23 सितंबर ‘आयुर्वेद दिवस’ के रूप में घोषित

  • 14 May 2025

13 मई 2025 को, भारत सरकार ने गजट अधिसूचना के माध्यम से 23 सितंबर को प्रतिवर्ष ‘आयुर्वेद दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यह बदलाव पहले प्रचलित परंपरा-धनतेरस (जो हर साल हिंदू पंचांग के अनुसार बदलती तिथि पर पड़ती थी)-की जगह लाया गया है।

मुख्य तथ्य:

  • नई तिथि की घोषणा: 23 सितंबर को अब हर वर्ष ‘आयुर्वेद दिवस’ मनाया जाएगा, जबकि पहले यह पर्व धनतेरस (अक्टूबर-नवंबर के बीच) को मनाया जाता था।
  • कारण: धनतेरस की तिथि हर साल 15 अक्टूबर से 12 नवंबर के बीच बदलती रहती थी, जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजन में असंगति और लॉजिस्टिक चुनौतियां आती थीं।
  • चयन प्रक्रिया: आयुष मंत्रालय ने विशेषज्ञों की समिति बनाकर चार संभावित तिथियों पर विचार किया, जिसमें 23 सितंबर को चुना गया क्योंकि यह ‘शरद विषुव’ (autumnal equinox) के आसपास पड़ता है-जब दिन और रात बराबर होते हैं, जो आयुर्वेद के संतुलन के सिद्धांत से मेल खाता है।
  • प्रतीकात्मक महत्व: यह तिथि प्रकृति में संतुलन का प्रतीक है, जो आयुर्वेद के ‘मन, शरीर और आत्मा के संतुलन’ की अवधारणा को दर्शाती है।
  • उद्देश्य: स्थायी तिथि से आयुर्वेद दिवस की वैश्विक दृश्यता, आयोजन की सुगमता और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य समुदाय, शोधकर्ताओं एवं हितधारकों की भागीदारी बढ़ेगी।