भारत की गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता में वृद्धि
- 23 Jan 2025
22 जनवरी, 2025 को, भारत ने अपनी अक्षय ऊर्जा यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया, गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता 217.62 गीगावाट तक पहुंच गई।
मुख्य तथ्य:
- तेजी से विकास: भारत में अक्षय ऊर्जा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिसमें पिछले वर्ष में 24.5 गीगावाट सौर और 3.4 गीगावाट पवन क्षमता जोड़ी गई।
- सौर वर्चस्व: भारत की अक्षय ऊर्जा वृद्धि में सौर ऊर्जा प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में बनी रही, जो कुल स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता का 47 प्रतिशत है। पिछले साल 18.5 गीगावाट सौर क्षमता की स्थापना हुई, जो 2023 की तुलना में लगभग 2.8 गुना अधिक है।
- राज्य-स्तरीय प्रदर्शन: सौर इंस्टॉलेशन में राजस्थान, गुजरात और तमिलनाडु शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य थे, जबकि गुजरात (1,250 मेगावाट), कर्नाटक (1,135 मेगावाट) और तमिलनाडु (980 मेगावाट) ने पवन ऊर्जा क्षमता वृद्धि में अग्रणी भूमिका निभाई। इन राज्यों ने नई पवन ऊर्जा क्षमता में 98 प्रतिशत की वृद्धि की, जो पवन ऊर्जा उत्पादन में उनके निरंतर बढोतरी को दर्शाता है।
- रूफटॉप सौर वृद्धि: पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना जैसी पहलों से प्रेरित होकर, रूफटॉप सौर क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिसमें 4.59 गीगावाट की नई क्षमता स्थापित की गई।
- 500 गीगावाट लक्ष्य: भारत 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है।
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