पुलिस को गिरफ्तारी का लिखित कारण देना अनिवार्य: सुप्रीम कोर्ट

  • 07 Nov 2025

6 नवंबर, 2025 को भारत के सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि पुलिस और जांच एजेंसियों को गिरफ्तारी के तुरंत बाद आरोपी व्यक्ति को लिखित में गिरफ्तारी के कारण बताना अनिवार्य होगा, चाहे गिरफ्तारी किसी भी अपराध या कानून के तहत हो।

मुख्य तथ्य:

  • संवैधानिक अधिकार: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गावई और जस्टिस एजी मासिह की बेंच ने कहा कि गिरफ्तारी के कारणों की जानकारी देना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 22(1) के तहत एक बुनियादी अधिकार और अनिवार्य सुरक्षा उपाय है।
  • सभी अपराध लागू: यह आदेश सभी तरह के मामलों पर लागू होगा, चाहे वे भारतीय न्याय संहिता के तहत हों या कोई अन्य कानून।
  • असाधारण परिस्थितियाँ: यदि तुरंत लिखित कारण उपलब्ध कराना संभव न हो, तो आरोपी को मौखिक रूप से बताया जाएगा।
  • समय सीमा: ऐसी मौखिक जानकारी के बाद भी आरोपी को लिखित कारण न्यायिक प्रक्रिया से कम से कम दो घंटे पहले प्रस्तुत करना होगा।
  • अदालत के निर्देश: यह व्यवस्था गिरफ्तारी के दौरान पारदर्शिता और आरोपी के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।