कैबिनेट ने महत्वपूर्ण रेलवे परियोजनाओं को दी मंजूरी
- 01 Aug 2025
31 जुलाई, 2025 को भारत सरकार की केंद्रीय कैबिनेट ने 13 जिलों में फैली छह राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों में रेलवे लाइन डबलिंग सहित कुल चार रेलवे विस्तार परियोजनाओं को मंजूरी दी, जिनका कुल विस्तार 574 किलोमीटर है और अनुमानित लागत 11,168 करोड़ रुपये है।
मुख्य तथ्य:
- परियोजनाएं और लागत: कुल चार रेलवे परियोजनाएं शामिल हैं, जिनमें प्रमुख परियोजना सिलिगुड़ी कॉरिडोर के पास मल्टीट्रैकिंग एवं दिल्ली-चेन्नई हाई-डेंसिटी नेटवर्क और भारत के उच्चतम इस्पात उत्पादक क्षेत्र के लिए लाइन विस्तार शामिल हैं; कुल अनुमानित खर्च 11,168 करोड़ रुपये है।
- सिलिगुड़ी कॉरिडोर की महत्ता: यह ‘चिकन नेक’ के नाम से जाना जाता है, भारत के मुख्य भूमि और पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ने वाला एक संकीर्ण और सामरिक रूप से अतिआवश्यक क्षेत्र है, जिसका रेल मार्ग विस्तार सुरक्षा और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। चीन, भूटान और नेपाल की सीमाओं से इसकी निकटता इसे संवेदनशील बनाती है।
- अतिरिक्त माल ढुलाई क्षमता: अनुमति के बाद क्षेत्र से 14.3 मिलियन टन अतिरिक्त माल का परिवहन संभव होगा, जो क्षेत्रीय व राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी होगा।
- तकनीकी जटिलताएं: इटरसी से नागपुर तक एक्सपैंशन परियोजना में 37 रेलवे स्टेशन, 36 बड़े और 415 छोटे ब्रिज, 2 ओवरपास, 74 अंडरपास, 4 सुरंगें और 2 रेल ओवरब्रिज शामिल हैं, जिसकी लागत लगभग 5,451 करोड़ रुपये है।
- इस्पात क्षेत्र कनेक्टिविटी: डांगोअपोसी से जरोली के बीच 43 किमी लाइन डबलिंग परियोजना ओडिशा और झारखंड के इस्पात उत्पादक जिलों को जोड़ती है; लागत लगभग 1,752 करोड़ रुपये निर्धारित है।
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