EOS-09 (RISAT-1B) पृथ्वी अवलोकन उपग्रह का लौंच शीघ्र

  • 13 May 2025

भारत ने अपनी निगरानी और पृथ्वी अवलोकन क्षमताओं को सशक्त करने के उद्देश्य से EOS-09 (RISAT-1B) उपग्रह के प्रक्षेपण की तैयारी पूरी कर ली। यह उपग्रह 18 मई 2025 को श्रीहरिकोटा से PSLV-C61 रॉकेट के माध्यम से प्रक्षेपित किया जाएगा, जिसमें सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल भी उपस्थित रहेगा।

मुख्य तथ्य एवं आंकड़े:

  • उपग्रह का तकनीकी विवरण: EOS-09 (RISAT-1B) का वजन लगभग 1,710 किलोग्राम है। यह अत्याधुनिक C-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) से लैस है, जिससे यह बादल, वर्षा या अंधकार में भी उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग करने में सक्षम है। उपग्रह को सन-सिंक्रोनस ऑर्बिट (526-543 किमी, 97.6° झुकाव) में स्थापित किया जाएगा।
  • इमेजिंग और संचालन: EOS-09 में पाँच इमेजिंग मोड हैं, जिससे यह एक मीटर तक की छोटी वस्तुओं की पहचान के लिए अल्ट्रा-हाई-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग तथा बड़े क्षेत्रों की व्यापक स्कैनिंग कर सकता है। यह तकनीक सीमाओं पर संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी और घुसपैठ का पता लगाने में महत्वपूर्ण है।
  • रणनीतिक और नागरिक अनुप्रयोग: उपग्रह का उपयोग भारत की पाकिस्तान और चीन से लगी संवेदनशील सीमाओं की निगरानी, कृषि फसल मॉनिटरिंग, वानिकी सर्वेक्षण, आपदा प्रबंधन (बाढ़, भूस्खलन), तटीय निगरानी, मिट्टी की नमी, भूविज्ञान, और समुद्री बर्फ की निगरानी में किया जाएगा।
  • मौजूदा उपग्रहों के साथ समन्वय: EOS-09, Resourcesat, Cartosat और RISAT-2B जैसे मौजूदा उपग्रहों के नेटवर्क में शामिल होकर डेटा संग्रहण और विश्लेषण की दक्षता को और बेहतर बनाएगा। RISAT श्रृंखला के उपग्रह पूर्व में 2016 सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 बालाकोट एयर स्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
  • लॉन्च का महत्व: यह प्रक्षेपण ISRO की 98वीं मिशन है और 2025 की दूसरी बड़ी लॉन्चिंग है। सांसदों की उपस्थिति यह दर्शाती है कि उपग्रह आधारित डेटा नीति निर्माण और संसाधन प्रबंधन में कितना महत्वपूर्ण हो गया है।