भारत की नीली इकॉनमी पर नीति आयोग की नई रिपोर्ट

  • 14 Oct 2025

13 अक्टूबर, 2025 को नीति आयोग ने “भारत की नीली अर्थव्यवस्था: गहरे समुद्र और अपतटीय मत्स्य पालन के दोहन की रणनीति” (“India’s Blue Economy: Strategy for Harnessing Deep-Sea and Offshore Fisheries”) रिपोर्ट जारी की, जिसे सदस्य (कृषि) प्रो. रमेश चंद और सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यन ने लॉन्च किया।

मुख्य तथ्य:

  • भारत की मत्स्य स्थिति: भारत विश्व में दूसरी सबसे बड़ी मछली उत्पादक अर्थव्यवस्था है, जो वैश्विक उत्पादन का 8% योगदान देती है और मत्स्य क्षेत्र से लगभग 3 करोड़ लोगों की आजीविका जुड़ी है। वर्ष 2023–24 में मत्स्य उत्पादों से ₹60,523 करोड़ का निर्यात राजस्व अर्जित हुआ।
  • विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ):भारत का EEZ 20 लाख वर्ग किमी से अधिक और 11,098 किमी तटरेखा वाला है, जिसकी अनुमानित उत्पादन क्षमता 7.16 मिलियन टन है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिकांश गहरे समुद्री संसाधन अब तक अप्रयुक्त हैं।

छह प्रमुख नीति हस्तक्षेप:

  • मत्स्य नीतियों व विनियमों में सुधार।
  • संस्थागत व क्षमता निर्माण को सुदृढ़ करना।
  • नौकाओं का आधुनिकीकरण व बुनियादी ढांचे का विकास।
  • सतत मत्स्य प्रबंधन को बढ़ावा देना।
  • संसाधन जुटाना व वित्तीय ढांचा मजबूत करना।
  • स्थानीय समुदाय एवं साझेदारी को सशक्त बनाना।

तीन चरणों में क्रियान्वयन योजना:

  • चरण-1 (2025–28): आधार निर्माण व आरंभिक वृद्धि
  • चरण-2 (2029–32): वैश्विक प्रतिस्पर्धा प्राप्त करना
  • चरण-3 (2033 के बाद): सतत गहरे समुद्री मत्स्य क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व पाना

रिपोर्ट का उद्देश्य: नीति सुधार, प्रौद्योगिकी, वित्त, नवाचार और तटीय समुदायों के सशक्तिकरण के माध्यम से भारत को सतत समुद्री मत्स्य प्रबंधन एवं ब्लू इकॉनमी में वैश्विक अग्रणी बनाना।