नेपाल में सांस्कृतिक गलियारा


प्रश्नः क्या सरकार का निकट भविष्य में नेपाल के साथ सांस्कृतिक गलियारों को निर्मित करने का कोई प्रस्ताव है_ यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है_ और निकट भविष्य में ऐसे किसी प्रस्ताव के लिए कार्यान्वयन प्रक्रिया का ब्यौरा क्या है?

(मनोज तिवारी द्वारा 18 मार्च, 2020 को लोक सभा में पूछा गया अतारांकित प्रश्न)

विदेश राज्य मंत्री वी- मुरलीधरन द्वारा दिया गया उत्तरः

भारत और नेपाल के बीच साझा इतिहास, संस्कृति और लोगों के अत्यंत गहरे आपसी संपर्कों पर आधारित अद्वितीय, सदियों पुराने सभ्यतागत संबंध हैं।

  • सांस्कृतिक आदान-प्रदानों को बढ़ावा देने की दृष्टि से, दोनों पक्षों ने भारत और नेपाल में शहरों के तीन युग्मों अर्थात वाराणसी-काठमांडू, बोध गया-लुम्बिनी, और अयोध्या-जनकपुरधाम के बीच संबंधों की स्थापना के लिए करार किए हैं।
  • पर्यटन क्षेत्र में सहयोग के लिए द्विपक्षीय संयुक्त कार्यदल अन्य बातों के साथ-साथ दोनों देशों में संयुक्त बौद्ध और रामायण सर्किट के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए सहमत हो गया है।
  • मई 2018 में, भारत और नेपाल के प्रधानमंत्रियों ने भारत-नेपाल रामायण सर्किट का शुभारंभ किया, जिसके लिए भारतीय पक्ष ने जनकपुर और इसके आसपास के परिवेश के विकास के लिए 100 करोड़ भारतीय रुपए के अनुदान की पेशकश की और दोनों प्रधानमंत्रियों ने जनकपुर और अयोध्या के बीच पहली सीधी बस सेवा को हरी झंडी दिखाई।
  • इसके अलावा, सरकार ने नेपाल में कई धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत स्मारकों / स्थलों जैसे कि काठमांडू में नेपाल-भारत मैत्री पशुपति धर्मशाला और लुम्बिनी संग्रहालय के निर्माण और पुनर्रूद्धार के लिए सहायता प्रदान की है।