भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता संपन्न
- 07 May 2025
6 मई को भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) ने लंदन में अंतिम दौर की वार्ता के बाद बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement - FTA) को औपचारिक रूप से पूरा करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इसे ऐतिहासिक और द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने वाला बताया।
मुख्य तथ्य एवं आंकड़े :
- व्यापार और आर्थिक प्रभाव: यह समझौता 2040 तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को £25.5 बिलियन ($34 बिलियन) तक बढ़ाने का अनुमान है। 2024 में भारत-यूके कुल व्यापार £42.6 बिलियन रहा, जिसमें भारत यूके का 11वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
- टैरिफ कटौती: भारत 90 प्रतिशत ब्रिटिश वस्तुओं पर आयात शुल्क घटाएगा, जिनमें व्हिस्की, ऑटोमोबाइल्स, मेडिकल डिवाइसेज़, कॉस्मेटिक्स, लैम्ब, सैल्मन, चॉकलेट और बिस्किट शामिल हैं। व्हिस्की और जिन पर शुल्क 150 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत किया जाएगा और 10 वर्षों में 40 प्रतिशत तक आ जाएगा। यूके भारतीय वस्त्र, फुटवियर, ऑटो पार्ट्स, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, जेम्स और ज्वेलरी आदि पर शुल्क समाप्त करेगा।
- सामाजिक सुरक्षा छूट: डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन के तहत, यूके में अस्थायी रूप से कार्यरत भारतीय कर्मचारियों और उनके नियोक्ताओं को तीन वर्षों तक यूके में सामाजिक सुरक्षा अंशदान (नेशनल इंश्योरेंस) से छूट मिलेगी, और यही छूट यूके कर्मचारियों को भारत में भी मिलेगी।
- नौकरी और निवेश: समझौते के तहत दोनों देशों में निवेश, रोजगार और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। यूके कंपनियों को भारत के सरकारी खरीद बाजार (procurement market) में भी अधिक अवसर मिलेंगे, जबकि भारतीय श्रमिकों के लिए यूके में रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
- संवेदनशील वस्तुएं और अन्य प्रावधान: भारत ने डेयरी, सेब, चीज़, चावल, चीनी, पोल्ट्री आदि जैसे संवेदनशील कृषि उत्पादों को शुल्क छूट से बाहर रखा है। यूके का कार्बन टैक्स (CBAM) समझौते में शामिल नहीं है, जिस पर आगे बातचीत जारी है।
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