खांसी सिरप के सुरक्षित उपयोग पर केंद्रीय परामर्श

  • 06 Oct 2025

6 अक्टूबर, 2025 को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को बच्चों में खांसी सिरप के तर्कसंगत व सुरक्षित उपयोग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। हाल में 19 निर्माण इकाइयों में जोखिम-आधारित निरीक्षण किए गए, और Tamil Nadu की एक इकाई पर एक सिरप में DEG प्रदूषण पाए जाने पर लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश व आपराधिक कार्रवाई की गई।

मुख्य तथ्य:

  • उपयोग संबंधी निर्देश: दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए खांसी व सर्दी की दवा नहीं दी जानी चाहिए; पांच वर्ष से कम की आयु में भी अधिकतर मामलों में दवा की आवश्यकता नहीं होती। बड़ेबच्चों में दवा का उपयोग सिर्फ डॉक्टरी निगरानी और उचित खुराक में ही किया जाए।
  • गुणवत्ता नियंत्रण: सभी खांसी सिरप के निर्माण में संशोधित अनुसूची एम (Revised Schedule M) के अनुसार उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए।
  • आउटब्रेक और जांच: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा व राजस्थान में बच्चों की संदिग्ध मौत के मामले में केन्द्र ने NCDC, NIV, CDSCO की टीम भेजकर जांच कराई। अधिकांश सिरप नमूनों में DEG/EG नहीं पाया गया; एक सिरप(Coldrif) में अधिक मात्रा में DEG पाया गया।
  • जागरूकता अभियान: सभी स्वास्थ्य सुविधाओं व डाक्टरों को सलाह दी गई कि वे खांसी का इलाज गैर-औषधीय उपायों जैसे—हाइड्रेशन, विश्राम, सलाइन ड्राप, सपोर्टिव केयर—से करें। माता-पिता को स्वयं दवा न देने की सलाह।
  • इंटर-एजेंसी समन्वय: रिपोर्टिंग व अनजाने स्वास्थ्य संकट के दौरान राज्यों द्वारा शीघ्र सूचना व समन्वित कार्रवाई को प्राथमिकता।
  • खांसी सिरप की सामग्री: भारत में कई बार DEG/EG अथवा अन्य विषैले रसायनों की मिलावट से बच्चों की मौत के मामले सामने आए हैं, जिसके कारण दर्जनों बिना मंजूरी वाले फिक्स्ड डोज सिरप पर प्रतिबंध लगाया गया।