कच्छ के 'कच्छ अजरख' को भौगोलिक संकेत

  • 08 May 2024

हाल ही में, पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक (CGPDTM) ने कच्छ (गुजरात) के 'कच्छ अजरख' के पारंपरिक कारीगरों को भौगोलिक संकेत (GI) प्रमाण पत्र प्रदान किया है।

  • अजरख एक कपड़ा शिल्प है, जो गुजरात की सांस्कृतिक टेपेस्ट्री से संबंधित है।
  • इसका गुजरात के सिंध, बाड़मेर और कच्छ के क्षेत्रों में विशेष सांस्कृतिक महत्त्व है, जहाँ इसकी विरासत सहस्राब्दियों से फैली हुई है।
  • अजराख का नामकरण 'अजरक' से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ है नील (indigo)। इसमें पारंपरिक रूप से तीन रंग शामिल होते हैं: नीला जो आकाश को दर्शाता है, लाल जो भूमि और अग्नि को दर्शाता है एवं सफेद जो सितारों को दर्शाता है।
  • रबारी, मालधारी और अहीर जैसे खानाबदोश पशुपालक और कृषि समुदाय अजरख मुद्रित कपड़े को पगड़ी, लुंगी या स्टोल के रूप में पहनते हैं।
  • इस शिल्प को इस क्षेत्र में 400 साल पहले सिंध के मुसलमानों द्वारा पेश किया गया था।