भारत में ध्वनि प्रदूषण की बढ़ती समस्या
- 03 Sep 2025
2 सितंबर, 2025 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, भारत के शहरी क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन नीतिगत कार्रवाई में कमी बनी हुई है जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो रहा है।
मुख्य तथ्य:
- ध्वनि प्रदूषण स्तर: भारत के शहरों में ध्वनि स्तर अक्सर निर्धारित सीमा से ऊपर पहुंच जाते हैं, विशेषकर स्कूल, अस्पताल और आवासीय क्षेत्र के निकट।
- संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन: बढ़ती ध्वनि प्रदूषण से नागरिकों के शांति और सम्मान के संवैधानिक अधिकारों का हनन होता है।
- CPCB का नेटवर्क: 2011 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नेशनल एम्बिएंट नॉइज मॉनिटरिंग नेटवर्क (NANMN) स्थापित किया था, जो वास्तविक समय में डेटा संग्रह और निगरानी के लिए था।
- नेटवर्क की स्थिति: दस वर्षों के बाद यह नेटवर्क अधिक सक्रिय सुधार के बजाय निष्क्रिय डेटा संग्रह केंद्र के रूप में कार्य कर रहा है।
- नियंत्रण की कमी: डेटा भले ही डैशबोर्ड पर उपलब्ध हैं, लेकिन प्रभावी प्रवर्तन एवं नीति क्रियान्वयन नही हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में Noise Pollution (V), In Re (2005) में को दोहराते हुए कहा कि अत्यधिक शोर मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
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