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मसाला बॉन्ड
हाल ही में, सरकार ने रुपये को स्थिर करने के लिए मसाला बॉन्ड पर से कर वापस ले लिया है। "मसाला बॉन्ड" के सम्बंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- इस शब्द को पहली बार आरबीआई द्वारा भारत की संस्कृति और व्यंजन को विकसित करने के लिए इस्तेमाल किया गया था।
- मसाला बॉन्ड रुपये के नामित बॉन्ड हैं जो कि विदेशों में भारतीय उधारकर्ताओं द्वारा जारी किए जाते हैं।
- इस बॉन्ड की खासियत यह है कि भारतीय रुपये का मूल्यह्रास उधारकर्ता को प्रभावित नहीं करेगा।
नीचे दिए गए कूट से सही कथन का चयन करें:
A |
केवल I और II
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B |
केवल II और III
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C |
I, II, III
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D |
केवल I और III
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Explanation :
मसाला बॉन्ड रुपये के नामित बॉन्ड हैं जो कि विदेशों में भारतीय उधारकर्ताओं द्वारा जारी किए जाते हैं। इस शब्द को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) द्वारा भारत की संस्कृति और व्यंजन को विकसित करने के लिए इस्तेमाल किया गया था।
इसलिए, कथन I गलत है। पहला मसाला बॉन्ड वर्ष 2014 में जारी किया गया था। एक कंपनी ने विदेशी निवेशक से 100 $ का ऋण लिया (उस समय1$= 60 रुपये), लेकिन ऋण चुकाने के समय, विनिमय दर 1$ = 70 रुपये थी, इसलिए उसे मूल्यह्रास के कारण 6000 रुपये की बजाय 7000 रुपये (70 * 100$= 7000 रुपये) का भुगतान करना होगा। लेकिन, अगर ऋण भारतीय रुपये में होता है तो मुद्रा के इस मूल्यह्रास से उधारकर्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसलिए, मसाला बॉन्ड भारतीय आर्थिक परिदृश्य के मुकाबले सर्वाधिक मांग वाले बॉन्डों में से एक है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए यह प्रश्न इतना महत्वूर्ण क्यों है?
यूपीएससी वर्ष 2016 में मसाला बॉन्ड से सम्बंधित सीधे प्रश्न पूछा जा चुका है और उन उपकरणों में से एक है जिसका उपयोग रुपये को स्थिर करने के लिए किया जा रहा है। अतः इसकी महत्ता को देखते हुए हमारा उद्देश्य मसाला बॉन्ड के विश्लेषणात्मक पहलू की ओर छात्रों का ध्यान आकृष्ट करना है।
स्रोत: द हिंदू
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