ओमेगा सेंटॉरी तारा समूह में हीलियम संवर्धित तारों की खोज

  • 26 Aug 2020

'द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल' में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार भारतीय तारा भौतिकी संस्थान (Indian Institute of Astrophysics) के वैज्ञानिकों ने ओमेगा सेंटॉरी (Omega Centauri) तारा समूह या ग्लोबुलर क्लस्टर (Globular Cluster) में हीलियम संवर्धित चमकीले तारों की खोज की है।

महत्वपूर्ण तथ्य: ये तारे हमारी आकाश गंगा (Miky Way) में स्थित सबसे बड़े तारा समूह ओमेगा सेंटॉरी के धातु समृद्ध भाग में मिले हैं।

  • ओमेगा सेंटॉरी के इन ठंडे चमकीले तारों में हीलियम की मात्रा को मापने के लिए, दक्षिणी अफ्रीकी लार्ज टेलीस्कोप (SALT) से प्राप्त उच्च रिजॉल्यूशन स्पेक्ट्रा का उपयोग किया गया।

ग्लोबुलर क्लस्टरः ग्लोबुलर क्लस्टर लाखों तारों का एक ऐसा सघन समूह है, जो अंतरिक्ष में एक ही गैसीय बादल से निर्मित होता है। इसलिए, आम तौर पर, इससे बनने वाले तारों में मौलिक तत्वों की रासायनिक संरचना एक समान होती है।

  • लेकिन ऐसे भी क्लस्टर हैं, जिनमें यह नियम आवश्यक रूप से लागू नहीं होता है- जैसे ओमेगा सेंटौरी के विभिन्न तारों में एक ही प्रकार की धातु सामग्री नहीं पाई गई है।

  • अधिकांश तारों में, हाइड्रोजन सबसे अधिक प्रचुरता में पाया जाने वाला तत्व है, लेकिन यदि हाइड्रोजन की प्रचुरता कम होती है, तो हीलियम की प्रचुरता बढ़ जाती है क्योंकि हाइड्रोजन और हीलियम का योग एक स्थिरांक होता है, जबकि अन्य भारी तत्व भी अल्प मात्र में मौजूद होते हैं।