मीडिया ट्रायल


प्रश्नः क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि भारतीय मीडिया में मामलों/घटनाओं की मीडिया ट्रायल की प्रवृत्ति में वृद्धि हो रही है तथा यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है_ क्या उक्त कार्यक्रमों पर अंकुश लगाने के लिए कोई विनियामक तंत्र विद्यमान है?

(एस-सी- उदासी द्वारा लोकसभा में पूछा गया अतारांकित प्रश्न)

  • पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन_ सूचना और प्रसारण तथा भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्री प्रकार जावडे़कर द्वारा दिया गया उत्तरः भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने मीडिया द्वारा अनुपालन के लिए ‘पत्रकारिता आचरण के मानदंड’ तैयार किए हैं। इसमें ‘मीडिया द्वारा ट्रालय’ पर एक अलग खंड है जिसमें प्रेस परिषद ने मीडिया की भूमिका और उत्तरदायित्वों का विस्तृत उल्लेख किया है। भारतीय प्रेस परिषद, प्रेस परिषद (जांच की प्रक्रिया) विनियमन, 1979 के तहत स्वतः संज्ञान से या शिकायत प्राप्त होने पर कार्रवाई करती है जिसके तहत वह किसी समाचार-पत्र, समाचार एजेंसी, संपादक या पत्रकार, जैसा भी मामलो हो, को चेतावनी दे सकती है, उसे सावधान कर सकती है या उसकी निंदा कर सकती है।
  • प्राइवेट टीवी चैनल केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1955 और इसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत विनियमित हैं। इन नियमों के तहत कार्यक्रम संहिताओं में अन्य के साथ-साथ यह प्रावधान है कि ऐसे किसी कार्यक्रम का प्रसारण नहीं किया जाएगा जिसमें कोई भी अश्लील, मानहानिकारक, जानबूझकर, झूठ तथा कटाक्षपूर्ण परोक्ष टिप्पणी और असत्य बात शामिल हो। सरकार ऐसी संहिताओं के उल्लंघन के मामले में उपयुक्त कार्रवाई करती है।