैठक में विचार-विमर्श: भारत इस मामले को द्विपक्षीय बैठकों के दौरान लगातार उठाया गया है और अन्य देशों के साथ उच्चतम स्तर सहित सभी स्तर पर विचार-विमर्श किया गया है।
    • संयुक्त राष्ट्र महासभा: न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77 वें सत्र में भी भारत के माननीय विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुधारों के महत्व पर प्रकाश डाला। इस बैठक के दौरान ही, सितंबर 2022 में भारत द्वारा समान विचार वाले देशों के साथ इस विषय पर वार्ता का आयोजन किया गया था।
      • भारत ने "बहुपक्षवाद को फिर से शुरु करने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार करने" (Reinvigorating Multilateralism and Achieving Comprehensive Reform of the United Nations Security Council) विषय पर आयोजित सम्मलेन में भाग भी लिया।
    • एल.69 समूह के साथ वार्ता: भारत ने एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के समान विचारधारा वाले देशों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह ‘एल.69 (L.69 GROUP) के उच्च-स्तरीय बैठक की सह-मेजबानी की। समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं के अनुरूप सुरक्षा परिषद के तत्काल और व्यापक सुधार की आवश्यकता है।
    • जी4 देशों के साथ वार्ता: इसके अतिरिक्त 22 सितंबर 2022 को भारतीय विदेश मंत्री ने न्यूयॉर्क में जी4 देशों (भारत, जापान, जर्मनी, ब्राज़ील) के विदेश मंत्रियों के साथ मुलाकात की और इस विषय पर व्यापक चर्चा की। जी4 के देश UN की इस निकाय को अधिक प्रतिनिधिक, वैध और प्रभावी बनाने के समर्थक है तथा सुरक्षा परिषद सदस्यता की स्थायी और गैर-स्थायी दोनों श्रेणियों में विस्तार पर एक मत हैं।
    • विभिन्न देशो को भारत के विचार से सहमत करना: महासभा के संबोधन में कई देशों ( जैसे रूस, पुर्तगाल, भूटान, ऑस्ट्रेलिया आदि) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधारों की आवश्यकता को रेखांकित किया तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत का विशेष रूप से उल्लेख किया।
    • खुली बहस का आयोजन: दिसंबर 2022 में दूसरी बार भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता प्राप्त हुई। 14 दिसंबर 2022 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत द्वारा न्यूयॉर्क में ‘बेहतर बहुपक्षवाद के लिए नई दिशा’ (New Orientation for Reformed Multilateralism - NORMS) विषय पर एक उच्च स्तरीय खुली बहस आयोजित की गई। इस बहस का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के केंद्र में वर्तमान बहुपक्षीय रूपरेखा में सुधारों पर जोर देना था, ताकि इसे और अधिक प्रतिनिधिक और उद्देश्यपरक बनाया जा सके।
  • हालाँकि ऐसे देशों का भी एक समूह है जो इसकी स्थायी श्रेणी की सदस्यता में किसी भी विस्तार का विरोध करता है और सुरक्षा परिषद में किसी भी सुधार के लिए आम सहमति बनाने का आहवान करता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधारों की प्रकृति और इस मामले पर विभिन्न क्षेत्रीय समूहों की विभिन्न विचार को देखते हुए; इस मामले पर सक्रिय रुप से चर्चा चल रही है।

L.69 समूह

  • यह अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन, एशिया और प्रशांत क्षेत्र के विकासशील देशों का एक समूह है।
  • यह एक प्रमुख ब्लॉक है तथा वर्तमान में इस समूह में सदस्य देशों की संख्या 32 हैं।
  • ये देश राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी और व्यापक सुधारों के समर्थक है तथा भारत के सामान विचार रखते हैं।
  • यह समूह सुरक्षा परिषद की सदस्यता की स्थायी और अ-स्थायी दोनों श्रेणियों में विस्तार चाहते हैं जो इस संस्था को अधिक जवाबदेह, प्रतिनिधि, पारदर्शी और 'प्रासंगिक' बनाने के लिए अनिवार्य है।

सुरक्षा परिषद में किसी भी प्रकार के सुधार के प्रावधान क्या हैं?

  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की प्रक्रिया को प्रारंभ करने के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर में संशोधन की आवश्यकता होगी।
  • संयुक्त राष्ट्र चार्टर (UN Charter) में सुरक्षा परिषद में किसी भी प्रकार के सुधार के प्रावधान वर्णित है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर का अनुच्छेद 108 में इससे संबंधित प्रावधान का उल्लेख हैं, जो निम्नलिखित शर्तों को लागू करता है-
    • चार्टर में संशोधन प्रस्ताव को महासभा के दो तिहाई सदस्यों के मत द्वारा अपनाया जाना चाहिए।
    • इसके साथ ही इसके दो तिहाई सदस्यों द्वारा इस प्रस्ताव का अनुसमर्थन संबंधित संवैधानिक प्रक्रियाओं के अनुसार (Ratified In Accordance With Their Respective Constitutional) किया जाना चाहिए।
    • इस संशोधन प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी स्थायी सदस्य का भी अनुसमर्थन प्राप्त होना चाहिए।
    • वर्तमान चार्टर में किसी भी प्रकार का संशोधन संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों के लिए लागू होंगे।