UNFCCC प्रक्रिया में सुधार

  • 10 Jul 2025

हाल के वर्षों में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के तहत अंतरराष्ट्रीय जलवायु वार्ताएँ अपेक्षित प्रगति हासिल करने में विफल रही हैं, जिससे प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं। COP30 सम्मेलन (नवंबर, ब्राजील) से पूर्व सुधार के लिए कई सुझाव प्रस्तुत किए गए हैं।

मुख्य तथ्य:

  • वार्ता की जटिलता और सुधार के सुझाव: जून 2025 में जर्मनी के बॉन में आयोजित मध्यवर्षीय जलवायु बैठक में प्रक्रिया की पारदर्शिता और समावेशिता बढ़ाने, एजेंडा विषयों को सुव्यवस्थित करने, वक्तव्यों की लंबाई सीमित करने और वार्ता टीमों के आकार को कम करने जैसे सुझाव दिए गए; चर्चा निष्कर्षहीन रही और COP30 में जारी रहेगी।
  • विभिन्न संगठनों की मांग 200 से अधिक संगठनों ने पाँच प्रमुख सुधारों का सुझाव दिया, जिसमें सर्वसम्मति न बनने पर बहुमत आधारित निर्णय, खराब जलवायु रिकॉर्ड वाले देशों को COP की मेज़बानी से रोकना, और जीवाश्म ईंधन कंपनियों की भागीदारी घटाने की मांग शामिल है; UNFCCC में फिलहाल सर्वसम्मति आधारित निर्णय प्रणाली है।
  • ब्राज़ील की पहल: COP30 की मेज़बानी कर रहे ब्राज़ील ने 30 बिंदुओं की सूची बनाई है, जिन पर अन्य देशों के साथ मिलकर जलवायु कार्रवाई तेज़ करने का प्रयास किया जाएगा; ब्राज़ील ने जलवायु वार्ता को अन्य बहुपक्षीय मंचों में मुख्यधारा में लाने और अतिरिक्त तंत्र विकसित करने का प्रस्ताव दिया।
  • जलवायु वित्त पर असहमति: विकासशील देशों की वार्षिक जलवायु वित्त की आवश्यकता $1.3 ट्रिलियन आंकी गई, जबकि विकसित देशों ने 2035 से केवल $300 अरब प्रतिवर्ष जुटाने पर सहमति दी; पेरिस समझौते के तहत अभी कम-से-कम $100 अरब प्रतिवर्ष जुटाने का दायित्व है।
  • BRICS का रुख: ब्रिक्स समूह (नौ प्रमुख विकासशील अर्थव्यवस्थाएँ) ने अलग घोषणा में विकसित देशों से UNFCCC और पेरिस समझौते के तहत वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूर्ण रूप से निभाने और वित्त उपलब्धता बढ़ाने की मांग की।