भगवान बुद्ध के अवशेषों की 127 वर्ष बाद भारत वापसी
- 31 Jul 2025
30 जुलाई, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिपरावा से भगवान गौतम बुद्ध के पवित्र अवशेषों के 127 वर्षों बाद भारत वापसी की घोषणा की।
मुख्य तथ्य:
- अवशेषों की खोज: ये पवित्र अवशेष 1898 में ब्रिटिश इंजीनियर विलियम क्लाक्सटन पेप्पे द्वारा उत्तर प्रदेश के पिपरावा गांव में खोजे गए थे।
- अवशेषों का इतिहास: ये अवशेष बुद्ध के अस्थि और अन्य धातु व क्रिस्टल से बने पुजनीय सामान हैं, जिन्हें ब्रिटिश शासनकाल में देश से बाहर ले जाया गया था।
- नीलामी रोकथाम: वर्ष 2025 में इन अवशेषों को हांगकांग में अंतरराष्ट्रीय नीलामी में लाने की योजना बनी थी, जिसे भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और दूतावास ने कानूनी एवं कूटनीतिक कदम उठाकर सफलतापूर्वक रोका।
- राष्ट्रीय और वैश्विक महत्व: अवशेष बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र माने जाते हैं और भारतीय सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा हैं।
- पिपरावा अवशेष:पिपरावा अवशेष भगवान बुद्ध के जीवन और उनके बाद के इतिहास की महत्वपूर्ण खोज हैं, जिनमें अस्थि, सोपस्टोन और क्रिस्टल की संदूकियाँ, साथ ही सोने और रत्नों से बने आभूषण सम्मिलित हैं। ये अवशेष बुद्ध के अनुयायियों द्वारा तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में सुरक्षित किए गए थे।
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