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पीएम-आशा योजना
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा दिया गया उत्तरः प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) का उद्देश्य किसानों को उचित औसत गुणवत्ता (FAQ) के तिलहन, दलहन और कोपरा का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना है।
- पीएम-आशा एक छत्रक स्कीम है जिसमें मूल्य समर्थन स्कीम (PSS), मूल्य की कमी भुगतान स्कीम (PDPS) और निजी खरीद और स्टॉकिस्ट स्कीम (PPSS) शामिल हैं। इन स्कीमों को राज्य सरकारों / संघ राज्य क्षेत्रों के अनुरोध पर क्रियान्वित किया जाता है। पीएसएस को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर उचित औसत गुणवत्ता (FAQ) के दलहन, तिलहन और कोपरा की खरीद के लिए लागू किया जाता है। अधिसूचित तिलहन फसलों के लिए PDPS लागू किया जाता है।
 - हालांकि राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों के पास पूरे राज्य के लिए एक विशेष तिलहन फसल के संबंध में किसी खरीद सीजन में PSS या PDPS में से किसी एक को चुनने का विकल्प है।
 - इसके अलावा PPSS को भी पायलट आधार पर तिलहन के लिए लागू किया जाता है और राज्यों के पास PPSS के कार्यान्वयन के लिए जिले / जिले की चयनित APMC(s) में निजी एजेंसियों की भागीदारी को शामिल करने का विकल्प है।
 - वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट में MSP को उत्पादन लागत के डेढ़ गुना के स्तर पर रखने के लिए पूर्व निर्धारित सिद्धांत की घोषणा की गई थी। इसलिए सरकार ने कृषि वर्ष 2018-19 से उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत के रिटर्न के साथ सभी अनिवार्य खरीफ, रबी और अन्य वाणिज्यिक फसलों के लिए MSP में वृद्धि की है। पीएम-आशा से किसानों को बढ़े हुए MSP प्राप्त करने में सहायता मिल रही है जिससे MSP पर अधिसूचित कृषि उपज की खरीद और किसानोंके खातों में सीधे भुगतान करके उत्पादन लागत पर पर्याप्त रिटर्न मिलता है। इसके अलावा समग्र बाजार पर MSP की घोषणा और सरकार के खरीद कार्यों का भी प्रभाव पड़ता है जिसके परिणामस्वरूप MSP पर या उससे अधिक की निजी खरीद होने से किसान विभिन्न अधिसूचित फसलों के लिए लाभान्वित होते हैं।
 - किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने के लिए सरकार भारतीय खाद्य निगम (FCI) और राज्य एजेंसियों के माध्यम से किसानों से एमएसपी पर धान और गेहूं की खरीद भी करती है। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के पोषक-अनाज और मक्का की खरीद MSP पर राज्य सरकारों द्वारा स्वयं FCI के परामर्श से किसानों से की जाती है, ताकि संबंधित राज्य सरकार इसका उपयोग लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) के साथ-साथ अन्य कल्याणकारी योजनाओं (ओडब्ल्यूएस) में वितरण के लिए कर सके। इसके अलावा कपास और जूट को सरकार द्वारा एमएसपी पर क्रमशः कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) और जूट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (JCI) के माध्यम से खरीदा जाता है।
 
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