भारत की मछली उत्पादन दोगुनी से अधिक
- 11 Jul 2025
10 जुलाई 2025, राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस पर भुवनेश्वर में केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री के अनुसार केंद्र सरकार की ‘ब्लू रिवोल्यूशन’ पहल के कारण भारत का मछली उत्पादन 11 वर्षों में 95.79 लाख टन से बढ़कर 195 लाख टन हो गया है।
मुख्य तथ्य:
- कुल मछली उत्पादन: 2013-14 में 95.79 लाख टन से बढ़कर 2024-25 में 195 लाख टन; भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा एक्वाकल्चर (इनलैंड मत्स्य) उत्पादक देश बना है।
- इनलैंड मत्स्य और एक्वाकल्चर में वृद्धि: इनलैंड मत्स्य और एक्वाकल्चर में 140% वृद्धि दर्ज की गई; वर्तमान में कुल मछली उत्पादन में इनलैंड फिशरीज की हिस्सेदारी लगभग 75% है।
- निर्यात और वैश्विक स्थिति: समुद्री उत्पादों का निर्यात 60,500 करोड़ रुपये से अधिक रहा; भारत लगातार झींगा (shrimp) निर्यात में वैश्विक अग्रणी बना हुआ है।
- प्रमुख सरकारी पहल: नई मत्स्य क्लस्टर, ICAR प्रशिक्षण कैलेंडर, और सीड सर्टिफिकेशन गाइडलाइंस जैसी पहलों की शुरुआत; ICAR-CIFA के अनुसंधान को जमीनी स्तर तक पहुँचाने पर बल।
- आर्थिक और सामाजिक प्रभाव: मत्स्य उत्पादन में तेज़ वृद्धि से रोजगार, किसानों की आय, और आनुषंगिक उद्योगों में भी उल्लेखनीय विस्तार हुआ है; मत्स्य क्षेत्र भारत के कृषि निर्यात में सबसे बड़ा योगदानकर्ता बन गया है।
- इनलैंड मत्स्य पालन : इनलैंड मत्स्य पालन, जिसे अंतर्देशीय मत्स्य पालन भी कहा जाता है, नदियों, झीलों, तालाबों और जलाशयों जैसे अंतर्देशीय जल निकायों में मछली पालन की एक विधि है। यह न केवल भोजन और पोषण का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, बल्कि यह आजीविका और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देता है, खासकर विकासशील देशों में।
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