खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि
- 29 May 2025
28 मई, 2025 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दी। इसका कुल परिव्यय लगभग ₹2.07 लाख करोड़ है।
मुख्य तथ्य:
- सर्वाधिक वृद्धि: पिछले वर्ष की तुलना में एमएसपी में सर्वाधिक पूर्ण वृद्धि नाइजरसीड (₹820 प्रति क्विंटल) के लिए, उसके बाद रागी (₹596), कपास (₹589) और तिल (₹579) के लिए अनुशंसित की गई है।
- संशोधित एमएसपी: नाइजरसीड का एमएसपी ₹8,717 प्रति क्विंटल से बढ़ाकर ₹9,537 किया गया है। रागी का एमएसपी ₹4,290 से बढ़ाकर ₹4,886 किया गया है। कपास की मध्यम रेशे वाली किस्म का एमएसपी ₹7,121 से ₹7,710 और लंबी रेशे वाली किस्म का ₹7,521 से ₹8,110 किया गया है। तिल का एमएसपी ₹9,267 से ₹9,846 किया गया है।
- उत्पादन लागत पर मार्जिन: एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना तय करने का लक्ष्य था। बाजरा (63%) के मामले में किसानों को उत्पादन लागत पर अनुमानित मार्जिन सबसे अधिक है, इसके बाद मक्का (59%), अरहर (59%) और उड़द (53%) का स्थान है। शेष फसलों के लिए, किसानों को उत्पादन लागत पर मार्जिन 50% अनुमानित है।
- खरीद में वृद्धि: 2014-15 से 2024-25 की अवधि के दौरान 14 खरीफ फसलों की खरीद 7,871 लाख टन हुई, जबकि 2004-05 से 2013-14 की अवधि के दौरान खरीद 4,679 लाख टन थी।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे