आचार्य जे.बी. कृपलानी की जयंती

  • 16 Nov 2022

11 नवंबर, 2022 को आचार्य जे. बी. कृपलानी (11 नवंबर 1888 – 19 मार्च 1982) की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा इन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

आचार्य कृपलानी (पूरा नाम- जीवटराम भगवानदास कृपलानी) का जन्म 11 नवंबर, 1888 को ब्रिटिश भारत काल में तात्कालिक बॉम्बे प्रेसीडेंसी के हैदराबाद शहर में हुआ था, जो वर्तमान में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है।

संक्षिप्त परिचय

  • आचार्य कृपलानी भारत के प्रमुख भारतीय शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरणवादी और राजनीतिज्ञ थे।
  • वे महात्मा गांधी के करीबी सहयोगी और उनकी विचारधारा के लंबे समय से समर्थक थे।
  • गुजरात विद्यापीठ में पढ़ाने के दौरान उन्हें महात्मा गांधी द्वारा 'आचार्य' उपनाम प्रदान किया गया था।

योगदान

  • बिहार में नील की खेती करने वाले किसानों की दशा सुधारने से संबंधित चंपारण सत्याग्रह में आचार्य कृपलानी ने गाँधी जी का साथ दिया था|
  • वे नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन में काफी सक्रियता से शामिल थे।
  • आचार्य कृपलानी ने भारत की अंतरिम सरकार (1946-1947) और भारत की संविधान सभा में प्रमुख जिम्मेदारी निभाई थी।
  • वे सन् 1947 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे जब भारत को आजादी मिली। कृपलानी जी एक दशक से अधिक समय तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के शीर्ष पदों पर आसीन रहे|

स्वतंत्रता के पश्चात

  • उन्होंने जवाहरलाल नेहरू की उन नीतियों का विरोध किया, जो उनके अनुसार गांधीवादी मूल्यों के खिलाफ थीं|
  • कृपलानी जी ने इंदिरा गांधी सरकार की विभिन्न नीतियों का भी विरोध किया।
  • आचार्य कृपलानी ने 1977 में जनता पार्टी की सरकार के गठन में अहम भूमिका निभायी। आचार्य कृपलानी गांधीवादी दर्शन के एक प्रमुख व्याख्याता थे और उन्होंने इस विषय पर अनेक पुस्तकें लिखीं।