इंडिगऊ

  • 17 Aug 2021

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 13 अगस्त, 2021 को गिर, कंकरेज, साहीवाल, ओंगोल आदि देशी पशुओं की नस्लों की शुद्ध किस्मों को संरक्षण प्रदान करने के लिए भारत की पहली एकल न्यूक्लियोटाइड बहुरूपता (Single nucleotide polymorphisms- SNP) आधारित चिप ‘इंडिगऊ’ (IndiGau) का शुभारंभ किया।

महत्वपूर्ण तथ्य: इंडिगऊ पूर्ण रूप से स्वदेशी और दुनिया की सबसे बड़ी पशु चिप है। इसमें 11,496 मार्कर (SNP) हैं, जो कि अमेरिका और ब्रिटेन की नस्लों के लिए रखे गए ‘777के इलुमिना चिप’ (777K Illumina chip) की तुलना में बहुत ज्यादा हैं।

  • इस चिप का उद्देश्य हमारी अपनी नस्लों को बेहतर पात्र बनाने वाले लक्ष्य की प्राप्ति करते हुए 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने में सहायता प्रदान करना है।
  • SNPs उच्च दूध उपज या गर्मी सहनशीलता जैसे लक्षणों का पता लगाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
  • इस स्वदेशी चिप को जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल बायोटेक्नोलॉजी (NAIB), हैदराबाद के वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों के द्वारा विकसित किया गया है।

SNPs: एकल न्यूक्लियोटाइड बहुरूपता, जिसे अक्सर SNPs कहा जाता है, जैविक मार्कर के रूप में कार्य कर सकते हैं, जिससे वैज्ञानिकों को बीमारी से जुड़े जीन का पता लगाने में मदद मिलती है।

  • SNPs जो कुछ दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया, विषाक्त पदार्थों जैसे पर्यावरणीय कारकों के प्रति संवेदनशीलता और विशेष बीमारियों के विकास के जोखिम की भविष्यवाणी करने में मदद कर सकते हैं।