समसामयिकी -29 November 2021
पीआईबी न्यूज विज्ञान-प्रौद्योगिकी
ओ-स्मार्ट योजना
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 24 नवंबर, 2021 को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की 2,177 करोड़ रुपए की लागत वाली अम्ब्रेला योजना 'महासागरीय सेवाएं, मॉडलिंग, अनुप्रयोग, संसाधन और प्रौद्योगिकी (ओ-स्मार्ट)' (Ocean Services, Modelling, Application, Resources and Technology: O-SMART) को 2021-26 की अवधि के दौरान जारी रखने की मंजूरी दे दी है।
(Image Source: https://twitter.com/PIB_India)
ओ-स्मार्ट योजना के उद्देश्य: हमारे महासागरों के निरंतर अवलोकन के आधार पर पूर्वानुमान और सेवाएं प्रदान करना, हमारे समुद्री संसाधनों (जीवित और निर्जीव दोनों) के सतत दोहन के लिए प्रौद्योगिकियों और खोजपूर्ण सर्वेक्षणों का विकास करना और समुद्री विज्ञान में फ्रंट-रैंकिंग अनुसंधान को बढ़ावा देना।
महत्वपूर्ण तथ्य: इस योजना में सात उप-योजनाएं शामिल हैं, जैसे कि समुद्री प्रौद्योगिकी; समुद्री मॉडलिंग और परामर्श सेवाएं; समुद्री अवलोकन नेटवर्क; समुद्री निर्जीव संसाधन; समुद्री जीवित संसाधन और पारिस्थितिकी; तटीय अनुसंधान; एवं अनुसंधान पोतों का संचालन और रख-रखाव।
- इन उप-योजनाओं को मंत्रालय के स्वायत्त/संबद्ध संस्थानों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
- भारत में महासागरों से संबंधित अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी के विकास की शुरुआत महासागर विकास विभाग द्वारा शुरू की गई थी, जिसे 1981 में स्थापित किया गया था। इसे बाद में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में मिला दिया गया और तब से यह कार्य निरंतर चल रहा है।
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नीति आयोग का बहुआयामी गरीबी सूचकांक
सरकारी थिंक-टैंक नीति आयोग द्वारा पहली बार नवंबर 2021 में जारी बहुआयामी गरीबी सूचकांक (Multidimensional Poverty Index: MPI) के अनुसार, बिहार में सर्वाधिक 50% से अधिक आबादी बहुआयामी रूप से गरीब है।
(Image Source: NITI Aayog and PIB)
महत्वपूर्ण तथ्य: सूचकांक के अनुसार, बिहार में 51.91% आबादी बहुआयामी रूप से गरीब है, इसके बाद झारखंड (42.16%), उत्तर प्रदेश (37.79%), मध्य प्रदेश (36.65%) और मेघालय (32.67%) का स्थान है।
- दूसरी ओर, केरल में सबसे कम जनसंख्या (0.71%) बहुआयामी रूप से गरीब है, इसके बाद पुडुचेरी (1.72%), लक्षद्वीप (1.82%), गोवा (3.76%) और सिक्किम (3.82%) का स्थान रहा।
- राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक की यह आधारभूत रिपोर्ट राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) की 2015-16 की संदर्भ अवधि पर आधारित है।
- दादरा और नागर हवेली (27.36%), जम्मू और कश्मीर, और लद्दाख (12.58 %), दमन और दीव (6.82%) और चंडीगढ़ (5.97%), सबसे गरीब केंद्र-शासित प्रदेश के रूप में उभरे हैं।
- राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक 'ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट' इनिशिएटिव (OPHI) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा विकसित विश्व स्तर पर स्वीकृत कार्यप्रणाली का उपयोग करता है।
- MPI के तीन समान रूप से भारित आयाम हैं - स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर, जो पोषण, स्कूल उपस्थिति, स्कूली शिक्षा के वर्ष, पेयजल, स्वच्छता, आवास, बैंक खाते जैसे 12 संकेतकों द्वारा प्रदर्शित किए जाते हैं।
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कुमाऊँ हिमालय के हिमनद मार्ग में परिवर्तन
भारत के पर्वतीय प्रांत उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित ऊपरी काली गंगा घाटी क्षेत्र में एक अज्ञात ग्लेशियर अर्थात हिमनद का अध्ययन कर रहे भारतीय शोधकर्ताओं ने बताया है कि ग्लेशियर ने अचानक अपना मुख्य मार्ग बदल दिया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: शोधकर्ताओं ने इसके लिए जलवायु और विवर्तनिकी (टेक्टोनिक्स) अर्थात धरातल की रचना दोनों के संचित प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया है।
- देहरादून स्थित वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों की एक टीम ने पाया कि उत्तर-पूर्व की ओर प्रवाहित अज्ञात हिमानी के मार्ग को अवरुद्ध करके उसे दक्षिण-पूर्व की तरह बढ़ने को बाध्य कर दिया गया था।
- वैज्ञानिकों का मानना है कि 5 किमी लंबे अज्ञात ग्लेशियर, जो कुठी यांक्टी घाटी (काली नदी की सहायक नदी) में करीब 4 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में फैला है, ने अचानक अपना मुख्य मार्ग बदल दिया।
- लास्ट ग्लेशियल मैक्सिमा (वर्तमान से 24,000 से 19,000 साल पहले) और होलोसीन ((वर्तमान से 10,000 साल पहले) के बीच के समय के दौरान यह आगे चलकर मुड़ गया, और अंत में पास स्थित समजुर्कचांकी (Sumzurkchanki) नामक ग्लेशियर में मिल गया।
- इस प्रकार के ग्लेशियर के अनूठे व्यवहार की घटना का ताजा उदाहरण फरवरी2021 की उत्तराखंड की ऋषिगंगा घाटी की आपदा है, जिसमें ग्लेशियर से चट्टान और मलबे का एक बड़ा खंड अलग हो गया और ऋषिगंगा नदी में बाढ़ का कारण बना।
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कॉप-26 शिखर सम्मेलन: मीथेन उत्सर्जन में कटौती और वनों को बचाने का संकल्प
2 नवंबर, 2021 को ग्लासगो में कॉप-26 वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं ने दशक के अंत तक वनों की कटाई को रोकने और जलवायु परिवर्तन में मदद करने हेतु शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस 'मीथेन' के उत्सर्जन को कम करने का संकल्प लिया।
मीथेन: लगभग 90 देश 2020 के स्तर से 2030 तक मीथेन के उत्सर्जन को 30% कम करने के लिए अमेरिका और यूरोपीय संघ के नेतृत्व वाले प्रयास में शामिल हो गए हैं।
- कार्बन डाइ-ऑक्साइड की तुलना में मीथेन वायुमंडल में अधिक अल्पकालिक है लेकिन पृथ्वी को गर्म करने में 80 गुना अधिक शक्तिशाली है।
- मीथेन गैस, जिसका पूर्व-औद्योगिक समय से ग्लोबल वार्मिंग में 30% योगदान है, के उत्सर्जन में कटौती जलवायु परिवर्तन को धीमा करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है।
- चीन, रूस और भारत ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया इस प्रतिज्ञा का समर्थन नहीं करेगा।
वन: विश्व संसाधन संस्थान की ‘ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच रिपोर्ट’ के अनुसार, 2020 में, दुनिया को 258,000 वर्ग किमी (100,000 वर्ग मील) का वन क्षेत्र का नुकसान हुआ है।
- WWF के अनुमान के अनुसार हर मिनट में 27 फुटबॉल मैदान के बराबर वन क्षेत्र नष्ट हो रहे हैं।
- 100 से अधिक देशों के नेताओं ने दशक के अंत तक वनों की कटाई और भूमि क्षरण को रोकने का संकल्प लिया।
अन्य तथ्य: ब्राजील ने 2030 तक अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 43% की पिछली प्रतिज्ञा की तुलना में 50% की कटौती करने के लिए एक नई प्रतिबद्धता की है।
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आपदा प्रबंधन पर 5वीं विश्व कांग्रेस
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 24 नवंबर, 2021 को 'आपदा प्रबंधन पर 5वीं विश्व कांग्रेस' का वर्चुअली उद्घाटन किया।
- आपदा प्रबंधन पर 5वीं विश्व कांग्रेस (WCDM) का आयोजन नई दिल्ली में 24-27 नवंबर, 2021 के बीच IIT दिल्ली के परिसर में 'कोविड-19 के संदर्भ में आपदाओं के प्रति लचीलेपन के लिए प्रौद्योगिकी, वित्त और क्षमता' के व्यापक विषय पर किया गया।
- यह 'डिजास्टर मैनेजमेंट इनिशिएटिव्स एंड कन्वर्जेंस सोसाइटी' (Disaster Management Initiatives and Convergence Society: DMICS) की एक पहल है, जिसका मुख्यालय हैदराबाद में है।
- DMICS आपदा जोखिम प्रबंधन के विभिन्न चुनौतीपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए दुनिया भर के शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और चिकित्सकों को एक ही मंच पर लाने का प्रयास करता है।
- DMICS का उद्देश्य जोखिमों को कम करने और आपदाओं के प्रति लचीलेपन के लिए जोखिमों और अग्रिम कार्रवाई की समझ बढ़ाने के लिए विज्ञान, नीति और प्रथाओं हेतु संवाद को बढ़ावा देना है।
संक्षिप्त खबरें सार-संक्षेप पुरस्कार/सम्मान
एबीयू- यूनेस्को पीस मीडिया अवार्ड्स 2021
दूरदर्शन और आकाशवाणी द्वारा प्रोड्यूस क्रमशः टीवी और रेडियो शो ने मलेशिया के कुआलालंपुर में 17 नवंबर, 2021 को आयोजित 'एबीयू - यूनेस्को पीस मीडिया अवार्ड्स 2021' (ABU - UNESCO Peace Media Awards 2021) में कई पुरस्कार हासिल किए।
(Image Source: https://twitter.com/ABU_HQ)
- दूरदर्शन के कार्यक्रम 'डेफिनिटली लीडिंग द वे' (DEAFinitely Leading the Way) ने 'लिविंग वेल विद सुपर डायवर्सिटी' श्रेणी के तहत एक पुरस्कार जीता, जबकि ऑल इंडिया रेडियो के कार्यक्रम 'लिविंग ऑन द एज - द कोस्टल लाइव्स' (Living on the edge – The coastal lives) ने 'प्रकृति के साथ नैतिक और सतत संबंध' की श्रेणी में पुरस्कार जीता।
- यूनेस्को द्वारा एशिया पैसिफिक ब्रॉडकास्टिंग यूनियन (एबीयू) के सहयोग से 'टुगेदर फॉर पीस' (Together for Peace: T4P) पहल के तहत पुरस्कार दिए गए।
- ABU - UNESCO Peace Media Awards 2021 मानव मन में सकारात्मक शांति के लिए स्वतंत्र, नैतिक पत्रकारिता और नागरिकों की मीडिया साक्षरता की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करते हैं और बढ़ावा देते हैं।
- पुरस्कार अभिनव और रचनात्मक सामग्री का सम्मान करते हैं, जो दर्शकों को सकारात्मक शांति के निर्माण की सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में सूचित और शिक्षित करता हो तथा जिसमें सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने और कोविड-19 महामारी से बेहतर ढंग से निपटने की सोच झलकती हो।
संक्षिप्त खबरें सार-संक्षेप चर्चित दिवस
विश्व दर्शन दिवस (18 नवंबर)
महत्वपूर्ण तथ्य: विश्व दर्शन दिवस 2002 में यूनेस्को द्वारा शुरू किया गया था। यूनेस्को द्वारा इस दिवस की स्थापना का उद्देश्य दार्शनिक बहस की अंतरराष्ट्रीय संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास करना है, जो मानवीय गरिमा और विविधता का सम्मान करता हो।
- 2005 में यूनेस्को महासम्मेलन ने विश्व दर्शन दिवस को नवंबर के हर तीसरे गुरुवार को मनाए जाने की घोषणा की।
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फिशिंग कैट
फिशिंग कैट (Fishing cats) आमतौर पर आर्द्रभूमि में दो प्रकार के आवासों में पाई जाती है: मैंग्रोव और दलदले आवास। फिशिंग कैट पूर्वी घाट पर अलग-अलग स्थानों पर पाई जाती है।
- पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में सुंदरबन के अलावा, चिलिका लैगून और ओडिशा में आसपास की आर्द्रभूमि, आंध्र प्रदेश में कोरिंगा और कृष्णा मैंग्रोव में फिशिंग कैट का पर्यावास है।
- इस एकांतवासी जानवर का वजन अधिकतम 15 किलोग्राम होता है और यह घरेलू बिल्ली से भी बड़ा होता है। मछली-प्रधान आहार के लिए इसमें एक स्वादिष्ट तालू है। यह एक निशाचर (nocturnal जानवर है।
- फिशिंग कैट, IUCN रेड लिस्ट के तहत एक अतिसंवेदनशील प्रजाति (vulnerable species) के रूप में सूचीबद्ध है।
राज्य समाचार जम्मू-कश्मीर
स्मार्ट स्कूल परियोजना
25 नवंबर, 2021 को जम्मू-कश्मीर में, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने केंद्र-शासित प्रदेश प्रशासन की 40 करोड़ रुपये की लागत से आदिवासी क्षेत्रों में 200 स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदलने की महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत की।
- स्मार्ट स्कूलों का आधुनिकीकरण दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में 100 स्कूलों से संबंधित कार्य मार्च 2022 तक और अन्य 100 स्कूलों को दिसंबर 2022 तक पूरा किया जाएगा।
- इस अवसर पर, उपराज्यपाल ने गद्दी (Gaddi), सिप्पी, दर्द (Dard), शीना समुदायों के 21,000 बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान करने की घोषणा की, जो पिछले तीन दशकों से इससे वंचित थे।
- 1991 में गद्दी, सिप्पी समुदाय को आदिवासी घोषित किया गया था, लेकिन उनके बच्चे छात्रवृत्ति से वंचित थे।
राज्य समाचार हिमाचल प्रदेश
कामधेनु हितकारी मंच को गोपाल रत्न पुरस्कार
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के नम्होल स्थित 'कामधेनु हितकारी मंच' को 'सर्वश्रेष्ठ दुग्ध सहकारी समिति' के रूप में चुना गया है।
(Image Source: https://www.amarujala.com/)
- इसे भारत सरकार के पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय द्वारा 'गोपाल रत्न' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- लगभग 5445 सक्रिय डेयरी किसान सदस्यों के साथ कामधेनु हितकारी मंच राज्य की अग्रणी समितियों में से एक है।
- इसे 'सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति' की श्रेणी में प्रतिष्ठित 'गोपाल रत्न' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।