मार्तंड सूर्य मंदिर पूजा विवाद

  • 25 May 2022

8 मई, 2022 को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में मार्तंड सूर्य मंदिर के संरक्षित स्थल में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम विवादों में घिर गया है।

(Image Source: https://www.thebetterkashmir.com/)

महत्वपूर्ण तथ्य: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का कहना है कि मुख्य संरक्षित क्षेत्र परिसर में पूजा करने की अनुमति नहीं ली गई थी और इसे नियमों का उल्लंघन माना है।

  • भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, जो संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्य करता है, संरक्षित स्मारकों का संरक्षक है।

क्या है नियम? नियमों के अनुसार, अगर पुरातत्व विभाग द्वारा किसी स्थान या परिसर को अपनी सुपुर्दगी में लिए जाने के समय वहां कोई धार्मिक अनुष्ठान, पूजा या अन्य कोई समारोह होता है तो ही पुरातत्व विभाग द्वारा संबंधित स्थान को अधिकार में लिए जाने के बाद भी ऐसे कार्यक्रम जारी रहेंगे।

  • निर्जीव स्मारकों (non-living monument) पर कोई धार्मिक अनुष्ठान नहीं किया जा सकता है। निर्जीव स्मारक ऐसे स्मारक हैं, जहां ASI संरक्षित स्थल बनने पर पूजा/ धार्मिक अनुष्ठान की निरंतरता न रही हो।

मार्तंड सूर्य मंदिर: मार्तंड सूर्य मंदिर को जब 20वीं शताब्दी में ASI को सुपुर्द किया गया था, तो वहां कोई पूजा या हिंदू अनुष्ठान नहीं किया जा रहा था। इसलिए मार्तंड सूर्य मंदिर को एक निर्जीव स्मारक माना जाता है।

  • 'मार्तंड' हिंदू सूर्य-देवता का संस्कृत में एक नाम है। मंदिर का निर्माण कार्कोट राजवंश के शासक ललितादित्य मुक्तापीड ने 8वीं शताब्दी में करवाया था।
  • हालांकि यह अब खंडहर में तब्दील हो गया है, ऐसा माना जाता है कि इसे मुस्लिम शासक सिकंदर शाह मिरी के आदेश पर नष्ट कर दिया गया था।

अन्य तथ्य: एक जीवित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण स्मारक (living ASI monument) का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण आगरा में ताजमहल है, जहां हर शुक्रवार को नमाज अदा की जाती है।