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वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद
अर्थशास्त्रियों के बीच यह सामान्य धारणा है कि वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (FSDC) वित्तीय प्रबंधन में असफल रही है अन्यथा कमजोर मुद्रा की स्थिति बेहतर हो सकती थी। वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- ‘रघुराम राजन’ समिति की सिफारिश के बाद 2010 में FSDC की स्थापना हुई थी।
- इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं और इसके उपाध्यक्ष वित्त मंत्री हैं।
- इसका मुख्य कार्य विभिन्न नियामकों और नियामकों एवं सरकार के बीच समन्वय बढ़ाना है।
निम्नलिखित कोड में से सही कथन / कथनों का चयन करें
A |
केवल 1 और 2
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|
B |
केवल 2 और 3
|
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C |
1, 2, 3
|
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D |
केवल 1 और 3
|
Explanation :
वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद बनाने का विचार पहली बार 2008 में वित्तीय क्षेत्र में सुधार के लिए बनाई गयी रघुराम राजन समिति ने दिया था। केंद्र सरकार ने वित्त मंत्री की अध्यक्षता में दिसंबर 2010 में वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (FSDC) की स्थापना की थी। इसलिए, कथन 2 गलत है और कथन 1 सही है। FSDC की स्थापना का मुख्य उद्देश्य विभिन्न नियामकों और नियामकों एवं सरकार के बीच समन्वय को बढ़ाना था, लेकिन निम्नलिखित समस्याओं के कारणों से यह अपने उद्देश्य में विफल रही है:
- 8 वर्षों में केवल 18 बार FSDC की बैठक हुई है जो कमजोर प्रदर्शन को दर्शाता है।
- नियामकों के बीच मतभेदों को हल करने के लिए एक स्वतंत्र शोध दल होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है।
- इसे स्वतंत्र रूप से कार्य करना चाहिए और वित्त मंत्रालय के अंतर्गत नहीं रखा जाना चाहिए था।
प्रश्न का उद्देश्य
ये जानकारी प्रारम्भिक परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं साथ ही मुख्य परीक्षा के लिए भी उपयोगी है। वर्तमान खाता घाटा समस्या, मुद्रा के मूल्यह्रास आदि स्थितियों को रोकने के लिए मामूली सुधार का सुझाव देने संबंधी प्रश्न पुछे जा सकते हैं।
नोट: हाल ही में, एफएसडीसी बैठक आयोजित की गई, इसलिए इस प्रश्न पर ध्यान देना चाहिए।
स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स, इंडियन एक्सप्रेस
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