संक्रमित रासायनिक स्थलों के निवारण के लिए नई नियमावली

  • 29 Jul 2025

28 जुलाई, 2025 को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत नया नियम जारी किया जिसमें रासायनिक रूप से संदूषित स्थलों के निवारण की कानूनी रूपरेखा स्थापित की गई है।

मुख्य तथ्य:

  • पूर्व सूचना एवं सर्वेक्षण: संदूषित स्थलों की सूचना मिलने के 90 दिनों के भीतर प्रारंभिक आकलन करना अनिवार्य होगा, उसके बाद तीन महीने में विस्तार से सर्वेक्षण कर स्थलों की पुष्टि की जाएगी।
  • जिम्मेदारों की पहचान: राज्य बोर्ड को 90 दिनों के भीतर उन व्यक्ति या संस्थाओं की पहचान करनी होगी जो संदूषण के लिए जिम्मेदार हैं, जिन्हें निवारण लागत का भुगतान करना होगा।
  • निवारण योजना: "संदर्भ संगठन" नामक विशेषज्ञों का समूह निवारण योजना निर्धारित करेगा और उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगा।
  • रिपोर्टिंग: जिला प्रशासन संदूषित स्थलों पर अर्द्धवार्षिक रिपोर्ट तैयार करेगा और केंद्र तथा राज्य सरकार को उपलब्ध कराएगा।
  • दंडात्मक प्रावधान: यदि संदूषण के कारण जान-माल का नुकसान सिद्ध होता है, तो अपराधी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
  • संक्रमित स्थल:संक्रमित स्थल वे जगहें हैं जहाँ ऐतिहासिक रूप से खतरनाक और अन्य रासायनिक कूड़े को जमा किया गया हो, जैसे लैंडफिल, डंपिंग यार्ड, रिसाव स्थल और रासायनिक संचयन स्थल। ये स्थान पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करते हैं।