केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना की आधारशिला
- 25 Dec 2024
 
25 दिसंबर, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर मध्य प्रदेश के खजुराहो में 23 वर्ष पूर्व परिकल्पित केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना की आधारशिला रखी। इस दौरान ओमकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना का उद्घाटन भी किया गया।
केन-बेतवा लिंक परियोजना : मुख्य विशेषताएं
केन-बेतवा लिंक परियोजना का उद्देश्य मध्य प्रदेश की केन नदी से उत्तर प्रदेश की बेतवा नदी में अतिरिक्त जल का स्थानांतरण करना है, जिससे सूखा प्रभावित बुंदेलखंड क्षेत्र को लाभ होगा।
मुख्य उद्देश्य:
- सिंचाई: दोनों राज्यों में 10 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई करना।
 - पेयजल: क्षेत्र में लाख लगभग 65 लोगों को पेयजल उपलब्ध कराना।
 - जल विद्युत उत्पादन: जल विद्युत उत्पादन करना, जिसमें मध्य प्रदेश को 103 मेगावाट प्राप्त होगी।
 
चरण-I: इसमें दौढ़न बांध, एक लिंक नहर और जल विद्युत संयंत्रों का निर्माण शामिल है।
चरण-II: लोअर ओर्र बांध, कोठा बैराज और बीना कॉम्प्लेक्स परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसका उद्देश्य सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों के माध्यम से 2.06 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करना है।
वर्तमान स्थिति: बांधों (91% पूर्ण) और नहरों (44.5% पूर्ण) के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
इस परियोजना से मध्य प्रदेश के सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी और दतिया जिलों को लाभान्वित होने की उम्मीद है।
इस परियोजना के तहत पन्ना बाघ अभयारण्य में केन नदी पर 77 मीटर ऊंचा और 2.13 किलोमीटर लंबा दौधन बांध बनाया जाएगा। साथ ही, दो सुरंगें भी बनाई जाएंगी। यह बांध पानी को स्टोर करेगा और उसे जरूरत के हिसाब से छोड़ा जाएगा।
हालांकि यह परियोजना बुंदेलखंड के लाखों लोगों को सिंचाई और पेयजल उपलब्ध कराएगी, लेकिन इससे पन्ना टाइगर रिजर्व और मध्य प्रदेश के अन्य वन क्षेत्रों का लगभग 40% हिस्सा जलमग्न हो जाएगा।
 
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