भारत-मिस्र द्विपक्षीय संबंध

  • 26 Jan 2023

74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी (Abdel fateh al-sisi) को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया।


  • यह पहली बार है जब मिस्र के किसी राष्ट्रपति को यह सम्मान दिया गया है; उन्होंने 24 जनवरी से 26 जनवरी, 2023 के मध्य भारत की यात्रा की।
  • गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित परेड में मिस्र की एक सैन्य टुकड़ी ने भी भाग लिया।

दोनों देशों के संबंधों पर महत्वपूर्ण बिंदु

  • राजनीतिक संबंधों की स्थापना: 18 अगस्त, 1947 को दोनों देशों द्वारा राजनयिक संबंधों की स्थापना की संयुक्त रूप से घोषणा की गई। इसी क्रम में, वर्ष 1955 में भारत और मिस्र ने एक मित्रता संधि पर हस्ताक्षर किये।
  • गुटनिरपेक्ष आंदोलन: वर्ष 1961 में भारत और मिस्र ने यूगोस्लाविया, इंडोनेशिया एवं घाना के साथ गुटनिरपेक्ष आंदोलन (Non-Aligned Movement-NAM) की स्थापना की।
  • वर्तमान परिदृश्य: वर्ष 2016 में भारत और मिस्र ने राजनीतिक-सुरक्षा सहयोग, आर्थिक जुड़ाव, वैज्ञानिक सहयोग तथा लोगों के मध्य संबंधों का विकास करने वाले सिद्धांतों पर नई साझेदारी के निर्माण के उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए एक संयुक्त घोषणापत्र जारी किया।
  • रणनीतिक साझेदारी: भारत और मिस्र ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को 'रणनीतिक साझेदारी' (Strategic partnership) के रूप में विकसित करने पर सहमति व्यक्त की। इस रणनीतिक साझेदारी के रूप में राजनीतिक, रक्षा एवं सुरक्षा; आर्थिक जुड़ाव; वैज्ञानिक एवं शैक्षणिक सहयोग तथा सांस्कृतिक संबंधों के रूप में 4 क्षेत्रों की पहचान की गई है।
  • सांस्कृतिक संबंध: भारत एवं मिस्र ने 'प्रसार भारती' और मिस्र के 'राष्ट्रीय मीडिया प्राधिकरण' के मध्य विषय-सामग्री विनिमय तथा क्षमता निर्माण हेतु तीन वर्ष के लिये समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding-MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
    • वर्ष 1992 में काहिरा (मिस्र) में भारत के सहयोग से मौलाना आज़ाद सेंटर फॉर इंडियन कल्चर (Maulana Azad Center for Indian Culture-MACIC) की स्थापना की गई। इस केंद्र के माध्यम से दोनों देशों के मध्य सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
  • निवेश परिदृश्य: मिस्र द्वारा भारत से मेट्रो परियोजनाओं, स्वेज़ नहर आर्थिक क्षेत्र (Suez Canal Economic Zone), स्वेज़ नहर में द्वितीय चैनल (Second Channel in the Suez Canal) तथा मिस्र में एक नई प्रशासनिक राजधानी (New Administrative Capital) सहित अन्य बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं में निवेश हेतु सहयोग की मांग की जा रही है।
    • अब तक, 50 से अधिक भारतीय कंपनियों ने मिस्र में 3.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है।