भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति


प्राकृतिक खेती सहित पारंपरिक स्वदेशी पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए 2020-21 से परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) की उप-योजना के रूप में 'भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति' (Bhartiya Prakritik Krishi Padhati- BPKP) की शुरुआत की गई है।

  • यह योजना मुख्य रूप से सभी कृत्रिम रासायनिक आदानों (synthetic chemical inputs) के बहिष्करण पर जोर देती है और बायोमास पुनर्चक्रण; गाय के गोबर-मूत्र से बनी सामग्री के उपयोग; पादप आधारित सामग्रियों; समय-समय पर वातन के लिए मृदा पर काम करने (soil for aeration) को बढ़ावा देती है।
  • भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति योजना के तहत, क्लस्टर निर्माण, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा प्रमाणीकरण और अवशेष विश्लेषण के लिए 3 वर्षों के लिए प्रति हेक्टेयर12200 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  • अब तक, प्राकृतिक खेती के तहत तमिलनाडु राज्य सहित देश भर के 8 राज्यों में 4.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया है।