भारत-यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) TEPA समझौता
- 04 Oct 2025
हाल ही मेंभारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) देशों—स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड, लिक्टेंस्टीन—के बीच ट्रेड एंड इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (TEPA) लागू हुआ। इसे दिल्ली में प्रोस्पेरिटी समिट में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ऐतिहासिक क्षण बताया।
मुख्य तथ्य:
- समझौते का विस्तार: TEPA में कुल 14 अध्याय हैं; इसका फोकस वस्त्र, जीवन विज्ञान, स्वच्छ ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, शिक्षा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी और निवेश को प्रोत्साहित करना है।
- निवेश और रोजगार: EFTA ब्लॉक भारत में अगले 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर का निवेश करेगा; इससे करीब 10 लाख नई नौकरियां सृजित होंगी।
- बाज़ार पहुँच: EFTA द्वारा 100% गैर-कृषि उत्पादों और प्रोसेस्ड एग्रो उत्पादों पर शून्य या कम शुल्क पर बाज़ार उपलब्ध; भारत ने EFTA के 95% निर्यात पर शुल्क रियायतें दीं, संवेदनशील सेक्टरों को सुरक्षा दी गई।
- नवाचार एवं सेवा: पेशेवर योग्यता की मान्यता, निवेश प्रोत्साहन एवं एकल-विंडो डेस्क से निवेश मित्रता सुनिश्चित; व्यापार में सुगमता, कस्टम्स प्रक्रिया सरलीकरण व IP अधिकारों की सुरक्षा शामिल।
- सतत विकास: एफटीए के तहत व्यापार एवं सतत विकास पर अलग अध्याय, श्रमिक मानकों और पर्यावरणीय संरक्षण के लिए कानूनी प्रतिबद्धताएँ पहली बार शामिल।
- ईएफटीए देशों की सामूहिक अर्थव्यवस्था: चारों देशों की कुल जीडीपी 5.4 ट्रिलियन डॉलर, लेकिन आबादी मुंबई से भी कम; फिर भी तकनीकी नवाचार और निवेश क्षमता में अग्रणी।
- रणनीतिक महत्व: समझौता 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को गति देगा; भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर।
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