एसपीओ2 आधारित पूरक ऑक्सीजन वितरण प्रणाली

  • 20 Apr 2021

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने दुर्गम पहाड़ियों में अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाकों पर तैनात सैनिकों के लिए एसपीओ2 (SpO2- रक्त ऑक्सीजन संतृप्ति) आधारित पूरक ऑक्सीजन वितरण प्रणाली विकसित की है।

महत्वपूर्ण तथ्य: SpO2, जिसे ऑक्सीजन संतृप्ति के रूप में भी जाना जाता है, ऑक्सीजन नहीं ले जाने वाले हीमोग्लोबिन की मात्रा के सापेक्ष रक्त में ऑक्सीजन ले जाने वाले हीमोग्लोबिन की मात्रा का मापन है। शरीर के ठीक से कार्य करने के लिए रक्त में ऑक्सीजन का एक निश्चित स्तर होना चाहिए।

  • वास्तव में, रक्त में SpO2 के बहुत कम स्तर के परिणामस्वरूप बहुत गंभीर लक्षण हो सकते हैं, इस स्थिति को हाईपोक्सिमिया (hypoxemia) के रूप में जाना जाता है। हाईपोक्सिमिया की स्थिति हाईपोक्सिया (Hypoxia) मे बदल सकती है। हाईपोक्सिया वह स्थिति है, जब शरीर के ऊतकों में पहुँच रही ऑक्सीजन की मात्रा शरीर की आवश्यकता पूरी करने के लिए अपर्याप्त हो।
  • एसपीओ2 आधारित पूरक ऑक्सीजन वितरण प्रणाली को डीआरडीओ की डिफेन्स बायो-इंजीनियरिंग एंड इलेक्ट्रो मेडिकल लैबोरेट्री (डीईबीईएल), बेंगलुरू द्वारा विकसित किया गया है।
  • यह प्रणाली अतिरिक्त मात्रा में ऑक्सीजन आपूर्ति करती है और व्यक्ति को ऐसी बेहोशी- हाईपोक्सिमिया में जाने से बचाती है, जो कई स्थितियों में घातक सिद्ध होती है।
  • यह प्रणाली हाथ की कलाई में पहने जाने वाले वायरलेस इंटरफेस के माध्यम से पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग करके रोगी के SpO2 स्तर का पता लगा देती है।
  • यह स्वचालित प्रणाली वर्तमान समय में फैली हुई वैश्विक महामारी कोविड-19 परिस्थितियों में भी एक वरदान सिद्ध हो सकती है।