राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केन्द्र


प्रश्नः क्या सरकार ने राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केन्द्र (एनसीएससीएम) स्थापित किया है; यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इसके लक्ष्य और उद्देश्य क्या हैं; सरकार द्वारा उक्त केन्द्र को विश्वस्तरीय संस्था के रूप में विकसित करने के लिए अन्य क्या कदम उठाए गए हैं?

(जयंत कुमार राय, राजा अमरेश्वर नाईक एवं अन्य द्वारा लोकसभा में पूछा गया अतारांकित प्रश्न)

  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो द्वारा दिया गया उत्तरः मंत्रालय ने तटीय संसाधनों और पर्यावरण तटीय क्षेत्र प्रबंधन सहित क्षेत्र में अध्ययन और अनुसंधान करने हेतु राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केंद्र (एनसीएससीएम), चेन्नई की स्थापना की है।

केंद्र के लक्ष्य और उद्देश्य हैंः

(i) तटीय क्षेत्रों, पर्यावरण, संसाधनों और प्रक्रियाओं से संबंधित विश्वस्तीय ज्ञान संस्थान होने का प्रयास करना।
(ii) भारत में पारंपरिक तटीय और द्वीप समूह समुदायों के हित तथा कल्याण के लिए तटीय और समुद्री क्षेत्रों के एकीकृत और सतत प्रबंधन को बढ़ावा देना, और
(iii) एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन (आईसीजेडएम) से संबंधित नीति और वैज्ञानिक मामलों पर संघ और राज्य सरकारों तथा अन्य संबंधित हितधारकों को सलाह देना।

  • भारत सरकार एनसीएससीएम को अपने लक्ष्य प्राप्त करने में और उसे विश्वस्तरीय संस्थान बनने के प्रयासों में सहायता देने हेतु सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। एनसीएससीएम विकसित अनुसंधान, नेटवर्किंग, वैज्ञानिक समितियों और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में समकक्ष समीक्षित प्रकाशन के माध्यम से अग्रणी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों और एजेंसियों के साथ भागीदारी कर रही है।
  • एनसीएससीएम के लिए तटीय समुदायों और हितधारकों के लाभ के लिए सभी स्तरों पर क्षमता निर्माण द्वारा तटीय प्रबंधन से संबंधित ज्ञान को प्रसारित करना अनिवार्य है। एनसीएससीएम की एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन (आईसीजेडएम) योजना को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर विकसित किया गया है, जिसे विश्व के अन्य भागों में भी दोहराया जा सकता है।
  • एनसीएससीएम की नवीनतम अनुसंधान अवसंरचना विश्वस्तरीय अनुसंधान परिणामों को प्रस्तुत करती है और समर्थन प्रणाली सीधे निर्णय लेने में समर्थ बनाती है।