समसामयिकी -25 May 2022
पीआईबी न्यूज आर्थिक
पहला खादी उत्कृष्टता केंद्र
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने 11 मई, 2022 को नई दिल्ली में 'पहले खादी उत्कृष्टता केंद्र' (first Centre of Excellence for Khadi) का उद्घाटन किया।
महत्वपूर्ण तथ्य: यह खादी उत्कृष्टता केंद्र दिल्ली में राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान में स्थापित किया गया है।
- इस खादी उत्कृष्टता केंद्र की बेंगलुरू, गांधीनगर, कोलकाता और शिलांग में उप-शाखाएं हैं।
- खादी उत्कृष्टता केंद्र का उद्देश्य वस्त्रों के डिजाइन तैयार करना, घरों के लिये पर्दे आदि बनाना और सभी आयुवर्ग के लोगों के लिये सहायक सामग्रियों को विकसित करना; तथा गुणवत्ता, डिजाइन और व्यापार के मद्देनजर वैश्विक मानकों के तहत सभी प्रक्रियाओं का पालन करना है।
- 'खादी उत्कृष्टता केंद्र' सभी खादी संस्थानों को डिजाइन तैयार करने के लिये मार्गदर्शन हेतु खादी के लिये ‘ज्ञान पोर्टल’ विकसित करने की प्रक्रिया में है।
- ‘ज्ञान पोर्टल’ में रंग, रूपरेखा, बुनाई, परत, बनावट, प्रिंट, आकार और काट-छाँट और अंतिम सज्जा (finishing) पर डिजाइन निर्देश को शामिल किया गया है।
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मार्तंड सूर्य मंदिर पूजा विवाद
8 मई, 2022 को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में मार्तंड सूर्य मंदिर के संरक्षित स्थल में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम विवादों में घिर गया है।
(Image Source: https://www.thebetterkashmir.com/)
महत्वपूर्ण तथ्य: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का कहना है कि मुख्य संरक्षित क्षेत्र परिसर में पूजा करने की अनुमति नहीं ली गई थी और इसे नियमों का उल्लंघन माना है।
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, जो संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्य करता है, संरक्षित स्मारकों का संरक्षक है।
क्या है नियम? नियमों के अनुसार, अगर पुरातत्व विभाग द्वारा किसी स्थान या परिसर को अपनी सुपुर्दगी में लिए जाने के समय वहां कोई धार्मिक अनुष्ठान, पूजा या अन्य कोई समारोह होता है तो ही पुरातत्व विभाग द्वारा संबंधित स्थान को अधिकार में लिए जाने के बाद भी ऐसे कार्यक्रम जारी रहेंगे।
- निर्जीव स्मारकों (non-living monument) पर कोई धार्मिक अनुष्ठान नहीं किया जा सकता है। निर्जीव स्मारक ऐसे स्मारक हैं, जहां ASI संरक्षित स्थल बनने पर पूजा/ धार्मिक अनुष्ठान की निरंतरता न रही हो।
मार्तंड सूर्य मंदिर: मार्तंड सूर्य मंदिर को जब 20वीं शताब्दी में ASI को सुपुर्द किया गया था, तो वहां कोई पूजा या हिंदू अनुष्ठान नहीं किया जा रहा था। इसलिए मार्तंड सूर्य मंदिर को एक निर्जीव स्मारक माना जाता है।
- 'मार्तंड' हिंदू सूर्य-देवता का संस्कृत में एक नाम है। मंदिर का निर्माण कार्कोट राजवंश के शासक ललितादित्य मुक्तापीड ने 8वीं शताब्दी में करवाया था।
- हालांकि यह अब खंडहर में तब्दील हो गया है, ऐसा माना जाता है कि इसे मुस्लिम शासक सिकंदर शाह मिरी के आदेश पर नष्ट कर दिया गया था।
अन्य तथ्य: एक जीवित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण स्मारक (living ASI monument) का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण आगरा में ताजमहल है, जहां हर शुक्रवार को नमाज अदा की जाती है।
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भारत-बांग्लादेश सीमा पर फ्लोटिंग सीमा चौकियां
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सुंदरबन के दुर्गम क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए 5 मई, 2022 को भारत-बांग्लादेश सीमा पर तीन फ्लोटिंग (तैरती हुई) सीमा चौकियों (Border Outposts: BOP) का उद्घाटन किया।
(Image Source: https://theprint.in/)
महत्वपूर्ण तथ्य: केंद्रीय गृह मंत्री ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर हरिदासपुर सीमा चौकी (BOP) पर 'मैत्री संग्रहालय' की आधारशिला रखी और 'सीमा प्रहरी सम्मेलन' को संबोधित किया। इसके अलावा उन्होंने 'फ्लोटिंग बोट एम्बुलेंस' को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
- कोच्चि शिपयार्ड द्वारा तीन फ्लोटिंग सीमा चौकियों ‘सतलुज’, ‘कावेरी’ और ‘नर्मदा’ का निर्माण किया गया है। प्रत्येक BOP की लागत 38 करोड़ रुपए और वजन लगभग 53000 मीट्रिक टन है।
- इन BOP के अगले हिस्से को जवानों की सुरक्षा के लिए बुलेट प्रूफ बनाया गया है, साथ ही खाने-पीने की भरपूर व्यवस्था की गई है।
- ये BOP एक महीने तक बिना ईंधन (पेट्रोल और डीजल) के डीजी सेट (डीजल जेनसेट) के साथ तैर सकते हैं।
- सुंदरबन, जिसका एक हिस्सा भारत और दूसरा बांग्लादेश में है, देश की सुरक्षा के लिए बहुत संवेदनशील क्षेत्र है।
- एक BOP के साथ 6 छोटी नावें होती हैं और इसमें घुसपैठ और तस्करी दोनों को रोकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है।
मैत्री संग्रहालय: 1970 के दशक में जब पड़ोसी देश में मानवाधिकारों का हनन हुआ था, तब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारतीय सेना ने क्षेत्र में मानवाधिकारों की रक्षा की और बांग्लादेश के सृजन में मदद की थी।
- इस उपलब्धि की एक चिरकालीन स्मृति के लिए यहां पर एक 'मैत्री संग्राहलय' की स्थापना की जा रही है।
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राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति
6 मई, 2022 को 'राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति' (National Sagarmala Apex Committee: NASC) ने नई दिल्ली में 'सागरमाला कार्यक्रम' की प्रगति की समीक्षा की और विभिन्न एजेंडे पर विचार-विमर्श किया।
महत्वपूर्ण तथ्य: राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति (NASC) पत्तन आधारित विकास-सागरमाला परियोजनाओं के लिए नीति निर्देश और मार्गदर्शन प्रदान करने वाली शीर्ष संस्था है और यह इसके कार्यान्वयन की समीक्षा करती है।
- NASC का गठन 13 मई, 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा किया गया था।
- NASC की अध्यक्षता पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री करते हैं। वहीं हितधारक केंद्रीय मंत्रालयों के कैबिनेट मंत्री और समुद्र तटीय राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र-शासित प्रदेशों के प्रशासक इसके सदस्य होते हैं।
- समीक्षा बैठक के दौरान जहाजरानी मंत्रालय ने सागरमाला कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं की संख्या बढ़ाकर 1537 कर दी है, जिनकी कुल अनुमानित लागत 6.5 लाख करोड़ रुपए है।
- नया सागरमाला कार्यक्रम एक नई पहल 'सागर तट समृद्धि योजना' के माध्यम से तटीय क्षेत्रों के समग्र विकास पर जोर देगा।
- सागरमाला कार्यक्रम के तहत 5.5 लाख करोड़ रुपए की 802 परियोजनाओं को 2035 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कुल 802 परियोजनाओं में से वर्तमान में 99,281 करोड़ रुपए की 202 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
सागरमाला: राष्ट्रीय कार्यक्रम सागरमाला का उद्देश्य भारत की 7,516.6 किमी लंबी तट रेखा और 14,500 किमी संभावित नौगम्य जलमार्ग की क्षमता का उपयोग करके देश में आर्थिक विकास को गति देना है।
- सागरमाला की घोषणा 2014 में प्रधानमंत्री द्वारा की गई थी और 25 मार्च, 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इसे मंजूरी दी थी।
सामयिक खबरें विज्ञान-प्रौद्योगिकी
डब्ल्यू बोसॉन
हाल में अमेरिका में 'कोलाइडर डिटेक्टर एट फर्मिलैब' (Collider Detector at Fermilab) साझेदारी के शोधकर्ताओं ने 'डब्ल्यू बोसॉन' (W boson) के द्रव्यमान का सटीक मापन करने की घोषणा की है।
महत्वपूर्ण तथ्य: शोधकर्ताओं के अनुसार डब्ल्यू बोसॉन कण भौतिकी मानक मॉडल (standard model of Particle physics) के पूर्वानुमानों की तुलना में अधिक भारी है। इसलिए यह ‘मानक मॉडल’ द्वारा पेश किए गए विवरण की अपूर्णता को दर्शाता है।
कण भौतिकी मानक मॉडल: ब्रह्मांड के सबसे बुनियादी मूलभूत अंगों का वर्णन करने के लिए 'मानक मॉडल' वैज्ञानिकों का वर्तमान सर्वोत्तम सिद्धांत है।
- 'मानक मॉडल' यह बताता है कि कैसे 'क्वार्क' (जिनसे प्रोटॉन और न्यूट्रॉन बनते हैं) और ‘लेप्टान’ (जिसमें इलेक्ट्रॉन शामिल हैं) नामक कण सभी ‘ज्ञात पदार्थ’ (known matter) बनाते हैं।
- मानक मॉडल ब्रह्मांड को नियंत्रित करने वाली चार मूलभूत शक्तियों में से केवल तीन- विद्युत चुंबकत्व, मजबूत बल (strong force) और कमजोर बल (weak force) की व्याख्या करता है। जबकि 'गुरुत्वाकर्षण' को पूरी तरह से छोड़ देता है। इसलिए मानक मॉडल को अधूरा माना जाता है। इसके अलावा मानक मॉडल में ‘डार्क मैटर कणों’ का विवरण शामिल नहीं है।
डब्ल्यू बोसॉन के बारे में: 1983 में खोजा गया, डब्ल्यू बोसॉन एक मूलभूत कण (fundamental particle) है।
- जेड बोसॉन (Z boson) के साथ, मिलकर यह कमजोर बल के लिए जिम्मेदार होते हैं।
- डब्ल्यू बोसॉन, जो विद्युत आवेशित होता है, कणों की बनावट को बदल देता है।
- ‘डब्ल्यू बोसॉन’, प्रोटॉन को न्यूट्रॉन में तथा न्यूट्रॉन को प्रोटॉन में बदल देते है। ये कजोर बल के माध्यम से ‘परमाणु संलयन’ की क्रिया को शुरू कर देते हैं, जिससे ‘तारों’ में दहन-क्रिया शुरू हो जाती है।
- ‘फोटॉन’, जो कि द्रव्यमान रहित होते हैं, के विपरीत ‘डब्ल्यू बोसॉन’ काफी भारी होते हैं।
सामयिक खबरें अंतर्राष्ट्रीय
भारत के प्रधानमंत्री की डेनमार्क यात्रा
यूरोपीय देशों की तीन दिवसीय अपनी यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 मई, 2022 को डेनमार्क पहुंचे।
(Image Source: https://twitter.com/ANI/)
महत्वपूर्ण तथ्य: भारत और डेनमार्क हरित हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा और अपशिष्ट जल प्रबंधन पर फोकस के साथ हरित रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर सहमत हुए।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिकसन ने विभिन्न क्षेत्रों में विशेष रूप से अक्षय ऊर्जा, स्वास्थ्य, पत्तन, नौवहन, चक्रीय अर्थव्यवस्था और जल प्रबंधन के क्षेत्रों में हुई महत्वपूर्ण प्रगति की समीक्षा की।
- दोनों देशों ने हरित नौवहन, पशुपालन और डेयरी, जल प्रबंधन, ऊर्जा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों को कवर करने वाले कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
- दोनों प्रधानमंत्रियों ने वाराणसी में ‘स्वच्छ नदी जल को लेकर एक स्मार्ट प्रयोगशाला’ और और ‘स्मार्ट जल संसाधन प्रबंधन पर उत्कृष्टता केंद्र’ जैसी नई पहलों को शुरू करने के दोनों देशों के इरादे का स्वागत किया।
- दोनों प्रधानमंत्रियों ने 'हरित नौवहन पर उत्कृष्टता केंद्र' (Centre of Excellence on Green Shipping) की स्थापना पर आशय पत्र का भी स्वागत किया।
- दोनों प्रधानमंत्रियों ने 'इंडिया ग्रीन फाइनेंस इनिशिएटिव' (India Green Finance Initiative) के शुभारंभ का स्वागत किया, जिसका उद्देश्य भारत में हरित विकास और रोजगार सृजन में तेजी लाने के उद्देश्य से भारत में हरित परियोजनाओं के वित्तपोषण में योगदान करना है।
- भारत और डेनमार्क ने रोगाणुरोधी प्रतिरोध के क्षेत्र में अपने निरंतर सहयोग की पुष्टि की है। भारत ने मिशन भागीदार के रूप में ‘इंटरनेशनल सेंटर फॉर एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस सॉल्यूशंस’ (International Center for Antimicrobial Resistance Solutions: ICARS) में शामिल होने के डेनमार्क के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।
संक्षिप्त खबरें सार-संक्षेप चर्चित व्यक्ति
कामी रीता शेरपा : 26वीं बार माउंट एवरेस्ट पर फतह
नेपाल केप्रसिद्ध पर्वतारोही कामी रीता शेरपा ने 7 मई, 2022 को 26वीं बार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट फतह किया।
(Image Source: Navesh Chitrakar/REUTERS)
- कामी ने सबसे अधिक बार माउंट एवरेस्ट को फतह करने का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक नया विश्व रिकॉर्ड कायम किया है।
- 52 वर्षीय कामी रीता शेरपा ने ने 8,848.86 मीटर की ऊंचाई वाले माउंट एवरेस्ट को 10 अन्य पर्वतारोहियों के साथ पारंपरिक दक्षिणपूर्व रिज रूट (southeast ridge route) के जरिए फतह किया।
- 1970 में सोलुखुम्बु जिले में जन्मे, कामी ने पहली बार मई 1994 में एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी।
- माउंट एवरेस्ट के अलावा, कामी ने माउंट गॉडविन-ऑस्टेन (K2), माउंट ल्होत्से, माउंट मनासलु और माउंट चो ओयू (Mt Cho Oyu) को भी फतह किया है।
- नेपाल के पर्यटन विभाग के मुताबिक इस सीजन में 316 लोगों ने एवरेस्ट फतह करने के लिए आवेदन किया है।
- 1953 में पहली बार माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले शेरपा तेनजिंग नोर्गे और सर एडमंड हिलेरी द्वारा दक्षिणपूर्व रिज रूट का इस्तेमाल किया गया था।
संक्षिप्त खबरें सार-संक्षेप चर्चित दिवस
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (12 मई)
2022 का विषय: 'नर्सेज: ए वॉयस टू लीड - इन्वेस्ट इन नर्सिंग एंड रेस्पेक्ट राइट्स टू सिक्योर ग्लोबल हेल्थ' (Nurses: A Voice to Lead - Invest in Nursing and respect rights to secure global health)।
महत्वपूर्ण तथ्य: आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक 'फ्लोरेंस नाइटिंगेल' के जन्म दिन की वर्षगांठ तथा नर्सों द्वारा स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में किए गए असाधारण योगदान के उपलक्ष्य में हर साल 12 मई को यह दिवस मनाया जाता है।
- इस दिवस की शुरुआत 1965 में 'इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स' (ICN) द्वारा की गई थी।
राज्य समाचार महाराष्ट्र
महाराष्ट्र जीन बैंक परियोजना
28 अप्रैल, 2022 को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने राज्य में जीन बैंक परियोजना (gene bank project) को मंजूरी दी। यह देश की अपनी तरह की पहली परियोजना है।
उद्देश्य: महाराष्ट्र के स्थानीय और संकटग्रस्त जानवरों, फसलों, समुद्री विविधता और आनुवांशिक प्रजातियों का संरक्षण करना।
- जैव विविधता के संरक्षण के अलावा, परियोजना खाद्य शृंखला पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
- 'महाराष्ट्र जीन बैंक परियोजना' सात विषयों पर काम करेगी - समुद्री जैव विविधता; स्थानीय फसल/बीज किस्म; स्थानीय मवेशी नस्ल; ताजे जल की जैव विविधता; बंजर भूमि, चरागाह भूमि और घास भूमि जैव विविधता; वन अधिकार के तहत क्षेत्रों का संरक्षण और प्रबंधन; और वन भूमि का कायाकल्प।
- परियोजना के तहत जैव विविधता, पारंपरिक ज्ञान और संरक्षण के बारे में स्थानीय सामुदायिक ज्ञान का दस्तावेजीकरण किया जाएगा।
- अगले पांच वर्षों में इन सात फोकस क्षेत्रों पर 172.39 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी।
- यह परियोजना ‘महाराष्ट्र राज्य जैव विविधता बोर्ड’ द्वारा कार्यान्वित की जाएगी और मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव (वन) के अधीन समितियों द्वारा इसकी देखरेख की जाएगी।