दिव्या देशमुख बनीं भारत की पहली महिला शतरंज विश्व कप चैंपियन
- 29 Jul 2025
28 जुलाई, 2025 को जॉर्जिया के बातुमी में आयोजित FIDE महिला शतरंज विश्व कप के फाइनल में 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने कोनेरु हम्पी को टाई-ब्रेकर्स में हराकर यह ऐतिहासिक खिताब जीता।
मुख्य तथ्य:
- उपलब्धि : दिव्या देशमुख भारत की पहली महिला बनीं जिन्होंने शतरंज विश्व कप का खिताब जीता; इससे पहले यह उपलब्धि केवल विश्वनाथन आनंद (2002) के नाम थी।
- फाइनल : फाइनल की दो क्लासिकल पार्टियाँ ड्रॉ रहीं, जिसके बाद टाई-ब्रेक में दिव्या ने हम्पी को 1.5-0.5 से हराया; दिव्या ने दूसरी रैपिड गेम काली मोहरों से जीतकर खिताब अपने नाम किया।
- भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर : जीत के साथ ही दिव्या देशमुख भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर बनीं और केवल चौथी भारतीय महिला को यह उपाधि मिली।
- दिव्या और हम्पी दोनों फाइनल में : इस टूर्नामेंट में चार भारतीय महिला खिलाड़ी क्वार्टरफाइनल तक पहुंचीं, जिसमें दिव्या और हम्पी दोनों ने फाइनल में जगह बनाई; दोनों ने महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालीफाई किया।
- विश्व जूनियर चैम्पियनशिप : दिव्या ने पिछले वर्ष विश्व जूनियर चैम्पियनशिप भी जीती थी और ओलंपियाड में भारत की स्वर्णिम जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
- विश्व कप और ग्रैंडमास्टर उपाधि: शतरंज में "विश्व कप" FIDE द्वारा आयोजित सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता है, जो विश्व चैम्पियनशिप के लिए योग्यता देता है। ग्रैंडमास्टर (GM) शतरंज की सबसे बड़ी व्यक्तिगत उपाधि है, जिसे प्राप्त करने के लिए कई मानदंड (नॉर्म्स) और 2500 ELO रेटिंग आवश्यक है। महिला वर्ग में पीएम, डब्ल्यूजीएम जैसी उपाधियां होती हैं, पर दिव्या ने ओपन कैटेगरी का GM खिताब अपने नाम किया।
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