चिकित्सा उपकरण अबदवाओं की तरह अधिसूचित

  • 13 Feb 2020

  • 11 फरवरी-2020 को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने चिकित्सा उपकरण नियम- 2017 में किए गए परिवर्तन को अधिसूचित किया. जिसके अनुसार औषध एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम-1940 (Drugs and Cosmetics Act,1940) के तहत मानव या जानवरों की चिकित्सा के उपयोग में लाये जाने वाले प्रत्येक वस्तुओं एक सूची में लाया जाएगा. जिसमें उपकरणों से लेकर प्रत्यारोपण तक सभी यंत्र शामिल हैं. यहाँ तक कि चिकित्सा के दौरान इस्तेमाल में आने वाले सोफ्ट्वेयर्स को भी इस सूची में सम्मिलित किया गया है.
  • मंत्रालय द्वारा एक गजट अधिसूचना के जरिए चिकित्सा उपकरण संशोधन नियम-2020 (Medical Devices Amendment Rules,2020)भी जारी किया गया. जिसके अनुसार चिकित्सा के उपयोग में आने वाले सभी उपकरणों के पंजीकरण अनिवार्य है.ये बदलाव 1 अप्रैल 2020 से लागू होंगे.

लक्ष्य

  • चिकित्सा के दौरान उपयोग में आने वाले भारतीय बाजार के सभी उपकरणों की सुरक्षा व उसके गुणवत्ता के मानक को तय करना.

पृष्ठभूमि

  • स्वास्थ्य और दवा के क्षेत्र में सर्वोच्च संस्था दवा तकनीकी सलाहकार बोर्ड (Drugs Technical Advisory Board) अप्रैल 2019 में निर्देश दिया कि चिकित्सा के क्षेत्र में उपयोग किये जाने वाले सभी उपकरणों को औषध एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत ‘दवाओं की तरह’ अधिसूचित किया जाना चाहिए.

ऐसे कदम की ज़रूरत

  • कई खुलासों के बाद पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र ध्यान के केंद्र में रहा है. जिसमें फार्मा प्रमुख जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा बेचे गए नितंब के दोषपूर्ण प्रत्यारोपण (faulty hip implants), सबसे महत्वपूर्ण खुलासा था. इससे सरकार की बड़ी शर्मिंदगी हुई. इन्हीं खुलासों की वजह से चिकित्सा में उपयोग किये जाने वाले उपकरणों की कमियां उजागर हुई थीं.
  • वर्तमान में इस अधिनियम के अंतर्गत केवल 23 तरह के चिकित्सा उपकरणों को विनियमित किया जाता है.

मुख्य परिवर्तन
व्यापक क्षेत्र

  • यह उन सभी उपकरणों की विस्तृत सूचना देगा जिनका उपयोग विशेष रूप से मानव या जानवरों  की चिकित्सा में किया जाता है.जिसमें विभिन्न प्रकार के उपकरण (Instruments), औजार (apparatus), सामग्री अथवा आर्टिकल्स (अकेले या साथ-साथ उपयोग में लाये जाने वाले), प्रत्यारोपण, सॉफ्टवेयर और सहायक वस्तुएं शामिल हैं.

उपकरणों का समूह

  • सीरिंज, सुई, गलाबंद (stents), मूत्र नलिका (catheters), अंतः गर्भाशायीदर्पण (Intraocular lenses), अंतःशिरा प्रवेशनी(intravenous cannulae), कृत्रिम अंग (Prosthetic replacements), पट्टी (ligatures),तांतव संधि (sutures),स्टैपलर,कंडोम, खून की थैली, नेबुलाइज़र, रक्त चाप मापने की मशीन और डिजिटल थर्मामीटर सहित 37 उपकरणों की सूची तैयार की गई है. 

ऑनलाइन दस्तावेज़ीकरण और पहचान

  • निर्माता या आयातक को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन(CDSCO)के ऑनलाइन पोर्टल पर जेनेरिक नाम, मॉडल नंबर, इच्छित उपयोग, चिकित्सा उपकरण की श्रेणी, निर्माण की सामग्री, आकार-प्रकार, जीवनावधिऔर ब्रांड नाम डालना होगा.

 

चिकित्सा उपकरणों के विभिन्न वर्गों के लिए समयरेखा

  • 1 अप्रैल से अधिनियम के तहत अधिसूचित किए गए चिकित्सा उपकरणों के लिए समयसीमा भी निर्धारित की गयी है.जिसमें ‘कम और मध्यम खतरनाक उपकरणों’(श्रेणी A और B) के लिए 30 महीने और ‘उच्च जोखिम उपकरणों’ (श्रेणी C और D) के लिए 42 महीने तय की गयी है. इस समयावधि के उपरांतसंबंधित उपकरणों पर चिकित्सा उपकरण नियम 2017 के सभी प्रावधान लागू होंगे.

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO)

  • केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन(CDSCO)स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के अधीन आता है. यही भारत का राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण (National Regulatory Authority) है.
  • केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन, राज्य नियामकों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से रक्त और रक्त उत्पादों,अंतःशिरा द्रव,वैक्सीन और सेरा जैसे कुछ विशिष्ट श्रेणियों के महत्वपूर्ण दवाओं केलाइसेंस के अनुदानज़ारी करते हैं.
  • कार्य:केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन,औषध एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियमके तहत कार्य करता है. जो देश में नई औषधियों की मंजूरी, क्लिनिकल परिक्षण का संचालन, दवाओं के लिए मानक तय करना, देश में आयातित दवाओं की गुणवत्ता पर नियंत्रण रखने का कार्य करता है. साथ ही साथराज्य औषधि नियंत्रण संगठनों(State Drug Control Organizations) की गतिविधियों के समन्वय के लिए भी जिम्मेदार है. 

चिकित्सा उपकरणों का जोखिम के आधार पर वर्गीकरण केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठनने चिकित्सा उपकरणों को उसके जोखिमों के अनुसार वर्गीकृत किया है.

  • श्रेणी A (कम जोखिम) - रूई,सर्जिकल ड्रेसिंग,मद्यफाहा (alcohol swabs).
  • श्रेणी B (कम-मध्यम जोखिम) - थर्मामीटर, रक्तचाप निगरानी उपकरण कीटाणुनाशक
  • श्रेणी C (मध्यम-उच्च जोखिम) - प्रत्यारोपण, हेमोडायलिसिस कैथेटर
  • श्रेणी D (उच्च जोखिम) -वाहिका चित्रण से संबंधित तार(Angiographic guide wire),  हृदय में रक्त वाहक वाल्व (heart valve)

अपेक्षित प्रभाव 

  • जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना: यह देश भर में चिकित्सा उपकरण कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा के लिए जवाबदेह बनाएगा. इससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी. वर्तमान में अनियमित उपकरणों के लिए अस्थायी पंजीकरण आवेदन अब नियमित हो जायेंगे. यह चिकित्सा उपकरण उद्योग के बेहतर विकास के लिए अग्रणी होगा.

आलोचना

  • भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग संघ (AIMED) के अनुसारयह कदम छोटे निर्माताओं को प्रभावित करने वाला है. क्योंकि गुणवत्ता की जांच के लिए बायोमेडिकल इंजीनियरिंग वाले किसी एक योग्य गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली (QMS) प्रबंधक को किराए पर रखना उनके लिए संपोषीय (Sustainable) नहीं होगा.
  • कम जोखिम वाले वर्ग अर्थात A श्रेणी के लगभग सभी उत्पाद जैसे आर्थोपेडिक कॉलर और तकिए, चश्मा और व्हील-चेयर और स्ट्रेचर आदि सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम मंत्रालय (MSME) के द्वारा बनाए जाते हैं. अधिकांश छोटे निर्माता योग्य विनियामक कर्मचारियों (regulatory staff) को रखने के लिए मेडिकल डिवाइस और डायग्नोस्टिक नियम (MDR) की अनुसूची-5 का पालन नहीं कर सकते हैं.
  • हालांकि उच्च तकनीक नैदानिक ​​इमेजिंग क्षेत्र (hi-tech diagnostic imaging sector) में बड़े उद्द्योग पतियों का दबदबा है अतः यह बहुत कम प्रभावित होगा.
  • इसके अलावादवा अधिनियम (Drugs Act) के तहत किसी ड्रग इंस्पेक्टर के द्वारा दिशानिर्देशों के किसी भी गैर-अनुरूपता को आपराधिकमाना जा सकता है और उसे अदलत में पेश किया जा सकता है.हालांकि इसमें कोई जोखिम आनुपातिक (RiskProportionate) दंड नहीं है.
  • सर्जिकल मैन्युफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन, थोक व्यापारियों और सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम मंत्रालय के उपकरण निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करता है. उसने भी सरकार के कदम की आलोचना की है. उसका कहना है कि इससे हजारों छोटी और सूक्ष्म इकाइयां बंद हो सकती हैं. इसके अतिरिक्त आयातित वस्तुओं की कीमत घरेलू उपकरणों से कई गुना महँगी होंगी. अतः उपकरणों की कीमतें बढ़ने से उपभोक्ता प्रभावित हो सकते हैं.

आगे का रास्ता 

  • कुल मिलाकर यह एक सकारात्मक कदम है. हालांकि उपभोक्ता समूह व्यापक दायरे में उपकरणों की विनियमित करने के लिए केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organization) की क्षमता को लेकर संदेह में हैं.
  • मरीजों की सुरक्षा के संबंध मेंविनियामक तंत्र को मजबूत करने के लिए व्यापक सुधारों की आवश्यकता है.जिसमें उपकरणों के अनुमोदन के लिए दिशानिर्देश शामिल हैं. जैसे रोग-विषयक जाँच की जरूरत, मार्केटिंग और प्रचार की जिम्मेदारी, जनता के लिए सुलभ और अनुकूल रिपोर्टिंग की एक मजबूत और कामकाज प्रणाली को लागू करना,स्वैच्छिक व वैधानिक नियम (rules for voluntary and statutory) का फिर से कार्यान्वयन और रोगी मुआवजा योजना इत्यादि.