क्वांटम तकनीकीऔर उसके अनुप्रयोग पर राष्ट्रीय मिशन

  • 07 Feb 2020

  • सरकार ने बजट-2020 में देश में क्वांटम कंप्यूटिंग से सम्बन्धित तकनीकि विकसित करने के लिए क्वांटम प्रौद्योगिकी और उसके अनुप्रयोग पर राष्ट्रीय मिशन (NM-QTA) की घोषणा की.

लक्ष्य

  • क्वांटम तकनीकी और अनुप्रयोग(QTA) की क्षमता को विकसित कर देश के विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देकर प्रगतिशील बनाना, इसका मुख्य उद्देश्य है.

क्वांटम तकनीकीऔर उसके अनुप्रयोग के राष्ट्रीय मिशन की आवश्यकता

  • क्वांटम तकनीकी, के विकास के साथ कंप्यूटिंग, संचार, साइबर-सुरक्षा और एन्क्रिप्शन (encryption) में नए रास्ते खुलेंगे. यह आकलन लगाया जा रहा है कि इस अनुमानित क्षेत्रके विकास से बहुत सारे व्यावसायिक अनुप्रयोग सामने आएंगे.
  • माना जा रहा है कि इस उभरते हुए क्षेत्र में बढ़त हासिल करने से देश काविविध आर्थिक विकास और वैश्विक पटल पर प्रमुख नेतृत्व की भूमिका में अत्यधिक फायदा होगा।
  • इसे लेकर सरकारों व उद्योगों के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वेइन उभरती और विघटनकारी तकनीकों (emerging and disruptive technologies) को विकसित करने के लिए तैयार हैं. मतलब हमारे संचार, वित्तीय लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए प्रतिस्पर्धी बने रहें.सामाजिक प्रगति को बढ़ावा दें, रोजगार पैदा करें, आर्थिक विकास को बढ़ावा दें और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करें।

 

क्वांटम प्रौद्योगिकी और उसके अनुप्रयोगपरराष्ट्रीय मिशन के बारे में

  • इस मिशन को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा पांच वर्षों की के लिए लागू किया जाएगा.
  • केंद्रित क्षेत्र: इस मिशन का केंद्रित क्षेत्र आधारभूत विज्ञान (fundamental science), अनुवाद, प्रौद्योगिकी विकास, मानव और बुनियादी ढाँचा उत्पादन करने (human and infrastructural resource generation), शोध (innovation) और स्टार्ट-अप होगा. जो राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से संबंधित मुद्दों का समाधान करेगा.
  • अगले पीढ़ी की परिवर्तनकारी तकनीकियाँ इस मिशन के तहत एक तत्परता प्राप्त करेंगी. जिनमें क्वांटम कंप्यूटर और कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम कुंजी वितरण, एन्क्रिप्शन, क्रिप्ट विश्लेषण, क्वांटम उपकरण, क्वांटम सेंसिंग, क्वांटम सामग्री, क्वांटम घड़ी, इत्यादि शामिल हैं।
  • डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म बनाया जाएगा जो सहज आवेदन की सुविधा प्रदान करेगा.इसके साथ बौद्धिक संपदा अधिकार (IPRs) और उत्कृष्टता के एक संस्थान (an institute of excellence) को अधिकार में लाया जायेगा. एक केंद्र स्थापित किया जाएगा जो बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में काम करेगा.
  • प्रारूप, निर्माण और अवधारणा के प्रमाण (proof of concept) के लिए नए और उभरते क्षेत्रों सहित विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों में ज्ञान अनुवाद क्लस्टर (Knowledge translation clusters) स्थापित किए जाएंगे.

क्वांटम-सक्षम विज्ञान और प्रौद्योगिकी कार्यक्रम (QuESTProgramme

  • 2017 के मध्य में राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के साथ क्वांटम कंप्यूटिंग को बीज बोए गये थे.जब विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के अंतः विषय ‘साइबर-भौतिक प्रणालीप्रभाग (ICPS)’ ने क्वांटम कंप्यूटिंग से संबंधित परियोजनाओं के लिए नए क्वांटम-सक्षम विज्ञान और प्रौद्योगिकी(QuEST) कार्यक्रम के भाग लेने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए थे.
  • पहले चरण में,अनुसंधान विशेषज्ञों और ऐसी प्रणालियों को एक व्यवस्थित रूप देने हेतु टीमों की स्थापना की नियुक्ति में समस्या हुई.


व्यापक उद्देश्य

  • क्वांटम कंप्यूटरों का विकास और प्रदर्शन.
  • क्वांटम संचार और क्रिप्टोग्राफी का विकास और प्रदर्शन.
  • क्वांटम - संवर्धित और प्रेरित तकनीकका विकास.
  • उन्नत गणितीय क्वांटम तकनीकी,एल्गोरिदम और क्वांटम सूचना सिद्धांतप्रणाली का विकास.

प्रभाव

अगली पीढ़ी की तकनीकी के विकास में

  • यह मिशन समाज की बढ़ती तकनीकी आवश्यकताओं को संबोधित करने में सक्षम होगा. अगली पीढ़ी के तकनीकियों के विकास के लिए प्रमुख देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी रुझानों वप्रगति के मार्गों पर विचार करेगा.
  • यह अगली पीढ़ी के कुशल जनशक्ति को तैयार करने, अनुवादकीय अनुसंधान को बढ़ावा देने व पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए उद्यमिता और स्टार्ट-अप में मदद करेगा.

क्वांटम तकनीकी को नयी उर्जा देने में

  • इस मिशन के कार्यान्वयन से क्वांटम कंप्यूटर, अवरोध मुक्त सुरक्षित संचार व्यवस्था, क्वांटम एन्क्रिप्शन, क्रिप्ट-विश्लेषण और इससे संबंधित तकनीकें विकसित होंगी जिससे देश में विशिष्ट राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों के समाधान में सहायता प्राप्त होगी.

 

भारतवर्ष को अग्रिणी देशों की श्रेणी में शामिल करने में

  • क्वांटम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में उन्नत अनुसंधान को बढ़ावा देकर भारत को अन्य उन्नत देशों के समकक्ष लाया जा सकता है और कई प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभों को प्राप्त किया जा सकता है.

क्वांटम तकनीकियाँ

  • क्वांटम तकनीकियों में क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम प्रकाशिकी, क्वांटम सूचना प्रसंस्करण, क्वांटम इंटरनेट और क्वांटम कृत्रिम बुद्धिमत्ता शामिल है.
  • यह क्वांटम सिद्धांत पर आधारित है. जो परमाणु और उप-परमाणु स्तर पर ऊर्जा और पदार्थ की प्रकृति की व्याख्या करता है. यह पारंपरिक दुनिया की सीमाओं से परे है जो सूचना प्रसंस्करण को प्राप्त करने के साथ क्वांटम सिस्टम के नियंत्रण और हेरफेर का सरोकार करता है.

क्वांटम कंप्यूटिंग

  • वास्तव में क्वांटम कंप्यूटिंग सूचना को संसाधित करने के लिए क्वांटम यांत्रिकी के अद्भुत सिद्धांत का निरस्तीकरण करता है.
  • एक पारंपरिक कंप्यूटर 0 या 1 के सांकेतिक शब्दों में काम करते है जिसे "बिट्स" स्ट्रिंग कहते हैं. दूसरी ओर एक क्वांटम कंप्यूटर,क्वांटम बिट्सया क्विबिट्स का उपयोग करता है. क्विबिट्स उप-परमाणु कण होते हैं जैसे कि इलेक्ट्रॉन और फोटॉन.
  • क्वांटम कंप्यूटर का संचालन क्वांटम भौतिकी के दो प्रमुख सिद्धांतों पर आधारित है: सुपरपोजिशन और एंटैंगमेंट

प्रकार

क्वांटम कंप्यूटिंग मूलतः तीन प्रकार के होते है.

  • क्वांटम एनेलिंग (Quantum annealing)
  • क्वांटमसिमुलेशंस(Quantum simulations)
  • यूनिवर्सल क्वांटम कंप्यूटिंग (Universal quantum computing)
  • विभिन्न प्रकारों में प्रसंस्करण शक्ति (qubits) की मात्राकी जरुरत और संभावित अनुप्रयोगों की संख्याभिन्न-भिन्न होती है. व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य बनने के लिए अभी और समय की जरुरत है.

 

लाभ

  • प्रदर्शन में तेजी: इसका मुख्य लाभ इसकी तीव्रता है क्योंकि यह समानांतर में काम करने वाले अनेक सुपर कंप्यूटरों का अनुकरण करने में सक्षम है। क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों का उपयोग करकेये आसानी से कम्प्यूटेशनल समस्याओं से निपट सकते हैं. जो सुपर कंप्यूटर के लिए बहुत मुश्किल होते हैं. दरअसल इनमें प्रयुक्त इनपुट की संख्या और संख्याओं के आकार काफी बड़ा होता है.
  • शुद्धता या सत्यता का उच्चतम स्तर: इसकी शुद्धता उच्चतम स्तर इसे बड़े डेटा संभालने और राष्ट्रीय सुरक्षा वसाइबर सुरक्षा आदि के लिए उपयुक्त बनाती है.
  • ऊर्जा कुशल: दुनिया की कुछ सबसे जटिल व चुनौतीपूर्ण कम्प्यूटेशनल समस्याओं को हल करने में कुशल होने के अलावाक्वांटम कंप्यूटर काफी कम ऊर्जा का उपयोग करते हैं.जिससे इसकी लागत कम आती है.


क्वांटम वर्चस्व

  • क्वांटम वर्चस्व क्वांटम कंप्यूटर का हवाला देता है जो ऐसी समस्याओं को हल करने में सक्षम है जिसे आज के दौर के सुपर कंप्यूटर नहीं कर सकते.
  • यह शब्द 2012 में जॉन प्रेस्किल (John Preskill) द्वारा दिया गया था.
  • अक्टूबर 2019 में गूगल ने क्वांटम कंप्यूटर में ने वर्चस्व हासिल करने का दावा किया. जिसके कथानुसार 54 क्युबिट साइकामोर (Sycamore) प्रोसेसर 200 सेकंड में वो कार्य किया जिसे पूरा करने के लिए जाहिर तौर पर सुपर कंप्यूटर को 10,000 साल लगेंगे।

चुनौतियां

निर्माण में उच्च लागत

  • क्युबिट्स(qubits) को बनाना और इसकी त्रुटियों से निपटना क्वांटम कंप्यूटर के विकास में एक बड़ी चुनौती है. क्योंकि इसकी लागत बहुत अत्यधिक है.
  • क्विबिट्स को प्रोसेस करने के लिए चिप को बनाना क्वांटम कंप्यूटरों के निर्माण में एक और बड़ी बाधा है.

असम्बद्धता अथवा प्रतिकूलता (Decoherence)

  • एक क्वांटम कंप्यूटर बनाने के लिए यह जरुरी है कि आवश्यक प्रक्रियाओं की संख्या को आगे बढ़ाने के लिए किसी वस्तु को अतिव्यापी अवस्था (Overlapping State) में लंबे समय तक रखा जाए. यह हमेशा संभव नहीं होता क्योंकि ये लगातार सुपरपोजिशन की इस स्थिति को खोता रहता है. जिसे डिकॉहेरेन्स कहा जाता है.
  • डिकॉ हे रेन्स का प्रमुख कारण कंपन, तापमान में उतार-चढ़ाव, विद्युत चुम्बकीय तरंगों और बाहरी वातावरण के साथ अन्य परस्पर प्रभाव है जो कंप्यूटर के अनोखे क्वांटम गुणों को नष्ट कर देता है.


अनुप्रयोग

  • अनुकूलन, योजना और लॉजिस्टिक्स
  • पूर्वानुमान
  • वित्तीय मानक स्थापित करना
  • दवा डिजाइन और खोज
  • जीनोमिक्स
  • साइबर सुरक्षा और क्रिप्टोग्राफी
  • आणविक मॉडलिंग
  • रसायन विज्ञान मॉडलिंग, कम्प्यूटेशनल रसायन विज्ञान
  • सामग्री डिजाइन और मॉडलिंग
  • एयरोस्पेस भौतिकी
  • क्वांटम सिमुलेशन - क्वांटम मैकेनिकल स्तर पर भौतिक प्रणालियों का अनुकरण
  • बिना क्रम के (Random) सख्याओं तैयार करने हेतु